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बिहार में फ्री वाला दांव से लेकर आर्थिक सहायता में बढ़ोतरी, क्या जीएसटी की दरों में कटौती से एनडीए ने चुनाव से पहले मजबूत कर ली है अपनी स्थिति ?

जीएसटी की दरों में कटौती को लेकर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर सवाल किया कि आखिर क्यों 8 साल की देरी के बाद जीएसटी की दरों में कटौती की गई है और क्या इसका कोई बिहार चुनाव से कनेक्शन है या यह कदम अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके टैरिफ नीति का नतीजा है ?

बिहार में GST दरों में कटौती पर सियासी गरमाहट बिहार में GST दरों में कटौती पर सियासी गरमाहट
हाइलाइट्स
  • चिराग पासवान ने GST कटौती का स्वागत किया

  • नीतीश सरकार ने चुनाव से पहले खोला खजाना

देश में वस्तु एवं सेवा कर (GST) की दरों में कटौती को लेकर अब बिहार में भी सियासत गरमा गई है. बिहार में चुनाव से पहले जिस तरीके से केंद्र सरकार ने जीएसटी की दरों में कटौती की है उसे लेकर बिहार में एक तरफ जहां एनडीए गठबंधन इसका स्वागत कर रहा है और दावा कर रहा है कि इससे आने वाले समय में देश की अर्थव्यवस्था और ज्यादा मजबूत होगी. वहीं दूसरी तरफ विपक्ष चुनाव से पहले इस ऐलान के टाइमिंग पर सवाल खड़े कर रहा है.

जीएसटी की दरों में कटौती को लेकर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर सवाल किया कि आखिर क्यों 8 साल की देरी के बाद जीएसटी की दरों में कटौती की गई है और क्या इसका कोई बिहार चुनाव से कनेक्शन है या यह कदम अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके टैरिफ नीति का नतीजा है?

पी चिदंबरम ने उठाए कटौती के पीछे चुनावी मकसद पर सवाल
पी चिदंबरम ने सोशल मीडिया पर लिखा कि "यह जानना दिलचस्प होगा कि सरकार ने यह बदलाव क्यों किया गया. मंद विकास दर? बढ़ता घरेलू कर्ज? घटती घरेलू बचत? बिहार में चुनाव? ट्रंप और उनके टैरिफ? या यह सब?" पी चिदंबरम ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट से कहीं ना कहीं इस बात के संकेत दे दिए कि बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में फायदे के दृष्टि से ही केंद्र सरकार ने जीएसटी की दरों में कटौती की है. ऐसे में लेकिन सवाल खड़ा होता है कि क्या वाकई जीएसटी की दरों में कटौती का फायदा बिहार में एनडीए को मिल सकता है?

चिराग पासवान ने GST कटौती का स्वागत किया
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने आज तक से बातचीत करते हुए एक तरफ जहां जीएसटी की दरों में कटौती का स्वागत किया और कहा कि इससे देश की अर्थव्यवस्था आने वाले दिनों में और ज्यादा मजबूत होगी वहीं दूसरी तरफ विपक्ष को भी इसकी टाइमिंग पर सवाल खड़े करने को लेकर लताड़ा.

चिराग ने कहा कि "इसी कारण से हम लोग एक देश एक चुनाव की वकालत कर रहे हैं. हमारे देश में साल भर कहीं ना कहीं चुनाव होते ही रहता है और अगर केंद्र सरकार कोई भी कदम उठाती है आम लोगों की भलाई के लिए तो उसे चुनाव से ही जोड़ दिया जाता है जो गलत है." ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि क्या वाकई जीएसटी की दरों में कटौती का कोई असर बिहार में होने वाला है?

विपक्ष का महंगाई वाला दावा
विपक्ष लगातार इस बात का आरोप लगाते रहता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासनकाल में महंगाई और ज्यादा बढ़ गई है. चाहे वह खाने पीने की चीज हो या फिर गैस सिलेंडर के बढ़े हुए दाम, इन सब मुद्दों को लेकर विपक्ष लगातार महंगाई का मुद्दा उठाते रहता है मगर जीएसटी की दरों में कटौती के बाद चीजें सस्ती होगी और माना जा रहा है कि केंद्र सरकार अपने इस कदम के जरिए विपक्ष के महंगाई वाले दाव को धराशाई कर सकती है. केंद्र सरकार के इस कदम से बिहार में खासकर मिडिल क्लास को फायदा मिलना तय है जिसका चुनावी लाभ एनडीए को मिल सकता है.

छोटे कारोबारी और मिडिल क्लास को राहत
आमतौर पर यह माना जाता है कि छोटे कारोबारी और मिडिल क्लास देश में बीजेपी के पक्ष में वोट करता है. देश में जब जीएसटी कानून लाया गया था तो उसे वक्त छोटे कारोबारी ने इसका विरोध किया था और कहा था कि इसके आने से छोटे कारोबारी का धंधा चौपट हो जाएगा मगर आप जीएसटी की दरों में कटौती करके छोटे कारोबारी वर्ग को साधने की कोशिश की गई है खासकर बिहार जैसे प्रदेश में जहां चुनाव होना है.

जीएसटी के दरों में कटौती से एक बात तो साफ है कि बिहार जैसे उपभोक्ता प्रधान राज्य में खासकर मिडिल क्लास को इसका फायदा जरूर मिलेगा. आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में कटौती होगी तो इसका फायदा आम जनता को मिलेगा और इसका फायदा बिहार में चुनाव में भी एनडीए को मिल सकता है. बीजेपी, जिसे आमतौर पर शहरी इलाकों की पार्टी कहा जाता है, उसे उम्मीद होगी कि मिडिल क्लास को जो फायदा पहुंचेगा तो उसका लाभ चुनाव में पार्टी को मिलेगा.

बिहार चुनाव से पहले नीतीश कुमार सरकार ने वैसे भी आम जनता के लिए अपना खजाना खोल दिया है. चाहे वह सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि 400 से बढ़कर 1100 करने का मामला हो या फिर हाल में ही सरकार का महिला रोजगार योजना 2025 की शुरुआत करना जहां महिलाओं को छोटा व्यवसाय शुरू करने के लिए 10000 की आर्थिक मदद की जाएगी.

इसके बाद चाहे 125 यूनिट बिजली फ्री करने का मामला हो या फिर बिहार में डोमिसाइल नीति लागू करने का. इसके साथ-साथ सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35% आरक्षण का प्रावधान जैसे कदम उठाकर एनडीए सरकार पहले ही चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करने का दाव चल चुकी है.

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा, "आवश्यक वस्तुओं पर अब शून्य जीएसटी लगेगा जिससे सीधे तौर पर लोगों कीजिए पर बोझ कम होगा और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. बिहार वासियों की तरफ से प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को हार्दिक आभार और धन्यवाद. जीएसटी प्रणाली को सरल बनाकर जनता को राहत और आर्थिक समृद्धि की ओर यह एक ऐतिहासिक पहल है."

-रोहित कुमार सिंह की रिपोर्ट

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