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BIMTECH: बिडला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी ने मनाया 36वां स्थापना दिवस, गांधी जी के विचारों से कराया अवगत, जानें क्या बोले मुख्यातिथि अंशू गुप्ता

बिमटेक के डायरेक्टर डॉ. हरिवंश चतुर्वेदी ने अपने स्वागत भाषण में संस्थान की विकास यात्राओं के बारे में बताया. गूंज के संस्थापक अंशू गुप्ता ने कहा कि चैरिटी भले ही नेक इरादे से की गई हो, लेकिन उसका लक्ष्य यह जरूर हो कि वह हमें पहले से और मजबूत बनाए न कि हमारी निर्भरता को कायम रखे.

बिमटेक के स्थापना दिवस समारोह के मौके पर डायरेक्टर डॉ. हरिवंश चतुर्वेदी, मुख्यातिथि अंशू गुप्ता व अन्य बिमटेक के स्थापना दिवस समारोह के मौके पर डायरेक्टर डॉ. हरिवंश चतुर्वेदी, मुख्यातिथि अंशू गुप्ता व अन्य
हाइलाइट्स
  • बिमटेक के डायरेक्टर डॉ. हरिवंश चतुर्वेदी ने दिया स्वागत भाषण 

  • गूंज के संस्थापक अंशू गुप्ता बोले- सब्सिडी अवसर है, अधिकार नहीं 

उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा स्थित बिडला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी (बिमटेक) ने 2 अक्टूबर 2023 को गांधी जयंती के अवसर पर अपना 36वां स्थापना दिवस मनाया. संस्थान ने इस उत्सव का आयोजन अपने छात्रों में सामाजिक कल्याण की संस्कृति और बेहतर जीवन मूल्यों को स्थापित करने और उन्हें इस दिशा में प्रेरित करने के मकसद से किया.

माई री मैं का से कहूं और अंधायुग नाटक का मंचन
30 सितंबर से शुरू हुए इस तीन दिवसीय उत्सव के सबसे बड़े आकर्षण माई री मैं का से कहूं और अंधायुग नाटक रहे. नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा रिपर्टरी ग्रुप की ओर से प्रस्तुत नाटक माई री मैं का से कहूं का निर्देशन अजय कुमार ने किया. नई दिल्ली के अस्मिता थिएटर ग्रुप ने अंधायुग नाटक का मंचन किया. इसका निर्देशन अरविन्द गौड़ ने किया.

महात्मा गांधी को दी श्रद्धांजलि
2 अक्टूबर को स्थापना दिवस समारोह की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई. इसके बाद मेहमानों का स्वागत किया गया. कार्यक्रम के दौरान संस्था ने महात्मा गांधी जी का पसंदीदा भजन वैष्णव जन तो तेने रे कहिए बजाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर गूंज के संस्थापक अंशू गुप्ता मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे. उन्होंने 36वें स्थापना दिवस पर आमंत्रित करने के लिए बिमटेक के प्रति आभार जताया और कहा, मैं खुद भी इंजीनियरों के परिवार से आता हूं. 

एक ऐसा परिवार जिसने यह सुनिश्चित किया कि हर कोई अच्छी तरह से पढ़ाई करे. उस समय इतने वित्तीय संसाधन नहीं थे. मैं अक्सर सोचता हूं कि देश के बाहर एक से अधिक भाषाओं में बात करने में सक्षम होने से मुझे दुनिया के तमाम लोगों के साथ संवाद करने का मौका मिलता है. यह उस पीढ़ी के लिए बहुत बड़ी बात है, जिसने कभी कार खरीदने के बारे में नहीं सोचा, जो शिक्षा पर खर्च करने से कभी पीछे नहीं हटे.

चुनौतियां अलग-अलग रूपों में आपके सामने आती हैं
अंशू गुप्ता ने कहा कि सीमित साधनों वाले एक प्रतिबद्ध परिवार से लेकर जीवन की जटिलताओं को देखने तक, मैंने सीखा कि चुनौतियां अलग-अलग रूपों में आपके सामने आती हैं. पत्रकारिता के माध्यम से शुरू की गई मेरी यात्रा के दौरान अनेक छिपी हुई कहानियों को उजागर करने का अवसर मुझे मिला. आज मेरा मानना है कि चैरिटी भले ही नेक इरादे से की गई हो, लेकिन उसका लक्ष्य यह जरूर हो कि वह हमें पहले से और मजबूत बनाए, न कि हमारी निर्भरता को कायम रखे. 

