
भदोही जिले की रहने वाली संतोषी देवी आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. कभी आर्थिक तंगी से जूझने वाली संतोषी ने स्वयं सहायता समूह से जुड़कर जो मुकाम हासिल किया है, वो आज हजारों महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गया है. अब उनकी इस मेहनत और आत्मनिर्भरता की कहानी को खुद सरकार ने सराहा है.
15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले पर आयोजित मुख्य समारोह में संतोषी को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है. सरकार की ओर से उन्हें पत्र भेजकर बुलावा मिला है.
संघर्ष से शुरू हुआ सफर, आज हैं सफल व्यवसायी
ज्ञानपुर विकास खंड के लक्ष्मणपट्टी गांव की रहने वाली संतोषी ने इंटर तक पढ़ाई की है. शादी के बाद घर की आर्थिक स्थिति कमजोर थी. परिवार की जरूरतों को पूरा करना चुनौती बन गया था. एक साल पहले उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 'अनन्या आजीविका स्वयं सहायता समूह' से जुड़कर अपनी नई यात्रा शुरू की.
एक साथ चला रहीं दो बिजनेस
संतोषी ने समूह से 1.5 लाख रुपये का कर्ज लिया और भदोही के देवनाथपुर बाजार में साड़ी की दुकान शुरू की. उनकी मेहनत रंग लाई, ग्राहक बढ़े और मुनाफा भी. इसके बाद उन्होंने टेंट हाउस का बिजनेस भी शुरू कर दिया. आज वह खुद तो आत्मनिर्भर बनी ही हैं, साथ में 14 अन्य महिलाओं को भी रोजगार और प्रेरणा दे रही हैं.
उत्तर प्रदेश की जिन 14 लखपति दीदियों को 15 अगस्त को लाल किले पर बुलाया गया है, उनमें भदोही से दो महिलाएं संतोषी और आरती शामिल हैं. 13 अगस्त को सभी लखपति दीदियां लखनऊ पहुंचेंगी, जहां से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद उन्हें दिल्ली के लिए रवाना करेंगे.
संतोषी आज ‘लखपति दीदी’ की पहचान पा चुकी हैं और अब उनका सपना है कि वो और ज्यादा महिलाओं को आत्मनिर्भरता की राह पर लेकर जाएं. सरकार के इस सम्मान से उत्साहित संतोषी ने कहा, मैं कभी सोच भी नहीं सकती थी कि मेरे जैसे गांव की महिला को देश की राजधानी बुलाया जाएगा. ये सम्मान मेरे जैसे हजारों महिलाओं के लिए प्रेरणा है.