
यूपीआई यूजर ध्यान दें! नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) 1 अगस्त 2025 से यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के नियमों में बड़ा बदलाव करने जा रही है. यदि आप ऑनलाइन पेमेंट के लिए फोनपे, गूगल पे या पेटीएम जैसे ऐप्स के जरिए यूपीआई का प्रयोग करते हैं तो आपको इन बदलावों की जानकारी होनी चाहिए. हम आपको UPI से जुड़े क्या-क्या नियम बदलने वाले हैं, यह तो बताएंगे ही साथ में इस बात की भी जानकारी देंगे कि आखिर यूपीआई क्या है और NPCI ने ठगी से बचने के लिए यूपीआई ऑनलाइन ट्रांजैक्शन को लेकर क्या सुझाव दिए हैं?
क्या है UPI
1. यूपीआई यानी यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस को साल 2016 में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की ओर से शुरू किया गया था.
2. UPI का मतलब एक रियल टाइम पेमेंट सिस्टम होता है, जिसकी मदद से आप एक बैंक के अकाउंट से दूसरे बैंक के अकाउंट में पैसा तुरंत ट्रांसफर कर सकते हैं.
3. UPI की सुविधा पूरी तरह से फ्री है. इसके कारण आज यह हमारे देश में पैसे के लेन-देन का सबसे बड़ा माध्यम बन गया है.
4. आप दुकानों पर छोटे से छोटे भुगतान के लिए भी यूपीआई का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसमें लेनदेन राशि पर कोई न्यूनतम सीमा नहीं है.
ऐसे काम करता है यूपीआई
1. UPI के माध्यम से पैसे ट्रांसफर करना काफी आसान है.
2. यूपीआई सर्विस के इस्तेमाल के लिए सबसे पहले एक वर्चुअल पेमेंट एड्रेस बनाना होता है.
3. आपके मोबाइल में फोन पे, पेटीएम, गूगल पे, भीम आदि कोई यूपीआई ऐप होनी चाहिए.
4. आपको अपने बैंक अकाउंट को यूपीआई ऐप से लिंक करना होता है.
5. एक बार लिंक हो जाने के बाद, आपको बैंक अकाउंट नंबर, बैंक का नाम या IFSC कोड याद रखने की जरूरत नहीं होती.
6. रुपए भेजने वाला व्यक्ति सिर्फ आपके मोबाइल नंबर या UPI ID के जरिए आपको पेमेंट कर सकता है.
7. यूपीआई के माध्यम से आप एक बैंक अकाउंट को कई यूपीआई ऐप से लिंक कर सकते हैं
8. कई बैंक अकाउंट को एक यूपीआई ऐप के जरिए भी चला सकते हैं.
1 अगस्त यूपीआई में क्या-क्या होंगे बदलाव
1. बैलेंस चेक लिमिट
वैसे यूपीआई यूजर्स जो बार-बार बैलेंस चेक करते हैं. उनको 1 अगस्त 2025 से परेशानी हो सकती है. नए नियम के तहत यूपीआई यूजर्स एक दिन में सिर्फ 50 बार ही बैलेंस चेक कर सकते हैं.
2.अटके पेमेंट की स्टेटस चेक करने की लिमिट
यदि किसी यूपीआई यूजर्स का पेमेंट अटक गया है, तो वे 1 अगस्त 2025 से इसके स्टेट्स को सिर्फ तीन बार ही चेक कर सकेंगे. हर स्टेटस चेक के बीच कम से कम 90 सेकेंड का गैप रखना होगा.
3. ऑटो पेमेंट में बदलाव
वैसे यूपीआई यूजर्स जो नेटफ्लिक्स, एसआईपी जैसी सब्सक्रिप्शन बेस्ड प्रोडक्ट्स के लिए ऑटो डेबिट पेमेंट्स फीचर्स का इस्तेमाल करते हैं, वे 1 अगस्त 2025 से ये पेमेंट्स नॉन पीक ऑवर्स में ही कर पाएंगे. इनकी पेमेंट सुबह 10 बजे से पहले दोपहर 1 से शाम 5 बजे तक और रात को 9.30 बजे के बाद कर सकते हैं.
4. लिंक्ड अकाउंट्स की जानकारी
1 अगस्त 2025 से मोबाइल नंबर किन-किन बैंक अकाउंट्स से जुड़ा है, यह चेक भी यूपीआई यूजर्स एक दिन में 25 बार ही कर सकेंगे.
UPI का इस्तेमाल लोन अकाउंट से पेमेंट करने में भी
NPCI के नए नियम के अनुसार अब आप अपनी क्रेडिट लाइन को यूपीआई से जोड़ सकेंगे, यानी अब आप बैंकों से लिए गए लोन को भी यूपीआई से इस्तेमाल कर पाएंगे. आप अगस्त 2025 से सीधे अपने बिजनेस लोन अकाउंट से यूपीआई पेमेंट कर पाएंगे. यह लोन एफडी, शेयर, बॉन्ड, प्रॉपर्टी, सोना आदि के बदले में लिया गया हो सकता है. पहले यूपीआई से सिर्फ पर्सन टू मर्चेंट ट्रांजैक्शन ही हो सकते थे लेकिन अब आप कैश निकाल सकते हैं, पर्सन टू पर्सन ट्रांजैक्शन कर सकते हैं और P2PM ट्रांजैक्शन भी कर सकते हैं.
NPCI ने यूपीआई ऑनलाइन ट्रांजैक्शन को लेकर दिए हैं ये सुझाव
1. डिजिटल पेमेंट फ्रॉड और ठगी के मामलों देश में बढ़ रहे हैं. इसको देखते हुए NPCI ने UPI और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन को सुरक्षित रखने के लिए कई सुझाव दिए हैं.
2. यूपीआई यूजर्स को भरोसेमंद ऐप और वेबसाइट से ही रुपए का अदान-प्रदान करना चाहिए.
3. कभी भी किसी अनजान व्यक्ति द्वारा भेजे गए लिंक पर क्लिक न करें.
4. प्ले स्टोर या ऐप स्टोर पर ऐप का पब्लिशर चेक करें.
5. APK फाइल्स या SMS, ईमेल या सोशल मीडिया से भेजे गए संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें.
6. किसी को पेमेंट करने से पहले डिटेल्स जरूर चेक करें.
7. कभी भी UPI पिन या OTP किसी से शेयर न करें.
8. SMS और ऐप नोटिफिकेशन को ऑन रखें. हर अलर्ट को ध्यान से पढ़ें और कुछ भी गलत या संदिग्ध लगे तो तुरंत अपने बैंक या पेमेंट ऐप से संपर्क करें.