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62 साल की उम्र में PhD करके इस शख्स ने की मिसाल कायम, पिता पुत्र दोनों को एक साथ मिली डिग्री

आमतौर पर लोग 60 साल के बाद नौकरी से रिटायर होकर आराम की जिंदगी गुजरना पसंद करते हैं. लेकिन कोई इस उम्र में पढ़ाई करके पीएचडी (PhD) की डिग्री हासिल कर रहा हो तो आप क्या कहेंगे. यह सम्भवतः प्रेरणादायक कहानी है. चलिए बताते हैं कि कैसे तिरुअनंतपुरम के हरेंद्र कुमार ने इसे सच कर दिखाया है.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
हाइलाइट्स
  • बेटा को एमबीए की तो पिता को मिली पीएचडी की डिग्री

  • नौकरी भी करते रहे और साथ में पढ़ाई भी

कहते हैं कि पढ़ने लिखने की कोई उम्र नहीं होती. ताउम्र इंसान पढ़ता और सीखता रहता है. उम्र के किसी भी पड़ाव पर वह अपनी पढ़ाई शुरू कर सकता है और दुनिया के लिए एक मिसाल बन सकता है. इस लिखी हुई बात को पूरी तरह से सच कर दिखाया है 62 साल के एक शख्स ने. उन्होंने जिस उम्र में पीएचडी की डिग्री हासिल की है उस उम्र में लोग आमतौर पर रिटायरमेंट की जिंदगी गुजारते हैं. लेकिन वो ऐसा करके हजारों लाखों लोगों के लिए प्रेरणा के पात्र बन गए हैं. उनकी यह डिग्री सिर्फ इसलिए अहम नहीं है कि उन्होंने 62 साल की उम्र में इसे हासिल किया बल्कि इसलिए भी अहम है कि वो पूरी जिंदगी जिम्मेदारियों को निभाते रहे और अपने सपने को कहीं खोने नहीं दिया. चलिए जानते हैं  प्रेरणा से भरी 62 साल के हरेंद्र कुमार वीआर (Hareendrakumar V R) की कहानी.

आसान नहीं था सफर 

तिरुवनंतपुरम के हरेंद्र कुमार का सपना लेक्चरर बनने का था. लेकिन घर की आर्थिक हालत उतनी मजबूत नहीं थी जो वो अपने पढ़ाई को जारी रख पाते. परिवार वालों को सपोर्ट करना था इसलिए उन्होंने महज 20 साल की उम्र में ही स्टोर सहायक के रूप में नौकरी की शुरुआत कर दी. नौकरी के साथ-साथ उन्होंने अपने सपने को भी जिंदा रखा और इसे पूरा करने के लिए मदुरै कामराज विश्वविद्यालय (Madurai Kamaraj University) में दाखिला लिया. यहां से उन्होंने प्रथम श्रेणी में अपना एमबीए पूरा किया.

अब उन्हें पीएचडी के लिए नेट पास करना था. उन्होंने बताया कि मैनेजमेंट, एचआर और इंडस्ट्रियल रिलेशन में इसके बाद उन्होंने नेट पास किया. अब उनकी निगाह पीएचडी करने पर थी. साल 2015 में हरेंद्र कुमार ने सीईटी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट (Cet School Of Management ) में एडमिशन लिया. यहां से उन्होंने पीएचडी इन मैनेजमेंट स्टडीज में पढ़ाई की. यहां तक पहुंचने में भले उनको अपने जीवन की लंबी यात्रा करनी पड़ी लेकिन उन्होंने इसे कर दिखाया. चार साल बाद केरल विश्वविद्यालय ने उन्हें दीक्षांत समारोह में डिग्री दी. इसके अलावा अपने नौकरी के दौरान उन्होंने डेटा साइंस, डेटा एनालिटिक्स और रिसर्च मेथडोलॉजी जैसे विषयों पर भी अध्यन किया.

पुत्र और पिता को एक ही दिन मिली डिग्री 

पिता और छोटा बेटा दोनों ही सीईटी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट त्रिवेंद्रम में पढ़ाई कर रहे थे. बेटा अमल जिष्णु ने यहां से एमबीए किया तो पिता ने पीएचडी की. दोनों को दीक्षांत समारोह के अवसर पर डिग्री देकर सम्मानित किया गया. पिता और पुत्र ने साथ में फोटो क्लिक करवाई और एक दूसरे को बधाई दी. यह वाकई में बेहद खूबसूरत पलों में से एक रहा होगा. उनकी पत्नी मीरा वी डी भी शिक्षक रही हैं. उनका बड़ा बेटा विष्णु लंदन में म्यूजिक की पढ़ाई कर रहा है. वहीं अमल कैंपस प्लेसमेंट के बाद प्राइवेट नौकरी कर रहा है. बता दें कि कोरोना की वजह से 2019 बैच का दीक्षांत समारोह नहीं हो पाया था जो अब हुआ है.