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मिलिए इस केक वाली टीचर से, अनोखे अंदाज में जगा रही है शिक्षा की अलख ताकि स्कूल न छोड़ें गांवों के बच्चे

स्कूल में शिक्षक बच्चों की रुचि पढ़ाई में बढ़ाने के लिए कई तरह के तरीके अपनाते हैं. पर आज हम आपको बता रहे हैं एक ऐसी शिक्षिका के बारे में जो स्कूल से बाहर भी गरीब बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखने का काम कर रही है.

Swati with students in School Swati with students in School
हाइलाइट्स
  • 'केक वाली टीचर' के नाम से मशहूर हैं स्वाति

  • हर बच्चे के जन्मदिन पर बनाती हैं केक और खाना

चित्तौड़गढ़ जिले के भदेसर क्षेत्र में स्थित झाड़ौली प्राथमिक विद्यालय की एक शिक्षिका, 'केक वाली टीचर' के नाम से मशहूर हैं. वह गरीब तबके व पिछड़े वर्ग के बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने का कार्य कर रही है. हम बात कर रहे है स्वाति बिड़ला की. जो करीब ढाई साल से विद्यालय से जुड़े गरीब बच्चों के जन्मदिन पर केक-चॉकलेट बांटती हैं.  

विद्यालय के पास भीलगट्टी गांव के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिये स्वाति ने सभी बच्चों का डाटा संकलित किया. जिसके बाद से, वह हर एक बच्चे के जन्मदिन पर उनके घर जाकर केक काटवाती हैं और खुशिया बांटती हैं. उन्होंने बच्चों में शिक्षा के प्रति अलख जगाए रखने के लिए उनका जन्मदिन मनाना शुरू किया. 

Cake for students on their birthday

शुरू किया अभियान
सभी बच्चों ने अब उन्हें केक वाली टीचर का नाम दे दिया है. स्वाति ने बच्चों व उनके परिजनों के साथ अपने स्तर पर खुशिया बांटकर उनका विश्वास जीता है. स्वाति के पति एक किराने की दुकान चलाते हैं और वह वहां से केक बनाने का सारा सामान और स्टेशनरी का सामान ले जाती हैं. हर बच्चे के जन्मदिन पर वह गांव के करीब 20 बच्चों के लिए खाना बनाती हैं. 

वह जो केक बनाती हैं उसका विषय शिक्षा है. वह केक पर एक पेंसिल खींचती है और इसे काटने के लिए चाकू का इस्तेमाल नहीं होता है बल्कि शिक्षा से जुड़ी किसी वस्तू का इस्तेमाल किया जाता है. स्वाति बच्चों को स्टेशनरी भी देती हैं ताकि बच्चों को प्रतिदिन पढ़ने की जरूरत महसूस हो. स्वाति के अनूठे प्रयास से भीलगट्टी और धामनी खेड़ा गांवों में स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या में भारी गिरावट आई है. स्कूली शिक्षक केक अभियान की सफलता की प्रशंसा करते हैं. बच्चे अब बड़े जोश के साथ स्कूल जाते हैं. 

(पीयूष मूंद्रा की रिपोर्ट)