Twin brothers, Aarav and Arush cleared JEE Mains Exam
Twin brothers, Aarav and Arush cleared JEE Mains Exam अक्सर आपने फिल्मों में देखा होगा कि दो जुड़वां भाई-बहनों की पसंद-नापसंद, यहां तक की हरकतें और अनुभव भी एकदम एक जैसे होते हैं. दोनों कहीं भी हों लेकिन अगर एक को चोट लगे तो दूसरे को भी दर्द होता है. कई बार लोगों को लगता है कि फिल्मों में यह सब फिक्शनल दिखाया जा रहा है. लेकिन आज हम आपको बता रहे हैं ऐसे दो जुड़वां भाइयों के बारे में जो दिखने में ही नहीं बल्कि बुद्धिमानी और पढ़ाई के मामले में भी एक जैसा हैं.
गुरुग्राम के रहने वाले आरव भट्ट और आरुष भट्ट ने JEE की परीक्षा में टॉप करके अपने परिजनों के साथ-साथ गुरुग्राम का भी नाम रोशन किया है. इस परीक्षा में करीब 12 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने भाग लिया था. इस परीक्षा में आरव ने 100 परसेंटाइल मार्क्स हासिल किए हैं. आरव देश के उन 23 अभ्यर्थियों में से एक है जिन्होंने इस परीक्षा में 100 परसेंटाइल मार्क्स हासिल किए हैं. वहीं, आरव के जुड़वां भाई आरुष ने भी इस परीक्षा को टॉप करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. आरुष ने भी परीक्षा में 99.65 परसेंटाइल हासिल की है.
माता-पिता का मिलता है हमेशा सपोर्ट
दोनों बच्चों की इस उपलब्धि से माता-पिता और रिश्तेदारों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा. फिलहाल, दोनों एडवांस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. आरव की मानें तो उनके पिता इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं और मां ने गणित से M.Sc की है. उनकी मां ने ही उन्हें गणित पढ़ाया है और बचपन से ही मैथ और साइंस अच्छी होने के कारण उन्होंने इंजीनियर बनने का सोचा था. देर रात तक पढ़ाई करने के साथ ही माता-पिता और शुक्षकों के मार्गदर्शन से आज वह देश के टॉप 23 टॉपर में से एक हैं.
उन्होंने बताया कि जब वह 9वीं कक्षा में थे तब लॉकडाउन लगा था. उस वक्त से ही उन्हें मोबाइल और खेल से दूरी बनाने की आदत पड़ गई थी. इस दूरी का फायदा उन्हें मिला और आज वह इस मुकाम पर है. आरुष की मानें तो उन्होंने अपना करियर लॉकडाउन में तय कर लिया था. हालांकि उनके भाई ने अभी तक कोई लक्ष्य तय नहीं किया था. लेकिन उन्होंने लॉकडाउन के दौरान ही IIT में मैथ प्रोफेसर बनने का तय किया था. वह IIT में मैथ प्रोफेसर बनकर देश के एजुकेशन सिस्टम को सुधारना चाहते हैं.
एड्वांस परीक्षा की तैयारी
तैयारी के दौरान हर कोई मोबाइल, सोशल मीडिया से दूर हो जाता है. यहां तक कि उनका भाई भी सोशल मीडिया से दूर हो गया था, लेकिन वह दूर नहीं हुए. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से वह लगातार जुड़े रहे. सोशल मीडिया के नाम पर वह लिंक्डन के जरिए अपने सीनियर से जुड़े रहे और उनका गाइडेंस लेते रहे.
फिलहाल अपनी इस उपलब्धि पर दोनों भाइयों के साथ परिजन भी खुश हैं. अब दोनों भाइयों ने एडवांस परीक्षा की तैयारी भी शुरू कर दी है. दोनों ही उन छात्रों और युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हैं जो मोबाइल का इस्तेमाल सिर्फ मनोरंजन के लिए करते हैं. आरुष और आरव की मानें तो मोबाइल का उपयोग सही किया जाए तो यह आपका भविष्य सुधार सकता है.
(नीरज कुमार की रिपोर्ट)