Lok Sabha Election Results 2024
Lok Sabha Election Results 2024 लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) के वोटों की गिनती पूरी हो चुकी है. इस बार पिछले चुनावों के मुकाबले एनडीए (NDA) को कम सीटें मिली है, तो वहीं इंडिया गठबंधन (India Alliance) को काफी फायदा हुआ है. यूपी में जहां राहुल गांधी और अखिलेश यादव की जोड़ी का कमाल दिखा तो वहीं पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी का जादू कायम रहा. बिहार में इस बार बीजेपी (BJP) से कम सीटों पर मैदान में उतरी नतीश कुमार की पार्टी जदयू (JDU) बीजेपी जीतनी सीटें जीतने में सफल रही.
1. यूपी में किस पार्टी को कितनी मिली सीट
लोकसभा चुनाव 2024 का मतगणना संपन्न हो चुका है. यूपी में बीजेपी को तगड़ा झटक लगा है. यहां समाजवादी पार्टी को सबसे अधिक सीटों पर जीत मिली है. कांग्रेस भी अपनी सीटों में इजापा करने में सफल रही है. इस तरह से राहुल-अखिलेश की जोड़ी इस चुनाव में सफल रही. यूपी में कुल 80 लोकसभा सीटें हैं. इस बार हुए लोकसभा चुनाव में सपा ने जहां 37 सीटों पर जीत दर्ज की है, वहीं बीजेपी को 33 सीटों पर विजय मिली है. कांग्रेस को 6 सीटों पर, आरएलडी को 2 सीटों पर, आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) को 1 सीट पर और अपना दल (सोनेलाल) पार्टी को 1 सीट पर जीत नसीब हुई है.
उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2019 का हाल
उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं. 2019 के चुनाव में बीजेपी ने 80 में से 78 सीटों पर चुनाव लड़ा था. इसमें से 62 सीटों पर जीत मिली थी. वहीं बीजेपी की सहयोगी अपना दल एस को 2 सीटें मिली थी. कुल मिलाकर एनडीए को 64 सीटों पर जीत मिली थी. सपा-बसपा महागठबंधन के तहत चुनावी मैदान में उतरी थी. सपा को 5 और बसपा को 10 सीटों पर जीत मिली थी.
कांग्रेस एक सीट पर जीत दर्ज कर पाई थी. लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी 75 सीट, अपना दल एस 2, राष्ट्रीय दल 2 और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी एक सीट पर चुनावी मैदान में है. विपक्षी गठबंधन INDIA के तहत समाजवादी पार्टी 62 सीट, कांग्रेस 17 और तृणमूल कांग्रेस एक सीट पर चुनाव लड़ रही है. बसपा अपने दम पर सभी 80 सीटों पर चुनावी मैदान में है.
2. बंगाल में बीजेपी को भारी नुकसान
इस बार पश्चिम बंगाल में भी बीजेपी को काफी नुकसान हुआ है. यहां बीजेपी लोकसभा की कुल 42 सीटों में से सभी पर चुनाव लड़ी थी. पश्चिम बंगाल में ज्यादतर सीटों पर ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी जादू चला है. इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक टीएमसी ने 29 सीटों पर विजय हासिल की है. भारतीय जनता पार्टी यानी बीजेपी को 11 सीटों पर जीत नसीब हुई है. एक सीट पर कांग्रेस को जीत मिली है. एक सीट पर परिणाम देर रात तक घोषित नहीं हुआ था.
2019 में किसे मिली थीं कितनी सीटें
लोकसभा चुनाव 2019 में पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से 18 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी. बीजेपी का वोट शेयर 40.3 फीसदी रहा था. टीएमसी 43.7 फीसदी वोट शेयर के साथ 22 सीटें जीतने में सफल रही थी. कांग्रेस दो सीटें ही जीत सकी थी और पार्टी का वोट शेयर 5.7 फीसदी रहा था.
3. बिहार में बीजेपी और जदयू को 12-12 सीटों पर मिली जीत
बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं. इस बार एनडीए गठबंधन के तहत बीजेपी ने 40 में से 17 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे जबकि जदयू के हिस्से में 16 सीटें आई थीं. 5 सीटों पर चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने और एक सीट से जीतनराम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने उम्मीदवार उतारे थे. राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा को एक सीट मिली थी. एनडीए में शामिल बीजेपी को जहां 12 सीटों पर जीत मिली है तो वहीं जदयू भी 12 सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रही.
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 5 सीटों पर, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) को 1 सीट पर जीत मिली है. इंडिया गठबंधन में शामिल राजद को 4 सीटों पर, कांग्रेस को 3 सीटों पर, भाकपा माले को दो सीटों पर जीत मिली है. पूर्णिया लोकसभा सीट से पप्पू यादव ने निर्दलीय जीत दर्ज की है. दूसरी तरफ अगर महागठबंधन के प्रदर्शन पर नजर डालें तो तेजस्वी यादव के जबरदस्त के प्रचार-प्रसार के बावजूद भी राजद को केवल 4 सीट ही हासिल हुई जबकि उनकी पार्टी ने 23 सीटों पर चुनाव लड़ा था. महागठबंधन में शामिल कांग्रेस ने 9 सीट पर लड़कर 3 पर जीत हासिल की है. भाकपा माले ने तीन में से दो सीट पर जीत दर्ज की है.
2019 में कैसे रहे थे नतीजे
लोकसभा चुनाव 2019 में बिहार में एनडीए ने जबरदस्त प्रदर्शन किया था. 40 सीटों में से 39 सीटों पर कब्जा करते हुए गठबंधन ने लगभग क्लीन स्वीप किया था. बीजेपी ने 17 सीटों पर चुनाव लड़ा था. इसमें से सभी 17 सीटों पर जीत दर्ज की थी. एनडीए में शामिल जदयू ने भी 17 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 16 पर जीत मिली थी. छह सीटें लोजपा के खाते में गई थी. एक सीट पर कांग्रेस को जीत मिली थी. उधर, राजद, रालोसपा, हम (सेकुलर) और वीआईपी का खाता भी नहीं खुल सका था.