यूपी के स्कूलों में इस सत्र से माहौल बदला नज़र आएगा. शिक्षकों की ऑनलाइन अटेंडेंस का फ़ैसला सरकार ने लिया है और इसे अमल में लाने के लिए यूपी सरकार ने प्रयास तेज़ कर दिए हैं. यूपी माध्यमिक शिक्षा परिषद (UPMSP) जहां तकनीकी रूप से इसी सत्र में इसको लागू करने पर काम कर रहा है वहीं माध्यमिक शिक्षा विभाग के 100 दिन के एजेंडे में इसको शामिल किया गया है.
क्या है तैयारी
यूपी के सरकारी स्कूलों में मास्टर साहब की ग़ैरहाज़िरी कई बार चर्चा का विषय बनती है. अक्सर ये कहा जाता है कि शिक्षक पढ़ाने नहीं आते. गाँव देहात और दूर दराज़ के इलाक़ों में ऐसी भी तस्वीर देखने को मिलती है. अब माध्यमिक शिक्षा विभाग ने माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने और अपने काम में लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों की जवाबदेही तय करने पर काम शुरू कर दिया है. शिक्षकों की स्कूल में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए फ़ैसला किया है कि शिक्षकों की ऑनलाइन अटेंडेंस होगी. इसी सत्र से इस फ़ैसले को लागू किया जाएगा. रोज वो स्कूल किस समय पर आए हैं ये समय न सिर्फ दर्ज होगा बल्कि उनको जाते वक्त भी समय दर्ज़ करना होगा.
फैसले के दायरे में आ सकते हैं 60 हज़ार से ज़्यादा शिक्षक
ये किस तरह से होगा इस पर काम शुरू हो गया है. माध्यमिक शिक्षा परिषद के पोर्टल या अन्य किसी माध्यम से ये होगा इस पर विचार किया का रहा है. बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज कराने के विकल्प पर भी विचार हो रहा है. इस बीच जारी माध्यमिक शिक्षा के शैक्षिक कैलेंडर में भी ज़िला विद्यालय निरीक्षकों को इस बात को सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि सभी शिक्षकों और विद्यार्थियों की ई-मेल आईडी होगी. विभाग के इस फैसले के दायरे में राजकीय और एडेड विद्यालयों के 60 हज़ार से ज़्यादा शिक्षक आ सकते हैं.
बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन की भी हुई है ऑनलाइन मॉनिटरिंग
इस बार यूपी बोर्ड ने पहली बार हाई स्कूल और इंटर की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की ऑनलाइन मॉनिटरिंग भी कराई है. लखनऊ में बने कंट्रोल रूम से ये मॉनिटरिंग की गई थी. बता दें कि बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन प्रदेश भर में बने 271 केंद्रों पर किया गया है.
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