kejriwal met kharge
kejriwal met kharge अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी के सीनियर नेताओं के साथ शनिवार को अचानक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के घर मुलाकात करने पहुंच गए. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच एक दिन पहले ही गठबंधन को लेकर अच्छे माहौल में बातचीत हुई. हालांकि सीट का पेंच अभी पूरा नहीं सुलझा है लेकिन इस बीच अरविंद केजरीवाल की न सिर्फ मल्लिकार्जुन खड़गे से बल्कि राहुल गांधी से हुई मुलाकात में राजनीतिक खालको में कई सारी चर्चाएं शुरू कर दी.
मुलाकात का चंडीगढ़ एंगल क्यों है महत्वपूर्ण
चंडीगढ़ में 18 जनवरी को मेयर के चुनाव होने वाले हैं. चंडीगढ़ में संख्या का हिसाब किताब कुछ ऐसा है कि बिना कांग्रेस के मदद के आम आदमी पार्टी को मेयर की कुर्सी नहीं मिल सकती है. कल 35 सदस्यों वाली नगर निगम में आम आदमी पार्टी के पास फिलहाल 13 पार्षद है जबकि कांग्रेस के पास सात. बीजेपी के पास 15 पार्षदों के अलावा वहां की सांसद किरण खेर का भी वोट है. इसलिए अगर आम आदमी या कांग्रेस किसी को भी अपना मेयर बनवाना है तो एक दूसरे का वोट पाना जरूरी होगा. इसलिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के पास साथ मिलकर बीजेपी को धूल चटाने का पहला मौका हाथ लग सकता है. गौरतलब है कि पिछले दो सालों में बीजेपी का मेयर चंडीगढ़ में रहा है.
क्या आप और कांग्रेस में गठबंधन हो चुका है फाइनल
जब इंडिया गठबंधन की शुरुआत हुई थी तो सबसे ज्यादा मुश्किल संबंधों में से एक आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन में साथ आना माना जा रहा था. लेकिन अब तक इन दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन को लेकर दो मीटिंग हो चुकी है और तीसरी मीटिंग जल्द ही होने की संभावना है. सूत्रों की माने तो दिल्ली को लेकर दोनों पार्टियों गठबंधन के फार्मूले पर सहमत तक हो चुकी हैं. जहां तक पंजाब की बात है वहां दोनों पार्टियों में लगभग सहमति है कि उन्हें अलग-अलग ही लड़ना चाहिए. मामला गुजरात, गोवा और हरियाणा के राज्यों पर अटका हुआ है. अरविंद केजरीवाल की यह मुलाकात दिल्ली के बाहर इन तीन राज्यों में कुछ सीटें आम आदमी पार्टी के लिए छोड़ने को लेकर अहम मानी जा रही है.
जिस दिन केजरीवाल के नाम आया ईडी का समन उसी दिन हुई मुलाकात
अरविंद केजरीवाल की मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के साथ हुई मुलाकात की टाइमिंग भी महत्वपूर्ण है. शनिवार को ही केजरीवाल के नाम एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट का चौथा समन आया जिसमें उन्हें 18 जनवरी को ईडी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है. लगातार जांच एजेंसियों की बढ़ती सक्रियता को लेकर विपक्षी दल पहले ही सरकार पर सवाल कर चुके हैं और इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच साथ आने की सबसे बड़ी वजहों में विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने का आरोप भी एक है. इसलिए ठीक उसी दिन जिस दिन ईडी निक केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया इस दिन पहले इंडिया एलायंस की वर्चुअल मीटिंग में केजरीवाल का शामिल होना और उसके ठीक बाद कांग्रेस अध्यक्ष के घर पर जाना कई महत्वपूर्ण राजनीतिक इशारे भी करता है. खासतौर पर ऐसी स्थिति में जब एलायंस के तीन सीनियर नेता ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे और अखिलेश यादव वर्चुअल मीटिंग में शामिल नहीं हुए.
-कुमार कुनाल की रिपोर्ट