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PTM in Japan: भारत से कितना अलग होता है जापान के स्कूलों में पीटीएम? हर पैरेंट्स को देखना चाहिए

जापान के स्कूल में पैरेंट टीचर मीटिंग (PTM) में क्या होता है? जापान में पीटीएम भारत के स्कूलों में होने वाली पीटीएम से कितना अलग होता है? वहां पीटीएम में पैरेंट्स और टीचर के बीच किन मुद्दों पर बात होती है? बच्चे को लेकर पैरेंट्स का क्या सुझाव दिए जाते हैं? सबकुछ जानिए.

School PTM in Japan (Photo/Screengrab) School PTM in Japan (Photo/Screengrab)

भारत में हर स्कूल में पैरेंट-टीचर-मीटिंग (PTM) होती है. इसमें माता-पिता और टीचर मिलकर बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, खूबियां, कमजोरियां के बारे में बात करते हैं. बच्चे के सर्वांगीण विकास पर मंथन करते हैं. इस मीटिंग इसलिए होती है कि टीचर और माता-पिता के बीच तालमेल बना रहे, ताकि बच्चे की पढ़ाई ठीक से हो सके. लेकिन जापान में PTM इससे अलग होता है. जापान में पीटीएम में क्या होता है? टीचर और माता-पिता के बीच क्या बात होती है? चलिए आपको बताते हैं.

जापान में कैसे होता है PTM?
जापान में प्राइमरी स्कूल में PTM भारत के स्कूलों में होने वाले पीटीएम से बहुत अलग होता है. जापान में रहने वाले एक भारतीय ने पीटीएम को लेकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है. एक महिला ने जापान के स्कूल में पीटीएम अटेंड किया और उसका जो एक्सपीरियंस है, उसे सोशल मीडिया पर शेयर किया. जिसमें उन्होंने बताया कि जापान के स्कूलों में पीटीएम कैसा होता है? उन्होंने बताया कि जब हम स्कूल पहुंचे तो टीचर हमारा ही वेट कर रहे थे. पीटीएम के दौरान कोई दूसरा पैरेंट्स नहीं थे. इंडिविजुअल मीटिंग होती है. ऐसा नहीं कि आसपास थोड़े पैरेंट्स खड़े रहेंगे और आपके बच्चे के बारे में बात हो रही हो.

PTM में क्या बात हुई?
वीडियो में महिला ने बताया कि ये मीटिंग बहुत पर्सनल थी. इस मीटिंग में ना तो एग्जाम की बात हुई, ना ही मार्क्स की बात हुई, ना ही किसी कंपटीशन की बात हुई. इसमें ना ही कोई कंपरिजन, ना कोई प्रेशर, कुछ नहीं. उन्होंने कहा कि आप जानते हैं, इसमें क्या बात हुई? PTM में बात हुई कि हमारे बच्चे के फ्रेंड्स कौन-कौन हैं? वो उनसे कैसे बात करता है? क्या उसका बिहेवियर है? क्लास के अंदर वो क्या बाते करता है? और वो खुश है या नहीं है, इस बारे में बात हुई. इसके अलावा पीटीएम में ये बात हुई कि बच्चा क्या खेलना पसंद करता है, उसे कौन सा स्पोर्ट्स पसंद है, इसपर बात हुई.

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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स्कूल में पैरेंट्स ने और क्या देखा?
वीडियो में महिला ने बताया कि पीटीएम के बाद जब बाहर निकले तो उस आर्ट वर्क को देखा, जिसे बच्चों से स्कूल में कराया जाता है. महिला ने बताया कि ये कॉन्सेप्ट उनको बहुत पसंद आया. उनका कहना है कि टीचर एक ऐसा पर्सन होता है, जो बच्चे के साथ रोजाना 5-6 घंटे बिताता है. अगर टीचर का ऑब्जर्वेशन ऐसा हो तो पैरेंट्स के लिए बहुत अच्छा होता है.

वीडियो में महिला ने बताया कि पैरेंट्स को किन बातों पर ध्यान देना है. बच्चे की कौन सी ऐसी चीजें हैं, जिसपर घर के अंदर पैरेंट्स को ध्यान देना है, उसमें इंप्रूवमेंट कराना है. यही पीटीएम था. ये रियल पीटीएम है. वीडियो में पैरेंट्स ने स्कूल की साफ-सफाई के बारे में भी बताया. उन्होंने बताया कि जापान में स्कूल काफी साफ-सुथरे हैं.

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