Happiness Zone
Happiness Zone आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में मेन्टल हेल्थ एक अहम मुद्दा बन चुका है. अब इसी को ध्यान में रखते हुए स्कूलों में हैप्पीनेस जोन बनाए जा रहे हैं. ये हैप्पीनेस जोन जम्मू के सरकारी स्कूलों में बनाए गए है. जम्मू के 1000 स्कूल कैंपस के अंदर बच्चों को साइकोलॉजिकल और एक कम्फर्टेबल जगह आने के लिए इन हैप्पीनेस जोन को बनाया जा रहा है.
बच्चे कर सकेंगे अपनी फीलिंग्स और इमोशंस शेयर
इन हैप्पीनेस जोन में आकर छात्र अपनी फीलिंग्स और इमोशन के बारे में बिना किसी हिचकिचाहट के बात कर सकते हैं. और सबसे अच्छी बात है कि ये बिलकुल कॉन्फिडेंशियल होगा. आपको बता दें, ये जोन शिक्षा मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार ही बनाए गए हैं. स्कूलों की छुट्टियां खत्म होने के बाद जब स्कूल फिर से खुलेंगे तो इस तरह के और जोन बनाए भी जाएंगे.
स्कूलों में रखे गए हैं ट्रेन्ड काउंसलर
दरअसल, ये अपनी तरह का पहला प्रयोग है. जम्मू-कश्मीर के शिक्षा मंत्रालय ने सभी स्कूलों में इस तरह के हैप्पीनेस जोन खोलने के निर्देश दिए हैं. मनोदर्पण गाइडलाइन के अनुसार छात्रों को साइकोलॉजिकल सहायता देने के लिए इस तरह के हैप्पीनेस जोन बनाने के निर्देश दिए गए हैं. इसके लिए स्कूलों की काउंसलिंग सेल में ट्रेन्ड काउंसलर को रखा गया है.
क्या है मनोदर्पण गाइडलाइन?
गौरतलब है कि मनोदर्पण केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय (MOE) की एक पहल है. इसका उद्देश्य छात्रों को उनके मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूक करना है. इसका कारण है कि कोविड-19 महामारी में बच्चों की मेन्टल हेल्थ पर काफी प्रभाव पड़ा है, बस इसी को ध्यान में रखते हुए बच्चों को ऐसा प्लेटफॉर्म दिया गया है जहां वे खुलकर अपनी फीलिंग्स शेयर कर पाएंगे.
स्कूल शिक्षा जम्मू के निदेशक डॉ. रविशंकर शर्मा ने कहा कि इतने लंबे समय के बाद स्कूलों में आने वाले छात्र कोविड-19 के कारण तनाव, चिंता और डर जैसी चीज़ों से गुजर सकते हैं. ऐसे में उन छात्रों की मेन्टल हेल्थ के लिए उन्हें एक स्वस्थ और मनोवैज्ञानिक रूप से सुरक्षित वातावरण देने के लिए तैयार रहने की जरूरत है.
(इनपुट- सुनील जी भट्ट)