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khagaria: दो नए उम्मीदवारों के बीच सीधा मुकाबला, क्या Rajesh Verma दर्ज कर पाएंगे जीत या  Sanjay Kushwaha मारेंगे बाजी, जानें यादव बहुल खगड़िया Lok Sabha Seat का इतिहास 

Lok Sabha Election 2024 khagaria Seat: लोकसभा चुनाव 2024 में खगड़िया सीट से वैसे तो 12 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं लेकिन मुख्य मुकाबला सीपीआई (एम) के संजय कुमार कुशवाहा और चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के उम्मीदवार राजेश वर्मा के बीच है. लोजपा यहां से जीत हैट्रिक लगाना चाह रही है.

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हाइलाइट्स
  • खगड़िया में तीसरे चरण में 7 मई 2024 को होना है मतदान 

  • 2019 में चौधरी महबूब अली कैसर ने दर्ज की थी जीत

Bihar Politics: लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) में एनीडए (NDA) जहां हैट्रिक लगाने की तैयारी में है, वहीं विपक्षी गठबंधन इंडिया (INDIA) से जुड़ी पार्टियां उलटफेर करने की फिराक में हैं. कुल सात चरणों में चुनाव होना है, जिसमें दो फेज का चुनाव हो चुका है. तीसरे चरण का चुनाव 7 मई 2024 को होना है. तीसरे फेज में बिहार की कुल पांच सीटों पर मतदान होना है. आज हम आपको खगड़िया लोकसभा सीट का जातीय समीकरण और इतिहास बताने जा रहे हैं.

कौन देगा, किसको मात
खगड़िया लोकसभा सीट (khagaria Lok Sabha Seat) एनडीए (NDA) गठबंधन की तरफ से इस बार लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) यानी LJP (R) के खाते में गई है. चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने यहां से राजेश वर्मा (Rajesh Verma) को चुनावी मैदान में उतारा है. उधर, इंडिया अलायंस की तरफ से यह सीट सीपीआई (एम) के जिम्मे है. सीपीआई (एम) ने यहां से संजय कुमार कुशवाहा (Sanjay Kumar Kushwaha) को टिकट दिया है.दोनों उम्मीदवार पहली बार खगड़िया से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. 

राजेश वर्मा के साथ जहां लोजपा (आर) के वोट गणित के साथ भाजपा और जदयू के आधार वोट है तो वहीं संजय कुशवाहा के साथ सीपीआई (एम) का कैडर वोट है. लोजपा के पूर्व सांसद का एक्टिव रहना सीपीआई-एमएल उम्मीदवार को लाभ पहुंचा सकता है.लोजपा जहां जीत की हैट्रिक लगाना चाह रही है तो वहीं  सीपीआई (एम) भी विजय प्राप्त करने के लिए पूरी जी-जान से जुटी हुई है. अब देखना है कि कौन खगड़िया का किला फतह कर पाता है. 

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इस बार इतने उम्मीदवार आजमा रहे अपनी किस्मत 
लोकसभा चुनाव 2024 में खगड़िया सीट से कुल 12 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. राजेश वर्मा, संजय कुमार कुशवाहा के अलावा बहुजन समाज पार्टी के डॉ. रवि कुमार, आम जनता पार्टी राष्ट्रीय के चंद्र किशोर ठाकुर, आदर्श मिथिला पार्टी के आसिफ इमाम, राष्ट्रीय जन संभावना पार्टी के अजय कुमार, हिंदुस्तानी पिपुल्स पार्टी की कंचन माला, जन कल्याण पार्टी सेक्युलर के पिंकेश कुमार भी चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. दीनानाथ चंद्रवंशी, प्रियदर्शी दिनकर, रूपम देवी और सोनू कुमार बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. 

जिया लाल मंडल खगड़िया के पहले सांसद
खगड़िया लोकसभा सीट 1957 में अस्तित्व में आई.राजनीतिक इतिहास देखों तो इस जिले की जनता ने लोकसभा चुनाव 1957 से 2019 तक किसी खास दल को वर्चस्व कायम करने का मौका नहीं दिया.यहां से पहला चुनाव कांग्रेस के जिया लाल मंडल ने जीता था. यानी खगड़िया के पहले सांसद जिया लाल मंडल हैं. लोकसभा चुनाव 1962 में भी जिया लाल मंडल ने जीत दर्ज की थी.

लोकसभा चुनाव 1967 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के कामेश्वर सिंह ने जीत दर्ज की थी. खगड़िया लोकसभा सीट से कुल चार बार ( 1957, 1962, 1980 और 1984 में) कांग्रेस को जीत मिली. सोशलिस्ट पार्टी को लोकसभा चुनाव 1967 और 1971 में, जनता पार्टी को 1977 में, जनता दल को 1989, 1991 और 1996 में, जनता दल यू (जदयू) को 1999 और 2009 में, समता पार्टी को 1998 में राजद को 2004 में और लोजपा को लगातार दो बार 2014 और 2019 में जीत हासिल हुई है.

