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CBSE और ICSE के छात्रों ने ऑफलाइन टर्म परीक्षा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में लगाई अर्ज़ी

याचिका के अनुसार दिसंबर में परीक्षाएं तीन सप्ताह तक चलेगी. इससे छात्र संक्रमण के दायरे में होंगे. कई छात्रों ने यह भी कहा है कि इस संबंध में छात्रों से जबरदस्ती सहमति हासिल की जा रही है.

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हाइलाइट्स
  • बिना विकल्प दिए जबरदस्ती परीक्षाएं आयोजित करना सरासर गलत

  • 16 नवंबर से शुरू होंगी परीक्षाएं

CBSE और ICSE की 10वीं और 12वीं के छात्र टर्म परीक्षा के सिर्फ ऑफलाइन मोड में आयोजित किये जाने के फैसले से नाराज हैं. उन्होंने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की है. छात्रों ने ऑनलाइन परीक्षा का विकल्प भी मांगा है. छात्रों के अनुसार, ऐसे समय में जब विद्यालय कुछ दिन पहले ही खुले हैं, बिना विकल्प दिए जबरदस्ती परीक्षाएं आयोजित करना सरासर गलत है.

दसवीं और बारहवीं कक्षा के 6 स्टूडेंट्स ने यह अर्जी दाखिल की है. उन्होंने परीक्षा को हाइब्रिड तरीके से आयोजित कराने को लेकर तत्काल निर्देश की मांग की है. CBSE की परीक्षाएं 16 नवंबर से शुरू होंगी जबकि ICSE बोर्ड 22 नवंबर से परीक्षाएं आयोजित करेगा.

 छात्रों ने अपनी अर्ज़ी में लिखा है कि ऑफलाइन परीक्षा से कोविड-19 के संक्रमण का जोखिम तेजी से बढ़ेगा और ये स्वास्थ्य के अधिकार का उल्लंघन है. हाइब्रिड मोड आज की जरूरत है. याचिका के अनुसार दिसंबर में परीक्षाएं तीन सप्ताह तक चलेगी. इससे छात्र संक्रमण के दायरे में होंगे. कई छात्रों ने यह भी कहा है कि इस संबंध में छात्रों से जबरदस्ती सहमति हासिल की जा रही है.