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 Representational Image जलवायु परिवर्तन के कारण बहुत सी समस्याएं पैदा हो रही हैं और यह भविष्य में सबसे बड़ी चुनौती बन सकती है. ऐसे में, केरल ने स्कूलों में मौसम केंद्र स्थापित करने का फैसला किया है. और ऐसा करके राज्य अभिनव शिक्षा कार्यक्रम को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा.
258 स्कूलों में स्थापित हो रहे हैं मौसम केंद्र
यह सामान्य शिक्षा विभाग द्वारा समग्र शिक्षा केरल के माध्यम से शुरू किया गया है. द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, यह मुख्यमंत्री के 100-डे एक्शन प्लान में शामिल उल्लेखनीय शैक्षिक कार्यक्रमों में से एक है. इस परियोजना के तहत राज्य के 258 स्कूलों में मौसम केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं. 
यह उन सभी सरकारी उच्च माध्यमिक और व्यावसायिक उच्च माध्यमिक विद्यालयों भूगोल विषय की प्रयोगशाला प्रयोग के रूप में प्रयोग किया जाएगा.
हर स्कूल को मिलेंगे 50,000 रुपए
बताया जा रहा है कि अगर ये स्कूल स्थलाकृतिक (टोपोग्राफिकली) रूप से उपयुक्त क्षेत्रों में नहीं हैं, तो पास के सहायता प्राप्त स्कूलों में मौसम केंद्र स्थापित किए जाएंगे. प्रत्येक स्कूल को उपकरणों की खरीद के लिए 50,000 रुपये दिए जाएंगे. 
इनमें रेन गेज, अधिकतम-न्यूनतम थर्मामीटर, गीला और सूखा बल्ब थर्मामीटर, विंड वेन और एक कप काउंटर एनीमोमीटर शामिल हैं. छात्र मौसम के उपकरणों से रीडिंग लेंगे और उन्हें प्रदान की गई मौसम डेटा बुक में रिकॉर्ड करेंगे.
समाज के काम आएंगी स्कूल वेधशालाएं
इस वेदर स्टेशन के माध्यम से छात्र अपने स्कूल परिसर में और उसके आसपास दैनिक मौसम की घटना को समझ सकेंगे. स्कूल मौसम वेधशालाओं के माध्यम से एकत्र किए गए मौसम डेटा का उपयोग रिसर्च स्टडीज और अन्य वैज्ञानिक नवाचारों के लिए किया जा सकता है. आपदा संभावित क्षेत्रों में मौसम संबंधी जानकारी आवश्यक है, इसलिए ये स्कूल वेधशालाएं समाज के लिए काम आएंगी.