
दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) अपने जनरेशन ज़ेड (Gen Z) छात्रों को अब करीबी (इंटीमेट) रिश्तों में आने वाली समस्याओं, जैसे कि जलन, ब्रेकअप और 'रेड फ्लैग्स', से डील करना सिखाएगा. जब आज के युवा टिंडर और इंस्टाग्राम जैसी सोशल मीडिया दुनिया में जी रहे हैं, तब यूनिवर्सिटी ने एक नया कोर्स शुरू करने का फैसला किया है- Negotiating Intimate Relationships. यह एक जनरल इलेक्टिव कोर्स होगा, यानी किसी भी विषय के छात्र इसे चुन सकते हैं.
कोर्स का उद्देश्य रोमांस, दोस्ती, जलन, ब्रेकअप और रिश्तों की समस्याओं पर खुलकर बातचीत करना है. यह कोर्स 2025-26 के शैक्षणिक सत्र से शुरू होगा और इसे साइकोलॉजी डिपार्टमेंट पढ़ाएगा.
कोर्स की ज़रूरत क्यों पड़ी?
DU को इस कोर्स की ज़रूरत इसलिए महसूस हुई क्योंकि बच्चों में असफल और टॉक्सिक रिश्तों के कारण अपराध बढ़ते जा रहे हैं. साथ ही, आज के युवाओं में भावनात्मक समझ और इंटीमेसी को लेकर जागरूकता की कमी देखी जा रही है. यह कोर्स चार क्रेडिट का होगा और हर हफ्ते तीन लेक्चर और एक ट्यूटोरियल होगा. इसे बारहवीं पास और सइकोलॉजी की शुरुआती जानकारी रखने वाले छात्र पढ़ सकते हैं. छात्र इसे अपने मुख्य विषय के साथ पढ़ सकते हैं, जिससे उन्हें उन विषयों पर बात करने का मौका मिलेगा, जो आमतौर पर स्कूल या कॉलेज में नहीं पढ़ाए जाते.
रिश्तों की वजह से अपराध बढ़ते क्यों जा रहे हैं?
इस साल मई के अंत से जून की शुरुआत तक दिल्ली में तीन हत्याएं हुईं, जो यह दिखाती हैं कि सोशल मीडिया और टॉक्सिक नज़दीकियां कैसे जानलेवा बन सकती हैं. 21 साल की कोमल को गला दबाकर मार दिया गया और उसकी लाश छावला नहर में फेंक दी गई. 19 साल की विजयलक्ष्मी को उसके 20 साल के प्रेमी ने चाकू मारकर मार डाला. 18 साल की महक जैन को उसके प्रेमी ने चाकू मारा और फिर पार्क में आग लगा दी.
2022 में श्रद्धा वाकर हत्याकांड ने भी देश को झकझोर दिया था, जिसमें उसके लिव-इन पार्टनर आफताब पूनावाला ने उसकी हत्या कर उसके शरीर के टुकड़े कर दिए थे. इन मामलों से ये साफ हो रहा है कि युवा भावनाओं को संभालने में असफल हो रहे हैं, उन्हें हेल्दी लिमिट तय करने और रिश्तों को समझने की ज़रूरत है.
कोर्स में क्या-क्या पढ़ाया जाएगा?
कोर्स को चार भागों (यूनिट्स) में बांटा गया है:
कोर्स कैसे पढ़ाया जाएगा?
यह कोर्स इंटरेक्टिव होगा यानी छात्र केवल सुनेंगे नहीं, बल्कि हिस्सा भी लेंगे. उन्हें अपनी सोशल मीडिया एक्टिविटीज का विश्लेषण करना होगा, आत्मचिंतन और माफ़ करने जैसे अभ्यास करने होंगे, और टिंडर जैसे ऐप्स पर होने वाली डेटिंग समस्याओं पर बहस करनी होगी. पॉप कल्चर पर चर्चा भी कोर्स का हिस्सा होगी, जैसे फिल्म कबीर सिंह में दिखाए गए हिंसक रिश्ते या टाइटैनिक जैसी फिल्मों के रोमांस की आलोचना.
अगर हमें भावनात्मक नुकसान रोकना है, तो हमें सच और रिश्तों पर बात करना शुरू करना होगा. कोई नहीं सिखाता कि रिजेक्शन को कैसे संभालें या सीमाएं कैसे तय करें. अगर ये बातें हम शुरू में ही सीख लें, तो कई हादसों को रोका जा सकता है. यह कोर्स युवाओं को सिर्फ पढ़ाएगा नहीं, बल्कि उन्हें खुद को समझने और बेहतर इंसान बनने का मौका भी देगा.