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Representative Image सीबीएसई की तरफ से 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए एक नोटिस जारी कर दिया गया है. यह नोटिस उनकी अटेंडेंट को लेकर जारी किया गया है. नोटिस में सीबीएसई ने बताया है कि एक छात्र की कितनी फीसद अटेंडेंस होनी चाहिए. साथ ही अगर वह किसी लीव पर जाता है, तो उसे लेने के लिए उसे क्या करना पड़ेगा. यहां तक की सीबीएसई की तरफ से भी स्कूलों को कहा गया है दैनिक रूप पर अटेंडेंस का ब्योरा तैयार रखें. सीबीएसई किसी भी समय औचकर नीरिक्षण के लिए स्कूल पहुंच सकता है.
बिना बताए लीव लेना पड़ेगा भारी
बोर्ड परीक्षा के इन छात्रों के लिए लीव लेना अब उतना आसान नहीं होगा. इनकी हर एक लीव का दस्तावेज के साथ हिसाब रखा जाएगा. अगर कोई छात्र बिना बताए अबसेंट रहता है तो उसे डमी स्टूडेंट की श्रेणी में गिना जाएगा और बोर्ड की परीक्षा वह नहीं दे पाएगा.
अगर कोई किसी बीमारी की वजह से स्कूल नहीं आ पाता है तो उसे उस छुट्टी के लिए डॉक्टर का मेडिकल सर्टिफिकेट दिखाना होगा. साथ ही राइटिंग में छुट्टी के लिए आवेदन करना होगा. यदि वह ऐसा नहीं करता है तो उसकी छुट्टी मंजूर नहीं की जाएगी. यहां तक कि अगर किसी के माता-पिता की मृत्यु हो जाती है तो उसे डेथ सर्टिफिकेट बतौर दस्तावेज जमा करना पड़ेगा.
सीबीएसई ने स्कूलों को दिए निर्देश
नोटिस में सीबीएसई से जुड़े स्कूलों को कहा गया है कि वह अटेंडेंस के नए नियमों का सख्ती के साथ पालन करें. साथ ही लीव को लेकर जो पॉलिसी तैयार की गई है उसके साथ किसी प्रकार का समझौता न किया जाए. कोई भी छात्र बिना बताए छुट्टी नहीं ले सकता है. साथ ही अगर वह छुट्टी लेता भी है तो उसकी वजह उसे बतानी होगी, साथ ही उसे सत्यापित करने के लिए दस्तावेज जमा कर होगा. वजह बताने के लिए भी उसे लिखित में छुट्टी के लिए आवेदन देना होगा.
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एक छात्र कितनी छुट्टी ले सकता है?
सीबीएसई की नई पॉलिसी के अनुसार एक छात्र की 75 फीसदी अटेंडेंट होनी जरूरी है. तो वहीं लीव के मामले में वह केवल 25 फीसदी छुट्टी ले सकता है. लेकिन उसे हर छुट्टी का हिसाब देना होगा. फिर चाहे वह उसकी बिमारी हो, या कहीं जाना हो, कोई मेडिकल टेस्ट हो या फिर किसी की मृत्यु ही क्यों न हो. साथ ही छुट्टी के लिए आवेदन भी उसे राइटिंग में देना होगा.