Police Training Center
Police Training Center मध्य प्रदेश के पुलिस ट्रेनिंग सेंटरों में ट्रेनिंग ले रहे कांस्टेबलों को इन दिनों भगवद् गीता का पाठ भी पढ़ाया जा रहा है, जिसे लेकर विवाद शुरू हो गया है. आदेश के तहत कांस्टेबलों को अगले एक महीने तक रोजाना गीता का कम से कम एक अध्याय पढ़ना है. मुस्लिम संगठन इस पर आपत्ति उठाते हुए ट्रेनिंग के दौरान कुरान पढ़ाने की मांग कर रहे हैं. उधर, कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी नेताओं को खुश करने के लिए अफसर ऐसे आदेश दे रहे हैं.
रोजाना गीता के एक अध्याय का कराया जा रहा पाठ
संस्कृत में गीता का अध्याय का यह पाठ किसी मंदिर या धर्मशाला में नहीं बल्कि पुलिस के ट्रेनिंग सेंटर में हो रहा है और सामने बैठे लोग और कोई नहीं बल्कि मध्य प्रदेश पुलिस के नए-नए चुने गए कांस्टेबल हैं, जिनकी ट्रेनिंग इन दिनों अलग-अलग ट्रेनिंग एकेडमी में चल रही है. शारीरिक ट्रेनिंग के साथ-साथ कांस्टेबलों को गीता का पाठ भी सुनाया जा रहा है. दरअसल, मध्य प्रदेश पुलिस एडीजी (ट्रेनिंग) राजाबाबू सिंह ने नया निर्देश जारी किया है, जिसके तहत अब सभी प्रशिक्षण केंद्रों में रंगरूट भगवद् गीता का पाठ करेंगे, ताकि वो धार्मिक जीवन जीना सीख सकें.
एडीजी (ट्रेनिंग) राजाबाबू सिंह ने आदेश दिया है कि भगवान कृष्ण के पवित्र महीने यानी अगहन के दौरान गीता के कम से कम एक अध्याय का पाठ शुरू किया जाए. इस आदेश के बाद दैनिक ध्यान सत्र से पहले गीता का पाठ कराया जा रहा है. इन ट्रेनिंग सेंटरों में फिलहाल करीब चार हजार युवक-युवतियां नौ महीने का कॉन्स्टेबल प्रशिक्षण ले रहे हैं. आदेश के बाद पुलिस ट्रेनिंग सेंटरों में इस पर अमल भी शुरू हो चुका है और रोजाना रंगरूटों को गीता के एक अध्याय का पाठ कराया जा रहा है.
मुस्लिम संगठनों ने की यह मांग
मुस्लिम संगठनों ने गीता पढ़ाने पर ऐतराज जताया है. ऑल इंडिया मुस्लिम त्योहार कमेटी के संयोजक शमसुल हसन ने कहा कि यदि गीता पढ़ाई जा सकती है तो फिर पुलिस ट्रेनिंग में कुरान भी पढ़ाई जाए ताकि सही मायनों में सर्वधर्म संवाद की मिसाल पेश की जा सके.
कांग्रेस बोली- बीजेपी को खुश करने की कोशिश
कांग्रेस ने भी गीता का पाठ पढ़ाए जाने पर आपत्ति जताई है. एमपी कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक ने इसे धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ बताया है. उनका कहना है कि बीजेपी नेताओं को खुश करने के लिए मध्य प्रदेश के अफसर ऐसे आदेश निकाल रहे हैं, जो एक गलत परंपरा की शुरुआत है.
रामचरितमानस का पाठ करने का सुझाव भी दे चुके हैं राजाबाबू सिंह
आपको बता दें कि राजाबाबू सिंह वही आईपीएस अफसर हैं, जिन्होंने कांस्टेबल ट्रेनिंग के दौरान रंगरूटों को रामचरितमानस का पाठ पढ़ने की भी सलाह दी थी. रामचरितमानस के बाद अब गीता को लेकर आदेश जारी होने के बाद जब हमने एडीजी (ट्रेनिंग) राजाबाबू सिंह से प्रतिक्रिया ली तो उन्होंने कहा कि सनातन धर्म का बहुत ही प्राचीन धार्मिक परंपरा रही है. हम वैदिक संस्कृति के संवाहक हैं. गीता और रामायण पर कोई कैसे प्रश्नचिह्न उठा सकता है. यह तो हमारे बुद्धि के, अच्छे जीवन के और बेहतर मूल्यों के स्रोत हैं.
(रवीश पाल सिंह की रिपोर्ट)