scorecardresearch

MEIL Success Story: किसान परिवार में पैदा हुए PP Reddy ने की थी Megha Engineering की शुरुआत, आज हैं हजारों करोड़ के मालिक

Pamireddy Pitchi Reddy Story: मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (MEIL) ने पिछले 5 साल में 966 करोड़ रुपए का इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदा है. जिसके बाद ये कंपनी चर्चा में आ गई है. इस कंपनी की शुरुआत साल 1989 में किसान परिवार से आने वाले पामीरेड्डी पिची रेड्डी ने की थी. शुरुआत में कंपनी पाइपलाइन बिछाने का काम करती थी और इसका पहला ऑफिस हैदराबाद में खुला था.

Pamireddy Pitchi Reddy (Image Credit: ppreddyofficial) Pamireddy Pitchi Reddy (Image Credit: ppreddyofficial)

चुनावी बॉन्ड खरीदकर चर्चा में आई कंपनी मेघा इंजीनियरिंग (Megha Engineering) की शुरुआत 35 साल पहले साल किसान परिवार में पैदा हुए एक शख्स पामी रेड्डी पिची रेड्डी (Pamireddy Pitchi Reddy) ने की थी. इस कंपनी ने शुरुआत में पाइपलाइन बिछाने का काम किया था. लेकिन धीरे-धीरे कंपनी ने अपना कारोबार बढ़ाया. आज ये कंपनी देश की सबसे बड़ी इफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों में से एक है और इसका कारोबार 15 राज्यों में फैला है. चलिए आपको एक छोटी कॉन्ट्रैक्टिंग कंपनी से चुनावी बॉन्ड खरीदने वाली दूसरी सबसे बड़ी कंपनी बनने तक के सफर के बारे में बताते हैं.

5 लाख से कंपनी की शुरुआत-
पामी रेड्डी पिची रेड्डी का जन्म साल 1957 में आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के डोकीपर्रू गांव में एक किसान परिवार में हुआ था. पीपी रेड्डी ने शुरू में नगर पालिकाओं में छोटे पाइपलाइन बिछाने का काम किया. साल 1989 में उन्होंने मेघा इंजीनियरिंग इंटरप्राइजेज नाम से एक कंपनी खोली. इस कंपनी की शुरुआत 5 लाख रुपए की पूंजी से हुई थी. इस कंपनी का पहला ऑफिस हैदराबाद के बालानगर में एक छोटे से शेड से चलता था. पीपी रेड्डी ने इस कंपनी की शुरुआत दो लोगों के साथ की थी. इसमें पीपी रेड्डी के भतीजे पीवी कृष्णा रेड्डी भी थे. इसके बाद कंपनी ने सड़क और छोटी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के निर्माण में काम शुरू किया.

2006 में बदला कंपनी का नाम-
साल 2006 में पीपी रेड्डी ने मेघा इंजीनियरिंग एंटरप्राइजेज का नाम बदलकर मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (MEIL) कर दिया. साल 2014 में कंपनी की किस्मत बदली. तेलंगाना राज्य बनने के बाद कंपनी को सिंचाई की बड़ी परियोजनाओं का कॉन्ट्रैक्ट मिला. इसमें 1.51 लाख करोड़ रुपए की कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना भी शामिल है. इस परियोजना के तहत गोदावरी नदी का पानी तेलंगाना के सूखाग्रस्त इलाकों में पहुंचाना शामिल था. इसके अलावा मेघा इंजीनियिंग ने बांधा निर्माण, नेचुरल गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क, पावर प्लांट और सड़कों के निर्माण जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर काम किया. कंपनी ने अपना विस्तार उत्तर भारतीय राज्यों की तरफ भी किया.

सम्बंधित ख़बरें

कंपनी के बड़े प्रोजेक्ट्स-
मेघा इंजीनियरिंग को देश की सबसे लंबी और एशिया की सबसे लंबी द्वि-दिशात्मक सुरंग जोजिला टनल परियोजना पर टेंडर मिला है. यह कश्मीर घाटी और लद्दाख को जोड़ेगी. यह सुरंग 14.15 किलोमीटर लंबी होगी. इसका काम साल 2030 तक पूरा होना है. इसके अलावा कंपनी को उत्तर प्रदेश में दो इंटर-स्टेट पावर ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट और कर्नाटक में यादगीर मल्टी-विलेज ड्रिकिंग प्रोजेक्ट भी मिला. इसी तरह से आंध्र प्रदेश में कंपनी को 960 मेगावाट पोलावरम जलविद्युत परियोजना मिली.

कंपनी तेलंगानाा में 212.2 एमएलडी अंबरपेटा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और ओडिशा में ढेंकनाल ड्रिंकिंग वाटर प्रोजेक्ट पर काम कर रही है. कंपनी तमिलनाडु में कुंडा पंप स्टोरेज हाइडल पावर प्रोजेक्ट पर काम कर रही है. मेघा इंजीनियरिंग कंपनी हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी के साथ मिलकर मुंबई-बांद्रा बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के तहत बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स अंडरग्राउंड स्टेशन बना रही है. इस स्टेशन में 6 प्लेटफॉर्म बनने वाले हैं. इसके अलावा चारधाम रेलवे सुरंग प्रोजेक्ट के दो हिस्से मेघा इंजीनियरिंग कंपनी बना रही है.

विवादों में भी रही कंपनी-
मेघा इंजीनियरिंग के विवादों से भी नाता रहा. अक्टूबर 2019 में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कथित अनियमितताओं के लिए कंपनी के कार्यालयों पर छापा मारा था. पिछले साल चीनी इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी BYD और MEIL ने एक बिलियन डॉलर की इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने का प्रपोजल सरकार को दिया था, लेकिन सरकार ने उसे खारिज कर दिया था. 

Crisil की रिपोर्ट के मुताबिक 31 सितंबर 2023 तक MEIL के पास 1,87 लाख करोड़ रुपए का ऑर्डर बुक था. वित्त वर्ष 2024 के पहले 6 महीनों में MEIL ने 14341 करोड़ रुपए का रेवेन्यू और टैक्स चुकाने के बाद 1345 करोड़ रुपए का लाभ दिखाया है.

कंपनी ने खरीदा इलेक्टोरल बॉन्ड-
फिलहाल मेघा इंजीनियरिंग के प्रबंध निदेशक पीपी कृष्ण रेड्डी हैं, जो कंपनी के मालिक पामीरेड्डी पिची रेड्डी के रिश्तेदार हैं. कंपनी ने 5 साल में 966 करोड़ रुपए इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे हैं. जिसकी बाद कंपनी चर्चा में आ गई है. मेघा इंजीनियरिंग चुनावी बाॉन्ड खरीदने वाली दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है.

ये भी पढ़ें: