
आम आदमी पार्टी की छात्र इकाई ASAP ने इस बार दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ का चुनाव न लड़ने का फैसला किया है. आम आदमी पार्टी की स्टूडेंट विंग ने चुनाव न लड़ने का ऐलान किया है. यह फैसला एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है. ASAP का मानना है कि छात्र राजनीति का मकसद सिर्फ चुनाव लड़ना या जीतना नहीं है बल्कि छात्रों की वास्तविक समस्याओं को सही मंच पर उठाकर उनका समाधान करना है.
ASAP ने साफ कर दिया है कि इस साल का फोकस संगठन निर्माण और कॉलेज स्तर पर मज़बूती हासिल करना है. आम आदमी पार्टी की छात्र इकाई DUSU चुनाव में भले ही इस बार उम्मीदवार नहीं उतारे लेकिन अगले साल पूरे दमख़म और ताक़त के साथ छात्र संघ चुनाव में उतरने का रणनीतिक निर्णय लिया है. यह कदम साफ करता है कि ASAP लंबी राजनीति की सोच रखता है और छात्र हितों के लिए ठोस तैयारी कर रहा है.
ASAP ने इस साल दो कॉलेजों में निर्विरोध जीत दर्ज कराकर यह साबित कर दिया है कि छात्र उन पर भरोसा करते हैं. ये जीत सिर्फ चुनावी नतीजे नहीं है बल्कि छात्रों की उम्मीदों और समर्थन का सबूत है. छात्रों की असली समस्याओं को मंच पर उठाने में ASAP हमेशा आगे रही है. चाहे मेट्रो में छात्रों को मुफ्त यात्रा की मांग हो. हॉस्टल और लाइब्रेरी की कमी हो या फीस का बोझ हो. ASAP लगातार इन मुद्दों को आवाज़ देती रही है. यही वजह है कि छात्रों के बीच ASAP की पहचान एक ईमानदार, संघर्षशील और छात्र हितैषी संगठन के रूप में बनी है.
इस बार का फैसला साफ करता है कि ASAP केवल चुनाव लड़ने के लिए राजनीति नहीं करती है बल्कि छात्रों के मुद्दों को केंद्र में रखकर आगे बढ़ती है. कॉलेज स्तर पर संगठन को मजबूत कर ASAP आने वाले समय में दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रों की सबसे बड़ी आवाज़ बनने की तैयारी कर रही है. ASAP की मजबूती का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंसेज़ (IGIPE) के छात्र संघ चुनाव में ASAP की प्रत्याशी पलक गुप्ता और अनुरीति यादव निर्विरोध निर्वाचित हुईं हैं.
इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंसेज़ (IGIPE) के छात्र संघ चुनाव में हुई यह जीत सिर्फ चुनावी परिणाम नहीं है. यह विद्यार्थियों का गहरा विश्वास और समर्थन है जो ASAP के लिए सबसे बड़ी ताक़त है. भविष्य की दिशा साफ़ है. ASAP कॉलेज स्तर पर और भी व्यापक अभियान चलाने जा रही है. संगठन का लक्ष्य है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के हर छात्र तक उसकी आवाज़ पहुंचे और उनकी समस्याओं का ठोस समाधान मिले. इस साल संगठन निर्माण और अगले साल DUSU चुनाव में उतरने का निर्णय ASAP को और भी परिपक्व, रणनीतिक और छात्रों का सच्चा प्रतिनिधि साबित करता है.