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Bank Minimum Balance Rule: अब Saving Account में मिनिमम बैलेंस न होने पर भी कोई जुर्माना नहीं, जानें किन बैंकों ने दिया अपने ग्राहकों को ये तोहफा

Saving Account: देश के कई सरकारी बैंकों ने अपने लाखों ग्राहकों को खुशखबरी दी है. सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस नहीं होने पर कोई भी जुर्माना नहीं लगाने का निर्णय लिया है. आइए इन बैंकों के बारे में जानते हैं.

Bank Minimum Balance Rule Bank Minimum Balance Rule

यदि आपका बैंकों में सेविंग अकाउंट (Saving Account) यानी बचत खाता है तो आपके लिए अच्छी खबर है. देश के कई सरकारी बैंकों ने सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस नहीं होने पर कोई भी जुर्माना नहीं लगाने का निर्णय लिया है.

इसका मतलब है कि आपके बैंक खाते में एक भी रुपए नहीं हो तो भी आप पर कोई चार्ज नहीं लगेगा. बैंकों का ऐसा करने का उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को बैकिंग सर्विस से जोड़ना है. आइए जानते हैं किन-किन सरकारी बैंकों ने सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है. उससे पहले जानते हैं क्या होता है सेविंग अकाउंट और मिनिमम एवरेज बैलेंस?

क्या होता है सेविंग अकाउंट 
सेविंग अकाउंट व्यक्तिगत बचत खाता होता है. इस खाता के खोले जाने का मुख्य उद्देश्य पैसों की सेविंग करना है. बचता खाता में ग्राहक को चेकबुक, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग जैसी सुविधाएं भी मिलती हैं. सेविंग अकाउंट में सैलरी अकाउंट की तुलना में कम ब्याज दर मिलती है. 

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मिनिमम एवरेज बैलेंस
मिनिमम एवरेज बैलेंस यानी MAB वो औसत रकम है, जो बैंक ग्राहक के बैंक अकाउंट में हर महीने रहनी चाहिए. आपको मालूम हो कि बैंक चाहता है कि उसके ग्राहक के खाते में हमेशा कुछ न कुछ पैसा रहे ताकि खाता चलता रहे और बैंक को उसका रखरखाव करने में आसानी हो. अब कई बैंकों ने न्यूनतम बैलेंस रखने के झंझट को खत्म कर दिया है. अभी तक मिनिमम बैलेंस कम होने पर जुर्माना लगाया जाता था. ये जुर्माना अकाउंट के प्रकार और भौगोलिक स्थिति (शहरी, अर्ध-शहरी या ग्रामीण शाखाएं) के आधार पर अलग-अलग थे. ये जुर्माना 10 रुपए से लेकर 600 रुपए या उससे अधिक होता था.

इंडियन बैंक
अपने ग्राहकों को इंडियन बैंक ने बड़ी राहत दी है. इस बैंक ने सभी सेविंग्स अकाउंट्स में मिनिमम एवरेज बैलेंस रखने की शर्त पूरी तरह से हटा दिया है. इसका मतलब है कि ग्राहकों को मिनिमम बैलेंस न रखने पर कोई जुर्माना नहीं देना होगा. यह नई सुविधा 7 जुलाई 2025 से लागू होगी.

पंजाब नेशनल बैंक
PNB यानी पंजाब नेशनल बैंक भी सेविंग्स अकाउंट्स पर मिनिमम एवरेज बैलेंस न रखने वालों पर कोई जुर्माना नहीं लगाएगा. पीएनबी ने एवरेज मंथली बैलेंस की अनिवार्यता को 1 जुलाई 2025 से खत्म कर दिया है. पहले इस बैंक का कोई ग्राहक अपने सेविंग अकाउंट में तय बैलेंस से कम रकम रखता था, तो जितनी राशि की कमी होती थी, उसके हिसाब से जुर्माना लगाया जाता था. इसका मतलब है कि बैलेंस में जितनी ज्यादा कमी जुर्माना भी उतना ही ज्यादा. 

केनरा बैंक
मई 2025 में केनरा बैंक ने अपने सभी तरह के बचत खातों जैसे रेगुलर सेविंग्स, सैलरी अकाउंट और NRI सेविंग्स अकाउंट के लिए औसत मासिक बैलेंस की शर्त को हटाने की घोषणा की थी. बैंक की इस घोषणा से ग्राहकों को काफी राहत मिली है. अब ये न्यूनतम बैलेंस की चिंता किए बिना बैंक अकाउंट का इस्तेमाल कर सकेंगे. 

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
SBI यानी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 11 मार्च 2020 में ही अपने सभी सेविंग्स अकाउंट्स के लिए न्यूनतम बैलेंस की अनिवार्यता खत्म कर दी थी. इस बैंक के ग्राहकों को बैलेंस कम होने पर किसी भी तरह के जुर्माने का सामना नहीं करना पड़ता है. 

वसूले थे इतने करोड़ रुपए
11 सरकारी बैंकों ने वित्त वर्ष 2023-24 में बैंक खातों में न्यूनतम शेष राशि नहीं रखने पर खाताधारक से 2331 करोड़ रुपए वसूले थे. यह वित्त वर्ष 2022-23 में वसूले गए 1855.43 करोड़ रुपए से 25.6 प्रतिशत अधिक थे.