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रंगबाज-3 में अहिल्या देवी का किरदार निभा रहीं गीतांजलि कुलकर्णी से Exclusive बातचीत, गुल्लक में शांति मिश्रा बनकर जीत चुकी हैं सबका दिल

Rangbaaz Season 3: ओटीटी प्लेटफॉर्म 'जी 5' पर ‘रंगबाज: डर की राजनीति’ रिलीज हो चुकी है. ये सीरीज एक क्राइम और ड्रामा बेस्ड सीरीज है. इस तीसरे सीजन में बिहार के एक ऐसी बाहुबली की कहानी दिखाई गई है जिसने अपना असर प्रदेश और देश दोनों की राजनीति में दिखाया है. वेब सीरीज में विनीत कुमार सिंह, गीतांजलि कुलकर्णी, आकांक्षा सिंह, राजेश तैलंग, सोहम मजूमदार, प्रशांत नारायणन, विजय मौर्य, सुधन्वा देशपांडे और अशोक पाठक हैं.

Ahilyadevi Ahilyadevi
हाइलाइट्स
  • मेरे लिए बस कहानी और किरदार अच्छा होना चाहिए  

  • ओटीटी से नए कलाकारों को हुआ है फायदा

ओटीटी प्लेटफॉर्म 'जी 5' पर ‘रंगबाज’ सीरीज का तीसरा सीजन रिलीज हो चुका है. पिछले दो सीजन्स के साथ धूम मचाने वाली क्राइम और ड्रामा सीरीज 'रंगबाज: डर की राजनीति', 29 जुलाई को रिलीज हुई है. इस सीरीज की कहानी एक गैंगस्टर के जीवन को दर्शाती है, जो बाद में बिहार का दिग्गज राजनेता बन जाता है. तीसरे सीजन में ओटीटी सीरीज ‘गुल्लक’ में शांति मिश्रा यानि अन्नू की मम्मी का किरदार निभा चुकी गीतांजलि कुलकर्णी भी हैं. वे अहिल्या देवी का किरदार निभा रहीं हैं. अपने किरदार के बारे में वे बताती हैं कि ये काफी जानदार रोल है और पूरी सीरीज में अकेला ऐसा कैरेक्टर है जो राजनीति से नहीं जुड़ा हुआ है. 

अहिल्या देवी के किरदार को लेकर GNT डिजिटल ने गीतांजलि कुलकर्णी से बात की. चलिए पढ़ते हैं बातचीत के मुख्य अंश-

देश भर में पसंद की गई गुल्लक सीरीज में शांति मिश्रा का किरदार निभा चुकी गीतांजलि बताती हैं कि उन्हें शुरू से ही राजनीति के बारे पढ़ना और जानना पसंद है और शायद यही वजह है कि उन्होंने इस स्क्रिप्ट को एकदम से हां कर दी थी. वे कहती हैं, “मैं अभी तक कई फिल्मों में अलग-अलग किरदार निभा चुकी हूं. मैं खुश हूं कि अन्नू की मम्मी के रूप में गुल्लक में मेरा किरदार पॉपुलर हुआ. रंगबाज भी उसी का एक पड़ाव है. मुझे पॉलिटिक्स में शुरुआत से ही इंटरेस्ट था. राजनीति से जुड़ी किताबें पढ़ना और उसके बारे में जानना मुझे बहुत अच्छा लगता है. तो ये सीरीज का ड्राफ्ट जब मैंने पढ़ा तो मुझे लगा कि इसके बारे में मुझे और जानने की जरूरत है. मैं समझना चाहती थी कि राजनेताओं के बीच के डायनेमिक्स क्या होते हैं. और फिल्मों की सबसे अच्छी बात ये होती है कि इनमें हम उस किरदार को केवल निभाते नहीं हैं बल्कि उसे जीते हैं. जब मैंने स्क्रिप्ट सुनी तो मुझे लगा कि मैं इसका हिस्सा होना चाहूंगी. रंगबाज-3 में मुझे काम करने में बहुत मजा आया क्योंकि सभी इतने मंझे हुए कलाकार थे.”

अहिल्या देवी का किरदार किसके बारे में हैं?

अपने किरदार के बारे में बात करते हुए गीतांजलि कुलकर्णी कहती हैं, “रंगबाज सीजन असली कहानियों से प्रेरित है. केवल देश की ही नहीं बल्कि दुनिया भर में चल रही जो भी अलग अलग गतिविधियां हैं, वो सब मिलाकर इसमें दिखाया गया है. अहिल्या देवी का पात्र बहुत ही हंबल बैकग्राउंड से है. और उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वे राजनीति में जाएंगी. लेकिन फिर जिंदगी में ऐसा मोड आया कि उन्हें खुद इसमें आना पड़ा. जब उनका बेटा मरता है तब वो सोचती हैं कि अब मैं ऐसा किसी दूसरे के साथ नहीं होने दूंगी. और उस वक़्त जो ताकत होती है वो एक मां की ताकत होती है. इस किरदार को निभाना मेरे लिए बहुत जरूरी था. क्योंकि जब आप ऐसा पात्र निभाते हैं तब आपको भी ताकत मिलती है. इस पूरी कहानी में वो अकेला ऐसा पात्र है जो राजनीति में नहीं है. उसके पास कोई ताकत नहीं है लेकिन फिर भी वे अपनी फिलॉसफी पर टिकी रहीं.”

किरदार को निभाने में कोई परेशानी आई?

बता दें, रंगबाज-3 में अहिल्या देवी के किरदार के कई शेड्स हैं. युवा अवस्था से लेकर बुढ़ापे तक उसका किरदार दिखाया गया है. किरदार को निभाने में आई मुश्किलों के बारे में गीतांजलि कहती हैं, “मुझे लगता है कि जब हम कोई काम बहुत साल से कर रहे होते हैं तो मुश्किलें थोड़ी कम हो जाती हैं. लेकिन उसी टाइम मेरे लिए बहुत जरूरी होता है कि उस एक्शन और कट में बीच में मैं पूरी तरह वहां रहूं. किसी किरदार को निभाते हुए मैं अपने दिमाग में हमेशा रखती हूं कि इसको अच्छे से करूं. और शायद ये हमेशा मुश्किल होता है. वो रोल इतना अच्छा लिखा हुआ था कि उस तरह से कोई परेशानी नहीं आई. हालांकि, अहिल्या देवी की कई सारे शेड्स हैं. तो उसे निभाने काफी मजा आया. इसमें पूरे क्रू का साथ होता है. डायरेक्टर से लेकर कैमरापर्सन तक सभी लोगों ने इसे निभाने में साथ दिया. ऐसी ही रंगबाज-3 की शुरुआत में एक सीन है जिसमें अहिल्या देवी बच्चों को प्रोटेक्ट कर रही हैं. और जब उनसे बच्चा मांगा जाता है राइफल निकालती हैं. तो वो काफी मुश्किल रहा. और जब स्क्रीन पर देखते हैं तो आसान लगता है. लेकिन एक एक सीन में बहुत मेहनत लगती हैं. लेकिन ऐसी मुश्किलें आती हैं. यही हमारा काम है.”    

मेरे लिए बस कहानी और किरदार अच्छा होना चाहिए  

गीतांजलि बताती हैं कि वे किसी भी कहानी को उसका किरदार देखकर हां करती हैं. वे कहती हैं, “दरअसल, मैं कभी भी कोई किरदार या कहानी को हां बोलने के लिए ऑडियंस और या उसे आउटपुट को  अपने दिमाग में नहीं रखती हूं. मैंने ऐसे ऐसे एक्ट किए हैं जिसमें 8 लोगों को भी सामने बैठाने के लिए मुश्किल था. तो मेरे दिमाग में ये कभी नहीं आता है. मैं बहुत कमर्शियल पॉइंट ऑफ व्यू से नहीं देखती हूं. मेरे लिए बस वो किरदार अच्छा होना चाहिए, वो कहानी कहने लायक होनी चाहिए. कभी-कभी तो ऐसा भी होता है कि कहानी बहुत अच्छी होती है लेकिन फीस उतनी नहीं होती है तो मैं कहानी को चुनना ज्यादा प्रिफर करती हैं. आगे क्या होना है ये आपके कंट्रोल के बाहर हैं.”

गीतांजलि आगे कहती हैं कि मुझे लगता है हमें अपना काम ईमानदारी से करना चाहिए बाकी सब हमारे हाथ में नहीं होती है. कभी-कभी कोई कोई काम ऐसा होता है जो ऑडियंस को ज्यादा पसंद नहीं आता है लेकिन एक ऑटिस्ट के तौर पर आपको लगता है कि ये काम या ये कहानी बाहर आनी चाहिए. लेकिन अगर ऐसा काम पहले न होता तो आज इतनी अच्छी स्क्रिप्ट नहीं लिखी जा सकती थीं. सत्यजीत राय, मृणाल सेन जैसे लोग वो बेहतरीन काम करके गए हैं तभी तो हम इस दौर में अहिल्या देवी जैसा किरदार देख पा रहे हैं.  

क्या ओटीटी से नए कलाकारों को फायदा हुआ है?

गीतांजलि ओटीटी के बारे में कहती हैं कि हर सिक्के के दो पहलू की तरह ही इसके भी हैं. वे कहती हैं, “इसके आ जाने से बहुत सारे कहानी बताने वाले आ गए हैं. अलग किस्म की कहानियां हमारे सामने आ रही हैं. लेकिन इसमें कॉम्पिटिशन बहुत बढ़ गया है. लोग फटाफट-फटाफट काम करना चाहते हैं. ऑडियंस भी ज्यादा देर टाइम नहीं दे पाती है. तो इसके दोनों पहलू हैं. उन्हें कुछ पसंद न आए तो वे उसे एकदम बदल देते हैं. वहीं, ओटीटी की वजह से हम जैसे एक्टर्स को इतना काम मिल रहा है. गुल्लक और रंगबाज जैसी सीरीज आ रही हैं. इसलिए इसके फायदे और नुकसान दोनों हैं. मुझे लगता है 10 साल में इसका करेक्शन भी आ जाएगा कि कितना कॉन्टेंट जाना है और कितना नहीं. तो सबकुछ सेटल हो जाएगा.”

गीतांजलि आखिर में अपने आने वाले प्रोजेक्ट्स के बारे में बताती हैं कि उन्होंने मिनिमम नाम की फिल्म अभी खत्म की है जिसकी शूटिंग सर्बिया में हुई है. इसके अलावा वे एक मूनवॉक करके सीरीज करने वाली हैं जिसके शूटिंग एक या दो दिन में शुरू होने वाली है. ये वूट के लिए शूट हो रही है.