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UP Election 2022: लगभग सभी जातियों में दिखा बीजेपी का जलवा, जानिए कौन सी जाति कितनी सीटें जीतकर पहुंची सदन

तीसरे नंबर पर जीतने वाले विधायकों में सबसे बड़ी संख्या कुर्मियों की रही. जिसमें 27 बीजेपी गठबंधन से 13 सपा गठबंधन से और एक कांग्रेस पार्टी से जीता है. कुल मिलाकर 41 कुर्मी जाति के विधायक सदन पहुंचे हैं. इस बार कुल 34 मुस्लिम विधायक इस बार सदन पहुंचे हैं और सभी समाजवादी पार्टी से जीत कर आए हैं. 

UP Election 2022 (Photo: PTI) UP Election 2022 (Photo: PTI)
हाइलाइट्स
  • ठाकुर विधायकों की संख्या हुई कम

  • लगभग सभी जातियों में बीजेपी रही आगे

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपना परचम लहराया है. पूरा यूपी भगवा रंग में रंग गया है. राज्य में धर्म और समुदाय विशेष की राजनीति पुरानी है. तो यह जानना दिलचस्प है कि इस बार किस जाति से कितने विधायक सदन पहुंचे हैं. 

बात अगर सबसे ज्यादा विधायकों की करें तो एक बार फिर ब्राह्मणों का जलवा सबसे ज्यादा दिखा है. आपको बता दें कि इस बार 46 ब्राह्मण विधायक भाजपा गठबंधन से जीते हैं जबकि पांच सपा से और एक कांग्रेस से. इस तरह से कुल 52 ब्राह्मण विधायक विधानसभा पहुंचे हैं. 

ठाकुर विधायकों की कम हुई संख्या: 

इस बार ठाकुर विधायकों की संख्या कम हुई है. बीजेपी गठबंधन से 43 ठाकुर विधायक जीते हैं तो सपा से चार, बसपा से एक और राजा भैया की पार्टी से अकेले राजा भैया जीते हैं. इस तरह से कुल 49 ठाकुर विधायक जीतकर सदन पहुंचे हैं.

तीसरे नंबर पर जीतने वाले विधायकों में सबसे बड़ी संख्या कुर्मियों की रही. जिसमें 27 बीजेपी गठबंधन से 13 सपा गठबंधन से और एक कांग्रेस पार्टी से जीता है. कुल मिलाकर 41 कुर्मी जाति के विधायक सदन पहुंचे हैं. इस बार कुल 34 मुस्लिम विधायक इस बार सदन पहुंचे हैं और सभी समाजवादी पार्टी से जीत कर आए हैं. 

बसपा नहीं बीजेपी से जीते सबसे ज्यादा दलित: 

वहीं बात अगर दलितों की करें तो दलितों में इस बार बीजेपी ने फिर बाजी मारी है. खासकर चमार या जाटव सबसे ज्यादा बीजेपी से जीते हैं. 19 चमार/जाटव बीजेपी से विधायक चुनकर आए हैं जबकि 10 समाजवादी पार्टी गठबंधन से. बसपा ने सबसे ज्यादा जाटवों का वोट पाया लेकिन उनका एक भी विधायक नहीं जीत सका.

दलित में जाटवों के बाद दूसरी सबसे बड़ी बिरादरी पासी है. पासी समुदाय में भी बीजेपी सबसे आगे रही. पासी समाज के 18 लोग बीजेपी से विधायक हुए हैं जबकि 8 समाजवादी पार्टी से और एक राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल से. 

इस बार यादवों की कुल संख्या सदन में 27 है जिसमें से 24 समाजवादी पार्टी से और तीन बीजेपी से जीत कर आए हैं. बनिया और खत्री बिरादरी में बीजेपी का फिर जलवा रहा. 22 विधायकों में से 21 बीजेपी से जीते हैं जबकि एक समाजवादी पार्टी से.

पिछड़ी जाति में लोध एक बार फिर बीजेपी के साथ खड़े दिखाई दिए. कुल 18 लोग जीतकर सदन पहुंचे हैं जिसमें से 15 बीजेपी से जीते हैं जबकि तीन समाजवादी पार्टी से.

जाटों का दिखा जलवा:

उत्तर प्रदेश में जाट एक बार फिर बड़ी तादाद में जीत कर आए हैं. कुल 15 जाट विधायक सदन में पहुंचे हैं जिसमें सपा और बीजेपी लगभग बराबर रही. हालांकि, बीजेपी ने एक सीट सपा गठबंधन से ज्यादा जीती है. कुल 15 जाट सविधायकों में से 8 बीजेपी और 7 समाजवादी पार्टी गठबंधन से विधायक बने हैं.

गैर यादव ओबीसी में बीजेपी का बोलबाला रहा है. मौर्य, कुशवाहा, शाक्य और सैनी में बीजेपी ने 12 सीटें जीती हैं जबकि समाजवादी गठबंधन को सिर्फ 2 सीटें मिली हैं. इसके अलावा दूसरी गैर यादव ओबीसी में भी बीजेपी सपा से काफी आगे रही. इस समुदाय में बीजेपी को 7 और समाजवादी पार्टी गठबंधन को 3 सीटें मिली हैं.

निषाद, बिंदर, कश्यप और मल्लाह- इन जातियों में भी सबसे ज्यादा 6 विधायक बीजेपी गठबंधन से सदन में पहुंचे हैं जबकि सपा के कोटे में सिर्फ 2 सीट आई है. कलवार, तेली, और सोनार जातियों से भी बीजेपी ने सबसे ज्यादा 6 सीटें जीती जबकि 1 सीट समाजवादी पार्टी गठबंधन को मिली.

लगभग सभी जातियों में बीजेपी रही आगे:  

दूसरी जातियों जैसे गुर्जर बरादरी में भी बीजेपी आगे रही है. इनमें बीजेपी को पांच जबकि सपा को 2 सीटें मिली हैं. हालांकि, राजभर बिरादरी में समाजवादी पार्टी गठबंधन ने बाजी मारी है. सपा गठबंधन से तीन राजभर जीत कर आए हैं जबकि बीजेपी से एक ही राजभर विधायक चुना गया है.

भूमिहार बिरादरी के 5 विधायक बने हैं जिसमें से चार बीजेपी से और एक समाजवादी पार्टी गठबंधन से है. दलितों की धोबी बिरादरी से सभी 4 सीटें बीजेपी ने जीती हैं. खटीक की बात करें तो यहां से 5 विधायक जीते हैं जिसमें से 4 बीजेपी से और एक सपा गठबंधन से. 

कायस्थ समुदाय ने 3 सीटें जीती हैं और सभी बीजेपी से जीते हैं. दलित वाल्मीकि से एक सीट बीजेपी को मिली है और एक सिख विधायक ने भी बाजी मारी है और यह सीट भी बीजेपी के हिस्से आई है.