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नीतीश कुमार ने खोला खजाना, रसोइयों और प्रहरियों का मानदेय दोगुना हुआ

शुक्रवार सुबह नीतीश कुमार ने रसोइया, रात्रि प्रहरी, शारीरिक शिक्षक और स्वास्थ्य अनुदेशकों के मानदेय को दोगुना करने की घोषणा की. सरकार का दावा है कि यह कदम हजारों कर्मचारियों को सीधा लाभ देगा. लेकिन इस घोषणा से सबसे बड़ी उम्मीद लगाए बैठीं रसोइयों में कोई खास खुशी नहीं दिख रही.

Nitish Kumar Nitish Kumar
हाइलाइट्स
  • रसोइयों की स्कूल में है अहम भूमिका 

  • नीतीश कुमार ने क्या की घोषणा

शुक्रवार सुबह नीतीश कुमार ने रसोइया, रात्रि प्रहरी, शारीरिक शिक्षक और स्वास्थ्य अनुदेशकों के मानदेय को दोगुना करने की घोषणा की. सरकार का दावा है कि यह कदम हजारों कर्मचारियों को सीधा लाभ देगा.

लेकिन इस घोषणा से सबसे बड़ी उम्मीद लगाए बैठीं रसोइयों में कोई खास खुशी नहीं दिख रही. उन्होंने साफ कहा है कि उन्हें मानदेय नहीं, स्थायी वेतन और सम्मानजनक सैलरी चाहिए. 

जब इस फैसले पर कुछ रसोइयों से प्रतिक्रिया ली गई तो उन्होंने नाराजगी जाहिर की. एक रसोइया ने गुस्से में कहा, “नीतीश कुमार एसी में बैठकर मानदेय तय कर रहे हैं. वो जमीनी हकीकत से कोसों दूर हैं. हम उन्हें वोट नहीं देंगे.” इनका कहना है कि “3300 रुपये महीने में एक आदमी भी नहीं पलता. नीतीश कुमार ने ऊंट के मुंह में जीरा डालने जैसा काम किया है. हमें कम से कम 26,000 महीना चाहिए.”

रसोइयों की स्कूल में है अहम भूमिका 
सरकारी स्कूलों में रसोइयों की बच्चों के प्रति भूमिका काफी अहम होती है. वे समय पर स्कूल पहुंचकर मिड डे मील तैयार करती हैं ताकि छात्र ठीक समय पर भोजन कर सकें. इस प्रक्रिया में उनकी जान भी जोखिम में पड़ती है, क्योंकि अगर खाने में कुछ गड़बड़ी हो जाए तो पूरा गांव उनके खिलाफ हो जाता है. सिर्फ खाना बनाना ही नहीं, बच्चों को भोजन परोसने से लेकर बर्तन धोने तक की पूरी जिम्मेदारी उनके कंधों पर होती है.

इसी तरह, रात्रि प्रहरियों का काम भी कम महत्वपूर्ण नहीं है. उन्हें रातभर जागकर स्कूल के सामानों और संपत्ति की रखवाली करनी होती है ताकि कोई चोरी या नुकसान न हो. वहीं शारीरिक शिक्षक का कार्य स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के स्वास्थ्य और फिटनेस को बेहतर बनाए रखने से जुड़ा होता है. वे खेलकूद और अन्य शारीरिक गतिविधियों के जरिए छात्रों को एक्टिव और स्वस्थ रखने की दिशा में काम करते हैं.

नीतीश कुमार ने क्या की घोषणा
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनावी साल में एक और बड़ा मास्टरस्ट्रोक चलते हुए शुक्रवार को सरकारी मानदेय में दोगुनी बढ़ोतरी का ऐलान कर दिया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि नवंबर 2005 में सरकार बनने के बाद से वे शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने में लगातार लगे हैं. उन्होंने बताया कि 2005 में शिक्षा का बजट 4366 करोड़ था, जो अब बढ़कर 77690 करोड़ रुपए हो चुका है. बड़ी संख्या में शिक्षकों की बहाली, स्कूल भवनों का निर्माण और आधारभूत संरचना के विकास से बदलाव आया है.

सरकार की इस घोषणा को लेकर रसोइयों, रात्रि प्रहरियों और अनुदेशकों की प्रतिक्रिया मिली-जुली रही. अधिकतर कर्मियों का कहना है कि ये आश्वासन और राहत नहीं, सिर्फ चुनावी दिखावा है.