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US 50% Tariff on India: हीरे-ज़ेवरात से लेकर इलेक्ट्रॉनिक सामान तक... ट्रम्प के टैरिफ लगाने से कौन-कौनसे क्षेत्रों को लगेगा कितना झटका, जानिए सब कुछ

अमेरिका के 50% टैरिफ का भारत के टेक्सटाइल,  लेदर,  जेम्स एंड ज्वेलरी, ऑटो कंपोनेंट, केमिकल, फार्मा, सीफूड, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि सेक्टरों पर बहुत बुरा असर पड़ने की संभावना है.

आज से लागू हो जाएगा भारत पर ट्रंप का 50% टैरिफ (Photo: ITGD) आज से लागू हो जाएगा भारत पर ट्रंप का 50% टैरिफ (Photo: ITGD)
हाइलाइट्स
  • अमेरिकी टैरिफ से देश में 10 लाख रोजगार को खतरा - सीटीआई

  • सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

  • अमेरिका से आयात होने वाले सामान पर भी 50% जवाबी टैरिफ लगाए भारत सरकार - सीटीआई

अमेरिका ने भारत से आयात की जाने वाली चीजों पर 25% अतिरिक्त शुल्क का ड्राफ्ट नोटिस जारी कर दिया है जो कि 27 अगस्त यानी आज से लागू हो जाएगा, ट्रंप के ऐलान के मुताबिक, सात अगस्त से भारत पर पहले से ही 25% टैरिफ लागू है. अब बुधवार से यह कुल 50% हो जाएगा. 

दिल्ली और देश में व्यापारियों और उद्यमियों के शीर्ष संगठन चैंबर ऑफ ट्रेंड एंड इंडस्ट्री (CTI) के चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि अमेरिका के 50% टैरिफ का भारत के टेक्सटाइल,  लेदर,  जेम्स एंड ज्वेलरी, ऑटो कंपोनेंट, केमिकल, फार्मा, सीफूड, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि सेक्टरों पर बहुत बुरा असर पड़ेगा और इससे देश में 10 लाख लोगों के रोजगार पर संकट पैदा हो सकता है.

भारत के लिए कितना बुरा है टैरिफ?
बृजेश गोयल ने बताया कि बढ़े हुए टैरिफ के चलते दूसरे देशों के मुकाबले में भारतीय माल अमेरिका में 35% तक महंगा हो जाएगा जिसके कारण वहां के खरीदार भारत के मुकाबले में दूसरे देशों को तवज्जो देंगे. सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल के मुताबिक 48 अरब डॉलर से ज्यादा का भारतीय निर्यात इससे प्रभावित हो सकता है. 

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कौन-कौनसे क्षेत्र होंगे प्रभावित?
सीटीआई महासचिव राहुल अदलखा और राजेश खन्ना के मुताबिक भारत अमेरिका को 53% फार्मास्युटिकल, 53% वस्त्र एवं परिधान, 37% रत्न और आभूषण, 28% ऑटो कंपोनेंट, 13% केमिकल, 22% सीफूड आदि का निर्यात करता है. व्यापारी वर्ग में एक बड़ा कन्फ्यूजन यह है कि जो कंपनियां यहां ऑर्डर ले चुकी हैं या या जो माल रास्ते में है और जाने में कुछ समय लगेगा, उनका क्या होगा. 

CTI के मुताबिक, भारत ने 2024 में अमेरिका को 1.7 लाख करोड़ के इंजीनियरिंग गुड्स निर्यात किए थे, जिसमें स्टील प्रॉडक्ट्स, मशीनरी, ऑटोमोबाइल पार्ट्स आदि शामिल होते हैं, अभी इन माल पर 10 प्रतिशत टैरिफ लगता था. ऐसे में अगर कोई सामान अगर 100 डॉलर का है तो वह अमेरिका में 110 डॉलर का बिकता था.

अब 50 प्रतिशत के टैरिफ के बाद यह माल वहां 150 डॉलर में बिकेगा, जिसकी वजह इन वस्तुओं के निर्यात में 20-25  प्रतिशत की कमी आ सकती है. इसी तरह जेम्स एंड ज्वेलरी पर भी पहले 10 प्रतिशत टैरिफ था, जो भारत ने पिछले साल 90 हजार करोड़ रुपये का निर्यात किया था. वहीं, टेक्सटाइल पर 10 प्रतिशत टैरिफ ही था, जो अब 50 प्रतिशत कर दिया गया है. 

इसके साथ ही भारत ने अमेरिका को पिछले साल इलेक्ट्रोॉनिक्स गुड्स में 1.25 लाख करोड़ निर्यात किया था, अभी इस पर 0.41 प्रतिशत का टैरिफ लगता था, ऐसे में 100 डॉलर वाला स्मार्टफोन 100.41 डॉलर का पड़ता था, अब नए टैरिफ के हिसाब से यही 150  डॉलर का पड़ेगा, ऐसे में इलेक्ट्रोॉनिक कंपनियों का व्यापार भी प्रभावित होगा. 

इसके अलावा फार्मा सेक्टर में 92 हजार करोड़ की दवाइयों का निर्यात किया गया था, इस पर 0 प्रतिशत टैरिफ था, लेकिन अब 50 प्रतिशत टैरिफ करने से  यही 100 डॉलर की दवा 150 डॉलर हो जाएगी. वियतनाम भी अमेरिका को दवाई का बड़ा सप्लायर है, ऐसे में भारत को वियतनाम से चैलेंज मिलेगा और यहां के दवाई कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ेंगी. 

भारत भी लगाए जवाबी टैरिफ
बृजेश गोयल ने बताया कि आज उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि जर्मनी, ब्रिटेन, सिंगापुर, मलेशिया जैसे देशों में इंजीनियरिंग गुड्स की डिमांड बढ़ती जा रही है. ऐसे में भारत को इन देशों में माल बेचने के लिए विकल्प तलाशने चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि भारत को भी इस धमकी से डरने की जरूरत नहीं है. 

गोयल की राय है कि भारत को भी अमेरिका से आयात होने वाले सामान पर टैरिफ लगाना चाहिए. मिनरल्स, महंगे रत्न, आभूषण, सिक्के, मेटल्स, न्यूक्लियर रिएक्टर्स और हवाई जहाज के उपकरण, इलेक्ट्रिकल उपकरण, ऑप्टिकल उपकरण, प्लास्टिक, केमिकल, नट्स ड्राईफ्रूट्स, आयरन, स्टील आदि सामान बड़े लेवल अमेरिका से भारत आता है.