Johnson & Johnson
Johnson & Johnson एक समय था जब बिटेन की दिग्गज कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन के प्रोडक्ट्स काफी सेफ माने जाते थे. भारत में भी इस कंपनी के प्रोडक्ट्स काफी पॉपुलर थे और खासकर बेबी प्रोडक्ट्स. लेकिन अब आपको अगले साल से ये मार्केट में देखने को नहीं मिलेगा. जॉनसन एंड जॉनसन ने कहा कि वह 2023 में वैश्विक स्तर पर अपने पुराने टैल्क बेस्ड बेबी पाउडर उत्पादों की बिक्री बंद करने की योजना बना रहा है. यह एक ऐसा कदम है जो लगातार कानूनी लड़ाई और कंपनी द्वारा अमेरिका और कनाडा में उत्पाद बंद करने के वर्षों बाद आया है. यूएस में हजारों लोगों ने कंपनी पर मुकदमें दायर किए थे.
कंपनी ने साल 2020 में अमेरिका और कनाडा में पाउडर की बिक्री बंद कर दी थी. कंपनी के खिलाफ करीब 38,000 से अधिक मामले चल रहे हैं. J&J को उन महिलाओं के हजारों मुकदमों का सामना पड़ा जिसमें आरोप लगाया गया कि इस टैल्कम पाउडर में एस्बेस्टस होता है जिससे उन्हें ओवेरियन कैंसर हो गया. इसके अलावा अमेरिकन रेग्युलेटर्स ने भी दावा किया था कि कंपनी के बेबी पाउडर में कैंसर पैदा करने वाले तत्व मिले हैं. हालांकि कंपनी ने इस बात का खंडन किया. अब कंपनी टैल्क बेस्ड पाउडर की जगह कॉर्न स्टार्च बेस्ड पाउडर लाएगी.
क्या है कॉर्नस्टार्च पाउडर?
कॉर्नस्टार्च पाउडर मक्के से बनाया जाता है. यह स्किन केयर के तौर पर इस्तेमाल होता है क्योंकि इसमें एंटीबैक्टेरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. यह स्किन का मॉइश्चर सोखकर उसे मुलायम रखने में मदद करता है. इसमें विटामिन ए, बी1, बी2, सी और मिनरल जैसे जिंक, कैल्शियम और आयरन होता है.
सबसे सॉफ्ट मिनरल है टैल्क
टैल्कम पाउडर का इस्तेमाल लंबे समय से बेबी प्रोडक्ट्स में किया जाता रहा है. बेबी पाउडर में यूज होने वाला टैल्क दुनिया का सबसे सॉफ्ट मिनरल है जिससे बेबी को डायपर पहनने पर रैशेज नहीं होते. यह कई देशों में बनाया जाता है और पेपर, प्लास्टिक और फॉर्मास्यूटिकल्स जैसी कई बड़ी इंडस्ट्रियों में इसका इस्तेमाल किया जाता है. कई बार इसमें एसबस्टस (asbestos) मिला होता है, जो शरीर में कैंसर पैदा कर सकता है. J&J ने गुरुवार को कहा कि "हमारे कॉस्मेटिक टैल्क की सुरक्षा पर उसकी स्थिति अपरिवर्तित बनी हुई है."
लगा था 15 करोड़ का जुर्माना
2018 की रॉयटर्स की जांच में पाया गया कि J&Jदशकों से जानता था कि एस्बेस्टस, एक कार्सिनोजेन उसके टैल्क उत्पादों में मौजूद था. इंटरनल कंपनी के रिकॉर्ड, परीक्षण की गवाही और अन्य सबूतों से पता चला है कि 1971 से 2000 के दशक के बीच कम से कम एक बार कंपनी के प्रोडक्ट में एस्बेस्टस की मात्रा मिली और परीक्षण में परिणाम पॉजिटिव आया. अमेरिका की एक अदालत ने इस पाउडर से कैंसर का खतरा होने के कारण कंपनी पर 15 हजार करोड़ का जुर्माना लगाया था.
मीडिया रिपोर्टों में प्रस्तुत किए गए एस्बेस्टस कंटामिनेशन के सबूतों के जवाब में, कोर्ट रूम में और कैपिटल हिल पर कंपनी ने बार-बार कहा है कि उसके टैल्क प्रोडक्ट्स सुरक्षित हैं, और इससे कैंसर नहीं होता है.