Reels and Vlogs in Sanskrit language
Reels and Vlogs in Sanskrit language आजकल बच्चों से लेकर बड़ों तक, हर कोई YouTube और Instagram पर रील्स देखता है. सैकड़ों तरह के कंटेंट पर बन रही रील्स का ट्रेंड लगातार आगे बढ़ रहा है. सामान्य एंटरटेनमेंट के अलावा, लोग शिक्षा, हेल्थ, बिजनेस आदि से जुड़ी जानकारी देने के लिए रील्स बनाते हैं. नए-नए विषयों पर Vlog के ज़रिए लोग न सिर्फ़ मनोरंजन करते हैं बल्कि जरूरी जानकारी भी देते हैं और यह उनकी कमाई का ज़रिया भी है. अब तक आप लोग ज्यादातर हिंदी, अंग्रेजी या किसी रीजनल भाषा में रील्स देख रहे थे पर अब आपको संस्कृत में भी रील्स दिखेंगी. और इसकी पहल की केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय ने.
रील्स भी बनाएंगे संस्कृत के छात्र
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्याल में पढ़ने वाले छात्रों को अक्सर कर्मकांड या अध्ययन के क्षेत्र में ही सक्रिय देखा जाता है. पर अब उन्हें reels बनाते भी देखा जाएगा. जी हां, आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन इन छात्रों को वी लॉग और रील्स बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है. ये छात्र मंदिरों और पर्यटन स्थलों से लेकर अलग-अलग विषयों पर रील्स बना रहे हैं. खास बात यह है कि इनकी रील्स देववाणी संस्कृत में बनाई जा रही हैं. लखनऊ के अम्बेडकर पार्क में इन छात्रों की रील्स आदि बनाने के लिए प्रैक्टिकल क्लास चला ई जा रही है.
संस्कृत भाषा के छात्र, सौरभ मिश्रा का कहना है कि जब हम संस्कृत में रील बनाते हैं तो लोग हमको देखने लगते हैं. वहीं, एक और छात्रा श्यामा तिवारी ने बताया कि आगे उनका प्लान अपनी भाषा, संस्कृत में ट्रैवल वी लॉग बनाने का है.
सिनेमा जगत के एक्सपर्ट्स ने दी ट्रेनिंग
Vlog और Reels बनाने की ट्रेनिंग देने वाली अपनी तरह की इस पहली क्लास में देश के 13 राज्यों से 36 छात्र शामिल हुए हैं. इन छात्रों को सिनेमा जगत के विशेषज्ञों ने ट्रेनिंग दी है. हाल के समय में धर्म आध्यात्म, संस्कृति से जुड़े हुए विषयों पर Vlogs की संख्या बहुत बढ़ी है तो युवाओं को भी यह रास आ रहा है. इसीलिए इस विषय पर आधुनिक टेक्नोलॉजी से संस्कृत भाषा के छात्रों को जोड़ने की पहल केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय ने की.
देववाणी संस्कृत देश के कई राज्यों की भाषाओं के मूल में है. संस्कृत की पढ़ाई कर रहे इन युवाओं की रुचि संस्कृत में ही Vlog या reels बनाने में हो, इसके लिए एक प्रतियोगिता भी रखी है. वर्कशॉप के बाद छात्रों की प्रतियोगिता भी करायी जाएगी और विजेता को पुरस्कृत भी किया जाएगा. ज़ाहिर है देश में अब संस्कृत के वी लॉग करने वाले इंफ्लूएंसर भी तैयार होने वाले हैं.