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लंदन में पढ़ने वाली छात्रा ने जुटाए 7 लाख रुपए और बदल दी दिल्ली के सरकारी स्कूल की हालत

प्राइवेट स्कूल से पढ़ी इनायत ने देखा कि इस एसडीएमसी स्कूल में प्ले-ग्राउंड की हालत बहुत बुरी है. लेकिन वह यह समझती हैं कि बच्चों के लिए खेलना भी उतना ही जरुरी है जितना की पढ़ाई. इसलिए उन्होंने ठान लिया कि वह इसके लिए काम करेंगी. उन्होंने फंड जुटाने का काम शुरू किया और इसका परिणाम यह हुआ कि एजुकेशन एलायंस एनजीओ की मदद से 7 लाख रुपए की राशि इकट्ठा हो गई.

बदली दिल्ली के सरकारी स्कूल की सूरत बदली दिल्ली के सरकारी स्कूल की सूरत
हाइलाइट्स
  • लंदन में पढ़ रही हैं इनायत पासी

  • स्कूल के लिए जुटाए 7 लाख रुपए

अक्सर हम देखते हैं कि बहुत से स्कूलों में बच्चों के खेलने के लिए खुला और अच्छा प्ले-ग्राउंड नहीं होता है. बहुत से लोग यही समझते हैं कि पढ़ाई ठीक हो रही है तो प्ले-ग्राउंड की क्या जरूरत? लेकिन बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए पढ़ाई के साथ-साथ खेल और अन्य गतिविधियां भी जरुरी हैं. 

और अब इस बात को बहुत से लोग समझ रहे हैं. इसलिए ही यूके वेलिंगटन कॉलेज में पढ़ने वाली इनायत पासी ने दिल्ली में एंड्रूगंज के एसडीएमसी स्कूल में प्ले-ग्राउंड बनवाने पर जोर दिया. और आज उनके प्रयासों से इस स्कूल में एक अच्छा प्ले-ग्राउंड है. 

जुटाए 7 लाख रुपए:  

स्कूल की दीवारों पर की पेंटिंग

प्राइवेट स्कूल से पढ़ी इनायत ने देखा कि इस एसडीएमसी स्कूल में प्ले-ग्राउंड की हालत बहुत बुरी है. लेकिन वह यह समझती हैं कि बच्चों के लिए खेलना भी उतना ही जरुरी है जितना की पढ़ाई. इसलिए उन्होंने ठान लिया कि वह इसके लिए काम करेंगी. 

उन्होंने फंड जुटाने का काम शुरू किया और इसका परिणाम यह हुआ कि एजुकेशन एलायंस एनजीओ की मदद से 7 लाख रुपए की राशि इकट्ठा हो गई. इस राशि से एक स्कूल में एक प्ले-ग्राउंड और असेंबली ग्राउंड तैयार किया गया है. 

स्कूल को बनाया गया आकर्षक: 

प्ले-ग्राउंड बनाने के साथ-साथ स्कूल को बच्चों के लिए और आकर्षक बनाने पर भी काम किया गया. इनायत को अपने अभियान में स्कूल की प्रिंसिपल इंदु बत्रा और निगम पार्षद अभिषेक दत्त का भी रहा है. इंदु की पहल पर स्कूल की दीवारों पर नियमित पीले रंग की बजाय अलग-अलग रंगो से कलात्मक चित्रकारी की गई है. 

अब स्कूल की हर दीवार बच्चों को कुछ ना कुछ सिखाती है. दीवारों पर जल की महत्त्वता बताते हुए चित्र बनाए गए हैं. साथ ही, बच्चे खेल-खेल में पढ़ लें इसलिए ए बी सी से लेकर गिनती तक दीवारों पर सजाई गई हैं. दीवारों पर यह पेंटिंग रुचि गुप्ता ने की हैं. 

लोगों के सहयोग और इंदु की मेहनत का नतीजा है कि आज स्कूल का अच्छा फर्नीचर है और लाइब्रेरी में एक से एक अच्छी किताबें हैं. इस स्कूल में 314 बच्चे पढ़ते हैं. इंदु का कहना है कि अब जब बच्चे स्कूल आएं तो उन्हें स्कूल की बदली सूरत देखकर खुशी होगी.