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Inspirational: मां-बेटी ने साथ में NEET की परीक्षा पास करके पेश की मिसाल, मां को मिला सरकारी कॉलेज

अमुथावल्ली का कहना है कि उन्होंने बेटी की किताबें लेकर खुद भी पढ़ाई शुरू की.

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तमिलनाडु की रहने वाली 49 वर्षीय फिजियोथेरेपिस्ट अमुथावल्ली मनिवन्नन और उनकी बेटी एम. साम्यूक्ता ने एक साथ NEET परीक्षा पास करके मिसाल कायम की है. यह कहानी न केवल मेहनत की है, बल्कि एक अधूरे सपने को दोबारा जीने की प्रेरणा भी देती है.

मां को बेटी से मिली प्रेरणा
अमुथावल्ली ने बताया कि NEET का सिलेबस उनके समय से बिल्कुल अलग और कठिन था. लेकिन जब उन्होंने अपनी बेटी को तैयारी करते देखा, तो उनकी पुरानी इच्छा फिर से जाग गई. अमुथावल्ली का कहना है कि उन्होंने बेटी की किताबें लेकर खुद भी पढ़ाई शुरू की. 

बेटी की मदद बनी मां की ताकत
साम्यूक्ता CBSE स्कूल की छात्रा हैं. वह कोचिंग में गई थीं और उनकी किताबों का ही इस्तेमाल उनकी मां ने भी किया. साम्यूक्ता कहती हैं उन्हें बोल-बोलकर पढ़ना पसंद हैं. अपनी मां को समझाते हुए उनकी खुद की भी रिवीजन हो जाती थी. साम्यूक्ता के अनुसार उनके वकील पिता को मेडिकल में रुचि नहीं थी, लेकिन मां खुद मेडिकल क्षेत्र से जुड़ी थीं, इसलिए पढ़ाई में दिलचस्पी दिखाईं.

मां को मिली सीट, बेटी की तैयारी जारी
30 जुलाई को शुरू हुई तमिलनाडु की मेडिकल काउंसलिंग में अमुथावल्ली ने PwD कोटे के तहत भाग लिया और विरुधुनगर के सरकारी मेडिकल कॉलेज को चुना. उन्होंने NEET में 147 अंक प्राप्त किए. यह कॉलेज उनके गृह जिले टेनकासी के पास है. वहीं, साम्यूक्ता ने 450 अंक प्राप्त किए हैं और वह जनरल कोटे या SC कोटे के तहत किसी अन्य कॉलेज में प्रवेश लेना चाहती हैं. उनका कहना है कि वह अपनी मां के साथ एक ही कॉलेज में नहीं पढ़ना चाहती. वह बाहर किसी और जगह पढ़ना चाहती हूं.

तीन दशक पुराना सपना हुआ पूरा
अमुथावल्ली ने बताया कि उन्होंने स्कूल के बाद MBBS करने का सपना देखा था, लेकिन परिस्थितियों के कारण उन्हें फिजियोथेरेपी करनी पड़ी. अब तीन दशक बाद वह फिर से छात्रा बन रही हैं. अमुथावल्ली ने कहा कि उनके पति ने उन्हें और उनकी बेटी को NEET की तैयारी के लिए पूरा समर्थन दिया.

विशेष कोटे के तहत हुई काउंसलिंग
तमिलनाडु के डायरेक्टरेट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च की चयन समिति ने 30 जुलाई को 7.5% आरक्षण के तहत ऑफलाइन काउंसलिंग की. इसमें सरकारी स्कूल छात्र, PwD, पूर्व सैनिकों के बच्चे और राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी शामिल थे. 

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