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New Income Tax Bill 2025: टैक्स में ज्यादा छूट... रिफंड का दावा असान... जानें नया आयकर विधेयक में मिडिल क्लास के लिए और क्या

Income Tax Bill 2025 Impact: नया आयकर विधेयक 2025 लोकसभा में पास हो गया है. यह बिल छह दशक पुराने आयकर अधिनियम, 1961 का स्थान लेगा. आइए जानते हैं नया इनकम टैक्स बिल से मिडिल क्लास की आर्थिक स्थिति पर क्या असर पड़ेगा?

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हाइलाइट्स
  • न्यू टैक्स प्रणाली अब होगी डिफॉल्ट

  • बेसिक छूट सीमा 3 लाख से बढ़ाकर की गई है 4 लाख रुपए

न्यू इनकम टैक्स बिल 2025 (New Income Tax Bill 2025) लोकसभा में बिना चर्चा के पास हो गया है. यह बिल आयकर अधिनियम, 1961 का स्थान लेगा. इस नए आयकर विधेयक को लाने का उद्देश्य कर प्रक्रियाओं को सरल बनाना और पिछली कमियों को दूर करना है. न्यू इनकम टैक्स बिल 2025 में सभी टैक्सपेयर्स को लाभ पहुंचाने के लिए स्लैब और दरों में व्यापक बदलाव किए गए हैं. नए स्ट्रक्चर से मिडल क्लास यानी मध्यमवर्गीय लोगों के टैक्स में कमी आएगी. 

नया आयकर विधेयक से मिडिल क्लास को क्या-क्या होंगे फायदे
1. पुराने आयकर विधेयक में 47 अध्याय और 819 धाराएं थी, जिसे घटाकर न्यू इनकम टैक्स बिल में 23 अध्याय और 536 धाराएं रखी गई हैं. इससे टैक्सपेयर्स के लिए नियम समझना और पालन करना आसान होगा.

2. न्यू टैक्स प्रणाली अब डिफॉल्ट होगी. बेसिक छूट सीमा 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 4 लाख रुपए की गई है. 

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3. सेक्शन 87A के तहत टैक्स रिबेट 25000 रुपए से बढ़ाकर 60000 रुपए कर दिया गया है. इससे 12 लाख रुपए तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. स्टैंडर्ड डिडक्शन 75000 रुपए बना रहेगा.

4. नया इनकम टैक्स बिल देर से रिटर्न दाखिल करने वालों को भी टैक्स रिफंड का दावा करने की सुविधा देता है. पहले ये प्रावधान नहीं था, जिससे कई करदाता रिफंड से वंचित रह जाते थे.

5. नया आयकर विधेयक के अनुसार अब टीडीएस फाइल करने में देरी होने पर कोई वित्तीय जुर्माना नहीं लगेगा. 

6. किराया, ब्याज, डिविडेंड, कमीशन और प्रोफेशनल फीस जैसे कई मदों में TDS/TCS की सीमा दोगुनी या उससे अधिक की गई है. इससे छोटे लेनदेन पर टैक्स कटौती की जरूरत घटेगी. 

7. जिन करदाताओं पर कोई टैक्स देनदारी नहीं है, वे अब अग्रिम रूप से निल-टीडीएस सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं. ये सुविधा भारतीय और अनिवासी दोनों करदाताओं के लिए लागू होगी.

8. पुराने कानून में खाली घरों पर अनुमानित किराए पर टैक्स लगता था, जिसे अब हटा दिया गया है. इससे उन लोगों को राहत मिलेगी जिनके पास किराए पर न दी गई संपत्तियां हैं.

9. नए बिल में हाउस प्रॉपर्टी से आय पर 30% स्टैंडर्ड डिडक्शन और किराए पर दी गई संपत्ति पर ब्याज कटौती को स्पष्ट किया गया है.

10. गृह संपत्तियों से आय पर कर की गणना करने के लिए धारा 21 के तहत निर्धारित मानक कटौती 30 प्रतिशत निर्धारित की गई है. संपत्ति खरीदने, निर्माण करने, मरम्मत करने आदि के लिए उधार ली गई पूंजी पर देय ब्याज भी काटा जाएगा.

11. कुछ टैक्सपेयर्स के लिए कम्यूटेड पेंशन, एकमुश्त पेंशन भुगतान पर स्पष्ट रूप से कर कटौती होगी. यह उन लोगों पर लागू होता है जो एलआईसी पेंशन फंड जैसे विशिष्ट फंडों से पेंशन प्राप्त करते हैं.

12. अंतर-कॉर्पोरेट लाभांश यानी किसी कंपनी को किसी अन्य कंपनी में रखे गए शेयरों से प्राप्त होने वाले लाभांश के लिए कटौती को धारा 80एम के तहत बहाल कर दिया गया है.

13. प्रस्तावित परिवर्तनों और संशोधनों में एक 'कर वर्ष' की अवधारणा भी शामिल है, जो 'वित्तीय वर्ष' या FY और 'लेखा वर्ष' या AY के एक साथ इस्तेमाल की जगह लेगी.

14. आयकर विधेयक में अग्रिम कर के कम भुगतान पर ब्याज संबंधी प्रावधान में संशोधन किया गया है. संशोधन के तहत अग्रिम कर के कम भुगतान पर 3% ब्याज लगाने का प्रावधान किया गया है. 

इस प्रकार है टैक्स स्लैब 
नया विधेयक व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों और अन्य के लिए बजट 2025 में घोषित नई व्यवस्था को बरकरार रखता है. इसके तहत टैक्स स्लैब इस प्रकार हैं
1. 400000 रुपए तक: शून्य
2. 400001 से 800000 रुपए तक: 5 प्रतिशत
3. 800001 से 1200000 रुपए तक: 10 प्रतिशत
4. 1200001 से 1600000 रुपए तक: 15 प्रतिशत
5. 1600001 से 2000000 रुपए तक: 20 प्रतिशत
6. 2000001 से 2400000 रुपए तक: 25 प्रतिशत
7. 2400000 रुपए से ऊपर: 30 प्रतिशत