फैजाबाद लोकसभा सीट उत्तर प्रदेश में है और रामनगरी अयोध्या के लिए दुनिया में मशहूर है. जिले का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया गया है. हालांकि लोकसभा सीट अभी भी फैजाबाद ही है. इस सीट पर किसी भी एक पार्टी का दबदबा नहीं रहा है. शुरुआती दौर पर कांग्रेस ने लगातार 4 बार इस सीट पर जीत दर्ज की थी. उसके बाद लगातार दो बार से ज्यादा जीत दर्ज नहीं कर पाई है. इस बार बीजेपी के पास जीत की हैट्रिक लगाने का मौका है. हालांकि बीजेपी की राह आसान नहीं है. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का इंडिया गठबंधन के अलावा बहुजन समाज पार्टी भी मैदान में दम दिखा रही है.
किसने किसको बनाया उम्मीदवार-
बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए ने फैजाबाद लोकसभा सीट से लल्लू सिंह को मैदान में उतारा है. इस सीट पर लल्लू सिंह से साल 2014 से लगातार जीत दर्ज कर रहे हैं. एक बार फिर बीजेपी ने उनको उम्मदीवार बनाया है. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के इंडिया गठबंधन ने इस सीट पर अवधेश प्रसाद पर दांव लगाया है.
किस पार्टी को कितनी बार मिली जीत-
फैजाबाद लोकसभा सीट पर पहली बार चुनाव साल 1957 में हुआ था. इस सीट पर सबसे ज्यादा कांग्रेस को 7 बार जीत मिली मिली है. जबकि बीजेपी को 4 बार जीत हासिल हुई है. समाजवादी पार्टी, बीएसपी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और भारतीय लोकदल को एक-एक बार जीत मिली है.
2019 आम चुनाव में बीजेपी की जीत-
साल 2019 आम चुनाव में बीजेपी ने लल्लू सिंह को मैदान में उतारा था. जबकि समाजवादी पार्टी और बहजुन समाज पार्टी के गठबंधन ने आनंद सेन यादव को उम्मीदवार बनाया था. लेकिन लल्लू सिंह ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को हराया दिया और सांसद चुने गए. लल्लू सिंह को 5 लाख 29 हजार 21 वोट मिले थे, जबकि आनंद सेन यादव को 4 लाख 63 हजार 544 वोट हासिल हुए थे. कांग्रेस के उम्मीदवार डॉ. निर्मल खत्री को 53 हजार 386 वोट मिले थे.
फैजाबाद लोकसभा सीट का इतिहास-
फैजाबाद लोकसभा सीट पर साल 1957 में पहली बार चुनाव हुए थे. कांग्रेस के राजा राम मिश्र ने जीत दर्ज की थी. लेकिन साल 1962 में कांग्रेस ने बृज बसी लाल को उम्मीदवार बनाया. उन्होंने जीत दर्ज की. साल 1967 और साल 1971 आम चुनाव में कांग्रेस के राम कृष्ण सिन्हा को जीत मिली. लेकिन साल 1977 आम चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा. जनता दल को पहली बार जीत मिली. पार्टी के उम्मीदवार अनंतराम जयसवाल ने जीत हासिल की.
साल 1980 में कांग्रेस (आई) के जय राम वर्मा ने जीत दर्ज की. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए साल 1984 आम चुनाव में कांग्रेस के निर्मल खत्री को जीत मिली. लेकिन साल 1989 आम चुनाव में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के मित्रसेन यादव विजय हुए. इस चुनाव के बाद कभी भी कम्युनिस्ट पार्टी को इस सीट पर जीत हासिल नहीं हुई.
साल 1991 चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) का फैजाबाद सीट पर खाता खुला. बीजेपी के विनय कटियार ने जीत हासिल की. उन्होंने इस जीत को साल 1996 चुनाव में भी बरकरार रखा. लेकिन साल 1998 चुनाव में समाजवादी पार्टी के मित्रसेन यादव ने जीत दर्ज की.
साल 1999 आम चुनाव में बीजेपी के विनय कटियार ने वापसी की और जीत दर्ज की. लेकिन साल 2004 आम चुनाव में मित्रसेन यादव ने विनय कटियार को हरा दिया. मित्रसेन यादव इस बार बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार थे. साल 2009 आम चुनाव में कांग्रेस के निर्मल खत्री को जीत मिली. जबकि साल 2014 और 2019 आम चुनाव में बीजेपी के लल्लू सिंह ने जीत दर्ज की.
फैजाबाद सीट का जातीय समीकरण-
फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति (SC) मतदाताओं की संख्या 4 लाख 42 हजार 274 वोट हैं, जो 2011 जनगणना के मुताबिक 24.3 फीसदी है. जबकि अनुसूचित जनजाति (ST) वोटर्स की संख्या 1820 है, जो 0.1 फीसदी हैं. इस लोकसभा क्षेत्र में मुसलमानों की संख्या 16.37 फीसदी है. इस संसदीय क्षेत्र में पिछड़ी जातियों की संख्या सबसे ज्यादा है. इसमें से यादव वोटर्स की संख्या करीब 13 फीसदी है. इस क्षेत्र में सवर्ण वोटर्स की संख्या 29 फीसदी है.
5 विधानसभा सीटों का गणित-
फैजाबाद लोकसभा सीट के तहत 5 विधानसभा सीटें आती हैं. इसमें दरियाबाद, रुदौली, मिल्कीपुर, बीकापुर और अयोध्या शामिल है. साल 2022 विधानसभा चुनाव में 4 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली. जबकि एक सीट मिल्कीपुर में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अवधेश प्रसाद विजयी हुए. दरियाबाद से बीजेपी के सतीश शर्मा, रुदौली से रामचंद्र यादव, बीकापुर से अमित सिंह चौहान और अयोध्या से वेद प्रकाश गुप्ता विधायक हैं.
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