खगड़िया लोकसभा सीट से कब और किसने दर्ज की जीत 
1957: जिया लाल मंडल, कांग्रेस
1962: जिया लाल मंडल, कांग्रेस
1967: कामेश्वर सिंह, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी
1971: शिव शंकर प्रसाद यादव, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी
1977: ज्ञानेश्वर प्रसाद यादव, जनता पार्टी
1980: सतीश प्रसाद सिंह, कांग्रेस
1984: चंद्र शेखर प्रसाद वर्मा, कांग्रेस
1989: राम शरण यादव, जनता दल
1991: राम शरण यादव, जनता दल
1996: अनिल कुमार यादव, जनता दल
1998: शकुनी चौधरी कुशवाह, समता पार्टी
1999: रेणु कुमारी सिंह, जदयू
2004: रवीन्द्र कुमार राणा, राजद
2009: दिनेश चंद्र यादव, जदयू
2014: महबूब अली कैसर, लोजपा
2019: महबूब अली कैसर, लोजपा

लोकसभा चुनाव 2014 लोजपा को मिली थी जीत
लोकसभा चुनाव 2014 खगड़िया सीट से लोजपा उम्मीदवार चौधरी महबूब अली कैसर ने जीत दर्ज की थी. कैसर को 313806 वोट मिले थे. कैसर को 35.01 प्रतिशत मत हासिल हुआ था. वहीं दूसरे स्थान पर रहीं  आरजेडी उम्मीदवार कृष्णा कुमारी यादव को 237803 वोट से संतोष करना पड़ा था. कृष्णा को 26.53 प्रतिशत वोट मिले थे. इस सीट पर तीसरे स्थान पर नोटा रहा. 23868 लोगों ने नोटा का बटन दबाया था. 

2019 में भी कैसर ने लहराया था परचम
लोकसभा चुनाव 2019 में खगड़िया सीट से महागठबंधन में शामिल विकासशील इंसान पार्टी के मुकेश साहनी और लोक जन शक्ति पार्टी के चौधरी महबूब अली कैसर के बीच कांटे का मुकाबला हुआ था. उस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी, आदर्श मिथिला पार्टी, राष्ट्रीय जनसंभावना पार्टी, आम अधिकार मोर्चा, आम जनता पार्टी राष्ट्रीय, बहुजन मुक्ति पार्टी, जनहित किसान पार्टी, शिवसेना, गरीब जनशक्ति पार्टी के साथ 8 निर्दलीय चुनाव मैदान में थें. लेकिन इस बार भी एलजेडी प्रत्याशी मेहबूब अली कैसर ने अपनी जीत बरकरार रखी, उन्हें 5,10,193 वोट मिले थे.

दूसरे स्थान पर रहे वीआईपी प्रत्याशी मुकेश सहनी को 2,61,623 वोटों से संतोष करना पड़ा था. निर्दलीय उम्मीदवार प्रियदर्शी दिनकर ने 51,847 वोटों के साथ तीसरा स्थान हासिल किया था. 20,449 वोटों के साथ निर्दलीय प्रत्याशी बंदन कुमार सिंह चौथे और 16,692 वोटों के साथ मोनी कुमार पांचवे स्थान पर रहे थे. खगड़िया लोकसभा सीट पर 58.90 फीसदी वोटिंग दर्ज किया गया था.

छह विधानसभा सीटों में से चार पर इंडिया गठबंधन का कब्जा
खगड़िया लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत छह विधानसभा सीटें शामिल हैं. इनमें से चार विधानसभा क्षेत्र खगड़िया, अलौली, बेलदौर और परबत्ता खगड़िया जिले में हैं. सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा सीट सहरसा जिले में है. वहीं हसनपुर विधानसभा सीट समस्तीपुर जिले में है. बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के नतीजे के मुताबिक इन छह विधानसभा सीटों में से चार पर इंडिया गठबंधन का कब्जा है. तीन पर राजद का कब्जा है. एक पर कांग्रेस और दो पर जदयू का विधायक हैं. खगड़िया सदर विधानसभा सीट पर कांग्रेस, परबत्ता और बेलदौर विधानसभा सीट पर जदयू और अलौली (सुरक्षित) समेत सिमरी बख्तियारपुर और हसनपुर विधानसभा सीट पर राजद का कब्जा है.

क्या है जातीय समीकरण
खगड़िया की कुल जनसंख्या 1,666,886 है. इनमें पुरुषों की आबादी 883,786 और महिलाओं की संख्या 783,100 है. इस लोकसभा सीट पर यादव वोटर्स की संख्या करीब 3.5 लाख है. इसके बाद डेढ़ लाख मुसलमान वोटर्स और डेढ़ लाख निषाद वोटर्स हैं. कुर्मी और कुशवाहा दोनों जातियों के मतदाताओं को मिला दें तो इनकी संख्या ढाई लाख के करीब है.इसके साथ ही सवर्ण डेढ़ लाख और एससी-एसटी समुदाय के वोटर्स भी डेढ़ लाख हैं. पासवान वोटर्स लगभग डेढ़ लाख के करीब हैं. अन्य जातियां करीब तीन लाख के करीब हैं.