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Raju Srivastava And Shikha Srivastava Love Story: मुंबई से शिखा को खत लिखते थे राजू श्रीवास्तव, 12 साल के लंबे इंतजार के बाद मुकम्मल हुआ इश्क

राजू और शिखा श्रीवास्तव की लवस्टोरी काफी दिलचस्प है. अपने भाई के शादी में राजू एक लड़की से मिले और उसके साथ जीवन बिताने का फैसला कर लिया. हालांकि इस प्यार को मुकम्मल होने में 12 साल लग गए. चलिए जानते हैं राजू और शिखा श्रीवास्तव की लवस्टोरी के बारे में.

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हाइलाइट्स
  • राजू ने 1993 में शिखा श्रीवास्तव से शादी की थी.

  • साल 1982 में राजू अपना करियर बनाने के लिए सपनों के शहर मुंबई चले गए.

दिल का दौरा पड़ने के बाद से राजू श्रीवास्तव की हालत नाजुक बनी हुई है. दिल्ली एम्स में उनका इलाज चल रहा है. वह अब भी लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर हैं. उन्हें अभी तक होश नहीं आया है. सोशल मीडिया पर राजू श्रीवास्तव की सेहत को लेकर तमाम तरह की खबरें वायरल हो रही हैं. इन सबके बीच राजू की पत्नी शिखा ने उम्मीद कायम रखी है. उन्होंने कहा है कि उनके पति फाइटर हैं और जल्द ही ठीक होकर घर आ जाएंगे. शिखा ने अपील की है कि लोग राजू की सेहत के बारे में अफवाहें उड़ाना बंद करें.

दिलचस्प है राजू और शिखा की लव स्टोरी

राजू श्रीवास्तव के व्यक्तित्व की तरह ही उनकी लव स्टोरी भी काफी दिलचस्प है. राजू ने अपने प्यार को पाने के लिए 12 साल तक लंबा इंतजार किया था, फिर कहीं जाकर उनका प्यार मुकम्मल हुआ. राजू श्रीवास्तव मूल रूप से उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले हैं. उन्होंने 1993 में शिखा श्रीवास्तव से शादी की थी.

भाई की शादी में मिली जीवनसाथी

राजू श्रीवास्तव अपने भाई की शादी में फतेहपुर गए थे. जहां पहली ही नजर में उन्हें एक लड़की से प्यार हो गया. राजू ने मन ही मन उस लड़की को अपना जीवन साथी मान लिया था. इसी समय राजू को पता चला कि वो लड़की कोई और नहीं बल्कि उनकी होने वाली भाभी की चचेरी बहन है. उस लड़की का नाम शिखा था...जो आगे चलकर राजू की पत्नी बनीं. शिखा अपने परिवार के साथ इटावा में रहती थीं. शादी में ही दोनों की बातें हुईं. राजू किसी न किसी बहाने अपने भाई के साथ इटावा आने लगे. यहां शिखा भी उनसे मिलती थीं. हालांकि शर्मीले स्वभाव के कारण राजू अपने प्यार का इजहार करने में घबराते थे.

मुंबई जाकर भी शिखा को नहीं भूले राजू

साल 1982 में राजू अपना करियर बनाने के लिए सपनों के शहर मुंबई चले गए. मायानगरी में संघर्ष करने के बाद भी वो शिखा को नहीं भूले. राजू अक्सर शिखा को खत लिखते थे और इस बात का ख्याल भी रखते थे कि शिखा की शादी किसी और से न हो जाए. राजू श्रीवास्तव ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि उन्हें इस बात का अंदाजा था कि शिखा भी उन्हें पसंद करती हैं क्योंकि जब भी शिखा के पास शादी के लिए कोई रिश्ता आता, वो मना कर देती थी.

12 साल बाद मुकम्मल हुआ इश्क

मुंबई में जब राजू को काम मिलने लगा, तब उन्होंने अपने घरवालों से शिखा के साथ शादी करने का प्रस्ताव रखा. दोनों के परिवार आपस में मिले. शिखा के भाई मुंबई में राजू के घर गए और सारी जांच पड़ताल करने के बाद रिश्ता पक्का किया. दोनों की 17 मई, 1993 को धूमधाम से शादी हुई. कपल के दो बच्चे हैं.