IPS Mohibullah Ansari
IPS Mohibullah Ansari यह कहानी है IPS अफसर मोहीबुल्लाह अंसारी की, जिन्होंने डिप्रेशन को हराकर, चार अटेम्प्ट बाद UPSC की परीक्षा पास की और आज सभी के लिए प्रेरणा हैं. कभी अपनी क्लास में सबसे शरारती छात्र के रूप में जाने जाने वाले मोहीबुल्लाह ने IIT दिल्ली से पढ़ाई की और अच्छी जॉब भी उन्हें मिल गई थी.
लेकिन जॉब छोड़कर उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू की. तीन अटेम्प्ट में भी जब वह परीक्षा पास न कर सके तो डिप्रेशन का शिकार हो गए. दो साल तक डिप्रेशन से लड़ने के बाद उन्होंने जिंदगी और अपने सपने को एक और चांस दिया और इस बार मंजिल पा ली.
प्री-बोर्ड एग्जाम्स में हुए थे फेल
बिहार के सीवान से आने वाले मोहीबुल्लाह ने जोश टॉक्स में बात करते हुए कहा कि वह हमेशा शिक्षा से ज्यादा एकस्ट्रा-कर्रिकुलर गतिविधियों में रुचि लेते थे. वह कक्षा में सबसे शरारती छात्रों में से थे और स्कूल में उन्हें मज़ाक में 'मुसीबतुल्लाह' कहा जाता था. अन्य गतिविधियों में रुचि के कारण वह कक्षा 10 और कक्षा 12, दोनों के प्री-बोर्ड एग्जाम्स में फेल हुए थे.
लेकिन उनके सपने हमेशा से बड़े थे. वह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) में पढ़ना चाहते थे. लेकिन, 12वीं कक्षा में प्री-बोर्ड एग्जाम में खराब प्रदर्शन के बाद, उनके पिता ने उन्हें डांटना शुरू कर दि कि "कम से कम पास होने लायक मार्क्स तो लाओ." यह सुनकर मोहीबुल्लाह को बुरा लगा और उन्होंने ठान लिया कि वह IIT से ही पढ़ेंगे. उन्होंने 12वीं कक्षा में कड़ी मेहनत से पढ़ाई की और साथ ही एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी भी की.
IIT दिल्ली से की केमिकल इंजीनियरिंग
मोहीबुल्लाह ने JEE Mains और JEE Advanced में सफलता हासिल की और 2011 में केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक के लिए IIT दिल्ली में दाखिला लिया. लेकिन यहां भई वह पढ़ाई से ज्यादा दूसरी चीजों जैसे एक्स्ट्रा कर्रिकुलर एक्टिविटीज, हॉस्टल पॉलिटिक्स आदि में बिजी रहे और उनकी पढ़ाई पर इसका असर पड़ा. लेकिन साल 2015 में उन्हें नौकरी
हालांकि, नौकरी के लगभग दो हफ्तों में ही उन्होंने तय कर लिया कि वह जीवन में और कुछ करना चाहते हैं. उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी. उन्होंने अपने दोस्तों और परिवार के साथ इस पर चर्चा की और UPSC CSE का प्रयास करने का फैसला किया.
तीन बार UPSC में रहे असफल
साल 2015 में, मोहीबुल्लाह ने अपनी यूपीएससी सीएसई की तैयारी के लिए ओल्ड राजेंद्र नगर गए. वह दिन में 12 से 13 घंटे पढ़ाई करते थे. उन्होंने अपने पहले प्रयास में ही प्रीलिम्स और मेन एग्जाम पास कर लिया. लेकिन वह इंटरव्यू में चूक गए. इस तरह उनके तीन अटेम्प्ट निकल गए पर वह परीक्षा पास न कर सके. इन असफलताओं ने उन्हें उदास कर दिया.
धीरे-धीरे वह निराशा और अवसाद का शिकार होते गए. उन्होंने कहा, "मुझे खाने या बातचीत करने की कोई इच्छा नहीं होती थी. मैं दिल्ली से घर गया और अपने माता-पिता से कहा कि मैं अपनी पढ़ाई जारी नहीं रखना चाहता और असफल होकर जीना नहीं चाहता." उनके पिता ने तब उन्हें संभाला और उन्हें डॉक्टर के पास ले गए. इस जर्नी में वह10-दिवसीय विपश्यना ध्यान कार्यक्रम में गए, और जर्नलिंग शुरू की. उन्होंने वे सभी चीजें करना शुरू किया जिनसे उन्हें प्रेरणा मिलती थी.
एक बार फिर की नई शुरुआत
इस स्थिति से बाहर आने और अपनी यूपीएससी की तैयारी फिर से शुरू करने में मोहीबुल्लाह को दो साल लग गए. फिर वह जामिया मिलिया इस्लामिया में आवासीय कोचिंग अकादमी में शामिल हुए. साल 2021 में उन्होंने चौथे अटेम्प्ट में परीक्षा पास की.
उनका कहना है कि यूपीएससी सीएसई के लिए किसी को ओवरस्मार्ट होने की जरूरत नहीं है, न ही किसी को बहुत इंटेलिजेंट होने की जरूरत है. यूपीएससी उम्मीदवार के धैर्य और निरंतरता को देखता है. अपनी यूपीएससी सीएसई की तैयारी के दौरान, उन्होंने सीखा कि असफलता की जिम्मेदारी लेने से मदद मिलती है, बड़े सपने देखने से हमेशा हौसला मिलता है और खुद को बेवकूफ बनाने से आप कहीं नहीं जाएंगे.