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Gurgaon Lok Sabha Seat: इस सीट पर राव इंद्रजीत सिंह का दबदबा, 4 बार चुने गए सांसद... जानें गुड़गांव लोकसभा सीट का समीकरण और इतिहास

Haryana Lok Sabha Election: साल 2008 में गुड़गांव लोकसभा सीट दूसरी बार अस्तित्व में आई थी. उसके बाद से इस सीट पर राव इंद्रजीत सिंह को जीत मिल रही है. इंद्रजीत सिंह 4 बार से सांसद हैं. पहली बार गुड़गांव लोकसभी सीट साल 1952 से साल 1977 तक अस्तित्व में थी. उस दौरान इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा था.

Gurgaon Lok Sabha Seat Gurgaon Lok Sabha Seat

गुड़गांव लोकसभा सीट हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में से एक है. यह सीट साल 1952 के पहले आम चुनाव में ही अस्तित्व में आई थी. लेकिन साल 1977 आम चुनाव के बाद इसे खत्म कर दिया गया. लेकिन साल 2009 आम चुनाव में एक बार फिर गुड़गांव सीट अस्तित्व में आई. दूसरी बार अस्तित्व में आने के बाद से इस सीट पर राव इंद्रजीत सिंह को लगातार जीत मिलती रही है. इस दौरान राव इंद्रजीत कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों से चुनाव में जीत हासिल की. चलिए आपको गुड़गांव लोकसभा सीट का समीकरण और इतिहास बताते हैं.

फिर से राव इंद्रजीत का कब्जा-
साल 2024 आम चुनाव में गुड़गांव लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राव इंद्रजीत सिंह ने जीत हासिल की. राव इंद्रजीत सिंह ने कांग्रेस लीडर राज बब्बर को 75 हजार 79 वोटों से हराया. राव इंद्रजीत को 8.08 लाख वोट हासिल हुए.

साल 2019 आम चुनाव के नतीजे-
साल 2019 आम चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार राव इंद्रजीत सिंह ने कांग्रेस उम्मीदवार कैप्टन अजय सिंह यादव को 3 लाख 86 हजार वोटों से हराया था. राव इंद्रजीत सिंह को 8.81 लाख वोट मिले थे. जबकि कैप्टन अजय सिंह यादव को 4.95 लाख वोट मिले थे. इस NOTA पर नोटा पर 5389 लोगो ने बटन दबाया था.

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राव इंद्रजीत सिंह का दबदबा-
साल 2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद गुड़गांव लोकसभा सीट फिर से अस्तित्व में आई. उसके बाद से इस सीट पर सिर्फ राव इंद्रजीत सिंह को ही जीत मिली है. साल 2009 आम चुनाव में राव इंद्रजीत सिंह कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की थी. उन्होंने बीएसपी के जाहिर हुसैन को 84 हजार वोटों से हराया था. साल 2014 आम चुनाव में राव इंद्रजीत ने पार्टी बदल दी. उन्होंने बीजेपी के टिकट पर INLD के टिकट पर चुनाव लड़ रहे जाकिर हुसैन को 2.74 लाख वोटों से हराया था. साल 2019 आम चुनाव में राव इंद्रजीत ने और बड़ी जीत हासिल की.

1952-77 तक अस्तित्व में थी ये सीट-
गुड़गांव लोकसभा सीट पर पहली बार साल 1952 आम चुनाव में वोट डाले गए थे. कांग्रेस के टिकट पर ठाकुर दास भार्गव को जीत मिली थी. लेकिन साल 1957 आम चुनाव में कांग्रेस के मशहूर लीडर अबुल कलाम आजाद सांसद चुने गए. साल 1962 आम चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर गजराज सिंह यादव ने जीत हासिल की. लेकिन साल 1967 लोकसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार अब्दुल गनी डार सांसद चुने गए. साल 1971 आम चुनाव में कांग्रेस के तैय्यब हुसैन ने जीत हासिल की. लेकिन इसके बाद गुड़गांव लोकसभा सीट को साल 2008 तक खत्म कर दिया गया.

9 विधानसभा सीटों का गणित-
गुड़गांव लोकसभा सीट के तहत 9 विधानसभा सीटें आती हैं. इसमें रेवाड़ी जिले की बावल और रेवाड़ी विधानसभा सीटें आती हैं. जबकि नूंह जिलें की फिरोजपुर झिरका, नूंह और पुन्हाना विधानसभा सीटें शामिल हैं. इस लोकसभा क्षेत्र में गुरुग्राम जिले की पटौदी, बादशाहपुर, गुड़गांव और सोहना सीट शामिल है. विधानसभा चुनाव में 4-4 सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस के विधायक चुने गए. जबकि एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की.

गुड़गांव सीट का जातीय समीकरण-
गुड़गांव लोकसभा सीट पर 19 फीसदी अहीर वोटर हैं. जबकि इस सीट पर मुस्लिम वोटर्स की संख्या 17 फीसदी है. पंजाबी और राजपूत मतदाताओं की संख्या 8-8 फीसदी है. इस सीट पर ब्राह्मण और राजपूत मतदाताओं की संख्या 7-7 फीसदी है. गुड़गांव लोकसभा सीट पर 18 फीसदी अनुसूचित जाति के वोटर हैं.

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