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Inspiring: इस IPS अफसर ने दी है 2000 से ज्यादा UPSC उम्मीदवारों को फ्री कोचिंग, कईयों को मिली टॉप रैंक

आज हम आपको मिलाने जा रहे हैं हैदराबाद के IPS अफसर महेश भागवत से जो पिछले कई सालों से UPSC उम्मीदवारों को Free कोचिंग क्लास दे रहे हैं और उनके कई छात्रों ने एग्जाम में अच्छी रैंक हासिल की हैं.

IPS Mahesh Bhagwat helping UPSC Students IPS Mahesh Bhagwat helping UPSC Students

इस बात में कोई दो राय नहीं है कि IAS और IPS अधिकारियों जैसे पब्लिक अफसरों के पास कोई खाली समय नहीं होता है क्योंकि वे ज्यादातर अपनी जॉब में बिजी रहते हैं. समाज में कानून व्यवस्था बनाए रखना इतना आसान नहीं है. लेकिन ऐसे कई सेवारत अधिकारी भी हैं जिनका समर्पण सिर्फ कर्तव्य से कहीं ज्यादा है. जी हां, ये लोग अपनी जॉब से परे जाकर लोगों की मदद कर रहे हैं.  

एक ऐसे ही एक व्यक्ति हैं रेलवे और सड़क सुरक्षा के अतिरिक्त महानिदेशक, महेश भागवत. 30 से ज्यादा सालों तक सरकार में रहने के अलावा, उन्होंने 2015 से 1,400 से ज्यादा IPS, 300 IFS और 300 UPSC CAPF सहायक कमांडेंट उम्मीदवारों को मुफ़्त कोचिंग दी है. 

Zoom Call के जरिए कोचिंग 
आईपीएस अधिकारी के मुताबिक, यह पहल पूरी तरह से समाज के लिए है. वे महाराष्ट्र के एक कोचिंग संस्थान में कोचिंग देते हैं. संस्थान के पांच अन्य साथी सलाहकारों के साथ, उन्होंने Whatsapp पर स्टडी मेटेरियल और क्वेश्चन बैंक देकर हजारों उम्मीदवारों के जीवन को बनाया है. इसके अलावा Zoom Call पर भी क्लास दी जाती है. उनके दिन के दो-तीन घंटे इस काम में जाते हैं. 

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आपको बता दें कि डी अनन्या रेड्डी, जो 2023 यूपीएससी परीक्षा में तीसरे स्थान पर रहीं, और साई किरण, AIR 27, दोनों ने महेश के मार्गदर्शन में कोचिंग ली.

उनका कहना है कि इस चीज ने उनके जीवन की दिशा को आकार दिया. साल 1995 में उन्होंने पुलिस फोर्स जॉइन की थी और तबसे समर्पण के साथ काम कर रहे हैं. 

NGO के साथ किया काम 
महाराष्ट्र में अपने करियर की शुरुआत करते हुए, इंजीनियरिंग ग्रेजुएट महेश ने अपनी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा कंप्टीशन एग्जाम्स को पास करने और एक एनजीओ के साथ वॉलंटियरिंग करने में बिताया.

उनके नेतृत्व में आदिलाबाद और निर्मल में, सड़क, बस, बिजली और पानी जैसी जरूरी सेवाओं को लाने के लिए ‘पुलिस मीकोसम’ के बैनर तले पहल की गई. इसे लॉस एंजिल्स से पहचान मिली.

2004 में कम्यूनिटी पुलिसिंग पुरस्कार भी इस सूची में था, जिसमें दिवंगत एपीजे अब्दुल कलाम ने 15 मिनट की कॉल पर उनके प्रयासों की सराहना की थी.