Bulbuli Khatun
Bulbuli Khatun असम के विश्वनाथ जिले में एक 45 वर्षीय महिला ने 10वीं की परीक्षा पास करके पुरानी कहावत को साबित कर दिया कि 'सीखने की कोई उम्र नहीं होती' है. हाल ही में, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड असम ने दसवीं कक्षा का परिणाम जारी किया है. जिसमें तीन बच्चों की मां बुलबुली खातून ने भी अच्छे नंबरों से परीक्षा पास की है.
बुलबुली खातून ने 22 साल पहले पारिवारिक कारणों से शिक्षा छोड़ दी थी. पर पढ़ाई की चाहत कहीं मन में दबी रही. इस बार वह विश्वनाथ घाट के फखरुद्दीन अली अहमद हाई स्कूल से 10वीं की परीक्षा में शामिल हुई थीं.
आंगनवाड़ी में काम करती हैं बुलबुली
पिछले 12 सालों से बुलबुली खातून आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में कार्यरत हैं. उनका कहना है, “आज मुझे बहुत खुशी हो रही है कि मेरा सपना सच हो गए है. मैं हमेशा से मैट्रिक की परीक्षा पास करना चाहती थी लेकिन पारिवारिक कारणों से नहीं कर पाई. मैं शादी के बाद अपने परिवार और बच्चों को पालने-पोसने में व्यस्त हो गई."
हालांकि, बुलबुली का सपना था कि वह किसी दिन मैट्रिक की परीक्षा पास करें इसलिए जब भी उन्हें समय मिलता था वह पढ़ाई करती थीं. अब आगे भी उनका लक्ष्य पढ़ाई जारी रखने का है. वह आर्ट्स स्ट्रीम में हायर सेकेंडरी में प्रवेश लेने की योजना बना रही हैं. दूसरों से भी बुलबुली वे यही कहती हैं कि वे पढ़ाई के लिए समय निकालें और अपनी उम्र को कभी बाधा न बनने दें.
(पल्लव बोरा की रिपोर्ट)