हमें अपनी शिक्षा को महत्व देना चाहिए
अंशू गुप्ता ने कहा कि हमें अपनी शिक्षा को महत्व देना चाहिए और प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा को बनाए रखना चाहिए. आइए हम अपनी पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करने के लिए मिलकर काम करें, जहां ईमानदारी और महत्वाकांक्षा प्रगति को प्रेरित करती हो. मेरा मानना है कि सब्सिडी अवसर है, अधिकार नहीं, और वापस देने से हम सभी समृद्ध होते हैं. ऐसी दुनिया में जहां शिक्षा हमारी सबसे स्थायी सब्सिडी बनी हुई है, आइए सुनिश्चित करें कि यह सभी तक पहुंचे.

संस्थान की विकास यात्रा को बताया 
बिमटेक के डायरेक्टर डॉ. हरिवंश चतुर्वेदी ने अपने स्वागत भाषण में संस्थान की अब तक की विकास यात्रा को रेखांकित किया और बताया कि किस तरह नई दिल्ली के एक छोटे से बेसमेंट से शुरुआत करते हुए आज यह संस्थान टॉप के बिजनेस स्कूलों की जमात में पहुंचा है. उन्होंने कॉर्पोरेट और शैक्षणिक दोनों क्षेत्रों में ईएसजी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए संस्थान के अथक प्रयासों के बारे में बताया. 

उन्होंने गांधी जी के सच्चे अनुयाई के तौर पर अंशू गुप्ता का स्वागत किया, जिन्होंने परिवर्तनकारी यात्रा शुरू करने के लिए अपना कॉर्पोरेट करियर छोड़ दिया. उनका संगठन गूंज वैश्विक चुनौतियों से निपटने में गांधी जी के सिद्धांतों का उदाहरण प्रस्तुत करता है. आज इस संगठन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान हासिल है.

गांधी जी के प्रभाव को कम करके नहीं आंका जा सकता 
जलवायु परिवर्तन, सस्टेनेबिलिटी व अन्य मानवीय मुद्दों के सामने गूंज संगठन आज आशा की किरण के रूप में खड़ा है. उन्होंने कहा, सत्य, अहिंसा, सादगी और मानवता के प्रति कर्तव्य सहित महात्मा गांधी जी की 11 प्रतिज्ञाएं न केवल भारत में, बल्कि दुनियाभर में आज भी महत्व रखती हैं. 

बिमटेक की शुरुआत 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर करने का विकल्प उनके स्थायी प्रभाव को ही दर्शाता है. अल्बर्ट आइंस्टीन ने एक बार टिप्पणी की थी, आने वाली पीढ़ियां शायद ही विश्वास करेंगी कि हाड़-मांस से बना ऐसा कोई व्यक्ति इस धरती पर आया था. सही भी है, हमारी दुनिया पर गांधी जी के प्रभाव को कभी भी कम करके नहीं आंका जा सकता.

पुरस्कार और सम्मान किए गए प्रदान 
शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान को प्रोत्साहित करने की अपनी शानदार विरासत को ध्यान में रखते हुए, बिमटेक प्रशासन ने स्थापना दिवस के अवसर पर विभिन्न पुरस्कार और सम्मान भी प्रदान किए. इनमें बसंत कुमार बिड़ला विशिष्ट विद्वान पुरस्कार-2022 और सर्वश्रेष्ठ शोधकर्ता और शिक्षण उत्कृष्टता पुरस्कार शामिल हैं. साथ ही, 10 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले संकाय सदस्यों और कर्मचारियों का अभिनंदन भी किया गया.

इंश्योरेंस इंडिया रिपोर्ट की गई जारी 
इस अवसर पर इंश्योरेंस इंडिया रिपोर्ट और वार्षिक गतिविधि रिपोर्ट भी जारी की गई. इंश्योरेंस इंडिया रिपोर्ट में उद्योग जगत के अनेक प्रतिष्ठित नामों के लेख हैं. इनमें प्रमुख नाम इस प्रकार हैं- जीएन बाजपेयी, पूर्व अध्यक्ष सेबी और एलआईसी, साकेत खेतान, सीनियर पार्टनर, खेतान लीगल एसोसिएट्स और तपन सिंघल, मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर, बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड. यह रिपोर्ट बीमा क्षेत्र में नियामक सुधारों के बारे में भी सुझाव देती है. यहां यह भी उल्लेखनीय है कि बिमटेक इंश्योरेंस बिजनेस मैनेजमेंट में पीजीडीएम भी प्रदान करता है. समारोह का समापन बिमटेक के रजिस्ट्रार डॉ. केसी अरोड़ा के औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ.

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