scorecardresearch

Jio-BlackRock Partnership: मुकेश अंबानी की म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में एंट्री! जियो-ब्लैकरॉक को SEBI की मंजूरी

रिलायंस चेयरमैन मुकेश अंबानी की कंपनी जियो फाइनेंशियल सर्विसेज म्यूचुअल फंड सेक्टर में एंट्री के लिए तैयार है. जियो फाइनेंशियल सर्विसेज और ब्लैकरॉक को SEBI से अंतिम मंजूरी मिल गई है. जियो और ब्लैकरॉक की यह पार्टनरशिप जुलाई 2023 में सामने आई थी.

Mukesh Ambani Mukesh Ambani

भारत के म्यूचुअल फंड सेक्टर में अब मुकेश अंबानी की एंट्री होने जा रही है. जियो फाइनेंशियल सर्विसेज और ग्लोबल इन्वेस्टमेंट दिग्गज ब्लैकरॉक को म्यूचुअल फंड कारोबार शुरू करने के लिए सेबी (SEBI) से अंतिम मंजूरी मिल गई है. SEBI ने 26 मई 2025 को जियो ब्लैकरॉक म्यूचुअल फंड को रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी किया है. इसके साथ ही Jio BlackRock Asset Management Pvt. Ltd. को एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) के रूप में काम करने की भी अनुमति दी गई है.

2023 में हुई थी साझेदारी, अब लॉन्च को तैयार पहला फंड-
जियो और ब्लैकरॉक की यह पार्टनरशिप जुलाई 2023 में सामने आई थी. अक्टूबर 2024 में SEBI से इन-प्रिंसिपल अप्रूवल मिल गया था. इसके बाद दो नई कंपनियों — Jio BlackRock Asset Management Pvt. Ltd. और Jio BlackRock Trustee Pvt. Ltd. की स्थापना की गई.

अब फाइनल अप्रूवल मिलने के बाद यह जॉइंट वेंचर जल्द ही अपना पहला म्यूचुअल फंड लॉन्च करेगा. यह सब ऐसे वक्त पर हो रहा है जब देश में म्यूचुअल फंड बाजार अपनी नई ऊंचाइयों पर पहुंच रहा है.

सम्बंधित ख़बरें

भारत का म्यूचुअल फंड बाजार: आंकड़े बताते हैं बूम-
वित्त वर्ष 2024-25 में भारत के म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का कुल AUM ₹65.74 लाख करोड़ तक पहुंच गया, जो मार्च 2024 के ₹53.40 लाख करोड़ से 23% ज्यादा है.

  • नेट इनफ्लो: ₹8.15 लाख करोड़
  • फोलियो की संख्या: 23.45 करोड़
  • यूनिक इन्वेस्टर्स: 5.67 करोड़
  • महिला निवेशक: 1.38 करोड़ (कुल का 26%)

इक्विटी स्कीम्स: सबसे आगे, SIP का भी बोलबाला-

  • इक्विटी स्कीम्स में 33.4% की बढ़ोतरी, फोलियो हुए 16.38 करोड़
  • हाइब्रिड स्कीम्स में 16% की वृद्धि
  • इंडेक्स फंड और ETF में 48.3% की शानदार छलांग
  • डेट स्कीम्स में गिरावट, फोलियो घटे 3%

SIP का जलवा-

  • सालाना योगदान 45.24% बढ़कर ₹2.89 लाख करोड़
  • SIP से जुड़ी AUM ₹3.35 लाख करोड़, जो इंडस्ट्री के कुल AUM का 20% है.

क्या होगा असर?
इस नई एंट्री से भारत के निवेशकों को म्यूचुअल फंड के और विकल्प मिलेंगे. साथ ही, बड़े खिलाड़ियों की मौजूदगी से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और टेक्नोलॉजी आधारित निवेश प्लेटफॉर्म्स को भी मजबूती मिलेगी.

ये भी पढ़ें: