प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर आज के आधुनिक जमाने में भी बहुत से परिवारों में बेटियों को बोझ समझा जाता है. लोगों को बेटी के जन्म से ही उनकी शिक्षा, शादी और सुरक्षा की चिंता होने लगती है. और कई बार इसी चिंता में लोग बेटियों के जन्म को ही बुरा समझने लगते हैं.
लेकिन अगर बेटी के जन्म से ही सही फाइनेंसियल प्लानिंग की जाए तो बेटियां किसी पर भी बोझ नहीं होंगी. बल्कि आप अपनी बेटी को पढ़ा-लिखाकर उसे अपने पैरों पर खड़ा कर सकेंगे ताकि वह आत्मनिर्भर बन सके.
सबसे अच्छी बात है कि बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सरकार ने भी कई तरह की स्कीम्स चलाई हुई हैं. जिनके लिए आप अपनी बेटी के जन्म से ही रजिस्टर कर सकते हैं. स्कीम के अलावा और भी कई प्राइवेट तरीकों से आप बेटियों के लिए सेविंग कर सकते हैं.
इन तरीकों से करें बेटियों का भविष्य आर्थिक तौर पर सिक्योर:
सुकन्या समृद्धि योजना:
सरकार ने 2015 में सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत 10 साल से कम उम्र की बच्ची का खाता खुलवाया जा सकता है. आप पोस्ट ऑफिस या किसी भी बड़े बैंक में आसानी से खाता खुलवा सकते हैं.
स्कीम के अंतर्गत ज्यादातर दो बच्चियों का खाता खुल सकता है, लेकिन अगर किसी की जुड़वां बच्चियां हैं तो तीन बच्चियों खाता खुलवाया जा सकता है. सुकन्या समृद्धि खाते को कम से कम 250 रुपये में खुलवाया जाता है और एक वित्त वर्ष में कम से कम 250 रुपये और ज्यादा से ज्यादा 1.5 लाख रुपये जमा कर सकते हैं.
बच्ची की ओर से उसके बायोलॉजिकल माता-पिता या कानूनी अभिभावक खाता खोल सकते हैं. सुकन्या समृद्धि खाते में खाता खुलवाने की तारीख से लेकर अधिकतम 14 वर्ष तक या बच्ची के 21 वर्ष के हो जाने तक पैसा जमा कर सकते हैं.
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC):
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट भी भारत सरकार की एक पहल है. यह एक फिक्स्ड इनकम इन्वेस्टमेंट स्कीम है. पोस्ट ऑफिस में NSC का मैच्योरिटी पीरियड 5 साल और मौजूदा ब्याज दर 6.8 फीसदी सालाना है. NSC में आप मात्र 1000 रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं.
इसमें निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं है. कोई भी भारतीय नागरिक किसी भी डाकघर से नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट ले सकता है. इस स्कीम को सिंगल या ज्वॉइंट में, 10 साल से अधिक उम्र के नाबालिग या नाबालिग के नाम पर कोई वयस्क, दिमागी रूप से कमजोर व्यक्ति के नाम पर उसके अभिभावक ले सकते हैं.
NSC में निवेश किए गए पैसे पर आयकर कानून के सेक्शन 80C के तहत डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं.
फिक्स्ड डिपॉजिट या रिकरिंग डिपॉजिट (FD या RD):
भारत में फिक्स्ड डिपॉजिट को बचत के लिए एक सुरक्षित, आसान व पॉपुलर विकल्प माना जाता है. आप अपनी बच्ची के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) शुरू कर सकते हैं. इस पर सेविंग्स अकांउट से अधिक ब्याज रहता है.
अगर आप एक बार में बड़ी रकम जमा कर बचत नहीं कर सकते हैं तो रिकरिंग डिपॉजिट (RD) करा सकते हैं. इसमें आप हर महीने थोड़ा-थोड़ा अमाउंट डाल सकते हैं. आप अलग-अलग बैंकों के FD और RD रेट्स की तुलना कर अपनी सहूलियत के मुताबिक बैंक और अकाउंट चुन सकते हैं.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF):
आप PPF के जरिये भी अपनी बेटी के लिए बचत कर सकते हैं. क्योंकि PPF में निवेश किया जाने वाले पैसे, उस पैसे पर मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने पर मिलने वाली धनराशि- इन तीनों पर टैक्स से छूट है.
कोई भी भारतीय नागरिक अपना PPF अकाउंट शुरू कर सकता है. इसे नाबालिग के नाम पर भी खुलवाया जा सकता है. PPF फिक्स्ड ब्याज दर वाली स्कीम है लेकिन दर हर तिमाही पर बदलती है. मौजूदा ब्याज दर 7.1 फीसदी सालाना है.
PPF में एक वित्त वर्ष में कम से कम 500 रुपये और ज्यादा से ज्यादा 1.5 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं. यह अकाउंट डाकघर और बैंकों में खोला जा सकता है. PPF का मैच्योरिटी पीरियड 15 साल है. लेकिन कुछ खास परिस्थितियों में PPF को मैच्योरिटी से पहले क्लोज किया जा सकता है.
SIP के जरिए म्युचुअल फंड:
म्यूचुअल फंड भी आजकल बचत का अच्छा तरीका है. इसके जरिये भी आप अपनी बच्ची के लिए बचत कर सकते हैं. लेकिन इसमें भी निवेश के लिए सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) तरीके से इंवेस्ट करें. SIP की मदद से आप म्युचुअल फंड में हर महीने एक फिक्स्ड अमाउंट डाल सकते हैं.
और जितने चाहे सालों के लिए म्युचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं. लेकिन ध्यान रहे कि म्युचुअल फंड में निवेश से पहले इसके बारे में पूरी तरह जान लें.