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CBSE Result Viral Boy: 'नीचे से किया टॉप' तो परिवार ने मनाया जश्न, फेल होने की सरहद को पार करने से बाल-बाल बचा... जानिए छात्र के बारे में

ठाणे में एक ऐसे छात्र का मामला सामने आया जिसने हर विषय में केवल 35 अंक ही प्राप्त करें. यानी फेल होने की सरहद पार करने से बाल-बाल बचा. फिर भी जश्न मनाने में लगा है परिवार. जश्न का वीडियो वायरल भी हो रहा है.

पढ़ाई के मामले में हमारी सोसाइटी का एक ही ख्याल है कि देखों शर्मा जी के लड़के को 99 फीसदी लाया है 12वीं में, अरे मिश्रा जी के बेटे को स्कूल में साइंस में टॉप किया है. लेकिन इस बीच को वो छात्र कहीं खो जाता है, जो मेहनत तो करता है लेकिन शायद किसमत साथ नहीं देती और अंक कम रह जाते हैं. बस फिर क्या तानों की जो बौछार सोसाइटी करती है, उससे तो भगवान ही बचाए. तो वहीं, घर वालों की फिक्र कहीं-कहीं मार में तब्दील हो जाती है. 

शायद इसी लिए मां-बाप 10वीं और 12वीं के आते ही ट्यूशन पर पैसे खर्च करने लग जाते हैं. बार-बार यही कहते है कि पढ़ ले बेटा पढ़ ले. पूरे साल वह एक उम्मीद का दामन थामें रहते हैं कि बेटा टॉप करेगा. लेकिन एक डर खाता रहता है कि कहीं फेल ना हो जाए. लेकिन इन्ही सब बातों के बीच एक बच्चे का वीडियो खूब वायरल हो रहा है. पर आखिर ये बच्चा टॉपर है या फेलियर.

नीचे से किया टॉप
'नीचे से टॉप किया', बस इतना ही कहना होता है और हर कोई समझ जाता है कि मामला थोड़ा खराब है और नंबर कम है. ऐसा होने पर बाबू जी की छड़ी को छुपा दिया जाता है. लेकिन इस वायरल वीडियो में तो बाबू जी ही बेटे के साथ जश्न मनाते दिख रहे है. मां के माथे पर भी सिलवटे नज़र नहीं आ रही है कि बेटे का भविष्य क्या होगा. वीडियो में तो पूरा परिवार एक साथ जश्न मनाता दिखाई दे रहा है.

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आखिर कौन है ये वायरल ब्वॉय
दरअसल इस वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर 'मुंबई न्यूज' नाम के हैंडल से शेयर किया गया था. इस वायरल ब्वॉय का नाम विशाल अशोक करद है, जो ठाणे का रहने वाला है. असल में उसने 10वीं की परीक्षा दी और ऐसी दी कि सभी विष्यों में 35 अंक हासिल किए. यानी कि फेल होने की सरहद पार करने से केवल बचा है. लेकिन उसके कम अंकों का उसके परिवार को ज़रा भी मलाल नहीं. बल्कि वह तो उछल-उछल जश्न मना रहे हैं कि बेटा पास हो गया.

विशाल के पापा कितने अमीर हैं?
कई घरानों में होता है कि चलों बेटा केवल पास हो जाए, आखिर में तो उसने घर का बिजनस ही संभालना है. लेकिन विशाल के मामले में ऐसा नहीं है. उसके पिता जी तो ऑटो ड्राइवर हैं. तो वहीं दिव्यांग मां मेड हैं. विशाल के मां-बाप ने उसे पढ़ाने के लिए काफी मेहनत की है. इसलिए जो भी विशाल अपनी मेहनत से प्राप्त कर पाया. वह उससे काफी खुश हैं.

क्या कहना है विशाल का
विशाल बताता है कि वह इंजीनियरिंग में अपना करियर बनाना चाहता है. जिसके लिए उसके परिवार ने उसका काफी समर्थन किया. अब क्योंकि विशाल के केवल 35 फीसदी नंबर आए है. तो शायद इंजीनियरिंग मुश्किल हो लेकिन परिवार के समर्थन और जश्न के वीडियो को देख लोग काफी सराहना कर रहे हैं.