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Madhav Agasti: फैशन की डिग्री नहीं लेकिन सिलते हैं बड़े-बड़े नेताओं के कपड़े... फिल्मों के लिए बनाए 300 से ज्यादा कॉस्ट्यूम... ब्रिटिश पार्लियामेंट में मिला भारत गौरव अवॉर्ड

मुंबई के मशहूर टेलर, माधव अगस्ती को 3 जुलाई, 2025 को लंदन में ब्रिटिश संसद में प्रतिष्ठित भारत गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

Madhav Agasti (Photo: Facebook/@MadhavAgasti) Madhav Agasti (Photo: Facebook/@MadhavAgasti)
हाइलाइट्स
  • माधव अगस्ती को मिला अवॉर्ड

  • राजनेताओं के लिए बनाए कपड़े

अभिनेता अनिल कपूर की पॉपुलर फिल्म 'Mr. India' के मोगैंबो को किसी परिचय की जरूरत नहीं है. आज भी दिवंगत अभिनेता अमरीश पुरी का वह किरदार हमारे जहन में ताजा है. अमरीश पुरी ने मोगैंबो के किरदार को जिदंगी दी लेकिन इसमें डायलॉग्स, उनके शारीरिक हाव-भाव के साथ-साथ कॉस्ट्यूम्स ने भी अहम भूमिका निभाई. और क्या आपको पता है कि मोगैंबो के कॉस्ट्यूम्स को  किसने डिजाइन किया था? 

आपको जानकर हैरानी होगी कि जिसने यह कॉस्ट्यूम डिजाइन किए उनके पास फैशन डिजाइनिंग में कोई फॉर्मल डिग्री नहीं है. लेकिन है तो बस सालों का एक्सपीरियंस और जुनून, जिसने उन्हें फर्श से अर्श पर बिठा दिया. हम बात कर रहे हैं माधव अगस्ती की, जो पिछले लगभग 50 सालों से नामचीन हस्तियों के लिए कपड़े बना रहे हैं. 

लंदन में मिला भारत गौरव अवॉर्ड

मुंबई के मशहूर टेलर, माधव अगस्ती को 3 जुलाई, 2025 को लंदन में ब्रिटिश संसद में प्रतिष्ठित भारत गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया. माधव न सिर्फ बॉलीवुड बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी जाना-माना नाम हैं. उन्होंने न सिर्फ फिल्मों के लिए कॉस्ट्यूम तैयार किए हैं बल्कि कई बड़े राजनेताओं ने उनके सिले कपड़े पहने हैं. कभी चंद पैसे कमाने के लिए शुरू की गई सिलाई के दम पर आज उन्होंने अपना अच्छा-खासा कारोबार जमा लिया है. 

कैसे हुई शुरूआत

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, माधव ने नागपुर में पढ़ाई करने के दौरान कुछ पैसे कमाने के लिए दर्जी के तौर पर काम शुरू किया था. लेकिन धीरे-धीरे इस काम में उन्होंने महारत हासिल कर ली. 1973 में 23 साल की उम्र में बेहतर भविष्य की तलाश में मुंबई चले आए. शुरुआत में उन्होंने कुछ रातें फुटपाथ पर बिताईं, क्योंकि मुंबई में उनके पास रहने के लिए कोई जगह नहीं थी. 

उन्होंने मुंबई के दादर में अपनी पहली दुकान खोली जिसका नाम था "माधव मेन्स मोड्स." उन्हें अपनी पहली बॉलीवुड फिल्म 'अपने पराए' पर काम करने का मौका मिला. उन्हें बॉलीवुड फिल्मों के लिए कॉस्ट्यूम डिजाइन करके पहचान मिली. खासकर "मिस्टर इंडिया" के बाद वह फेमस होने लगे. 

राजनेताओं के लिए तैयार किए कपड़े 

माधव ने टीओआई को बताया कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता और मंत्री जवाहरलाल दर्डा 1977 में उनके पहले वीआईपी ग्राहक थे. वह उन्हें नागपुर के दिनों से जानते थे, लेकिन उनसे पहली बार 1977 में मिले. तब दर्डा के कपड़े खास स्टाइल के लिए सत्ता के गलियारों में चर्चा का विषय थे. दर्डा के बाद अमाधव अगस्ती ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. 

उनके हाई प्रोफाइल कलाइंट्स में कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे, एन के पी साल्वे और विलासराव देशमुख शामिल थे. जल्द ही, पार्टी लाइनों के पार नेताओं ने उन्हें ढूंढना शुरू कर दिया. 1980 में शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे ने उन्हें बातचीत के लिए बुलाया. उन्होंने ठाकरे के बाद, वरिष्ठ राजनेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार के लिए डिजाइन किया. 

उन्हें वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के लिए भी डिजाइन करने का अवसर मिला. उन्होंने रामनाथ कोविंद के लिए भी गलाबंद अचकन और ट्राउजर तैयार किया. वह अफसरों और फिल्मी सितारों को भी सेवाएं देते हैं. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, “मेरी एक खासियत है. मैं बिना माप लिए कपड़े सिल सकता हूं. एक बार जब मैं किसी व्यक्ति को देखता हूं, तो मैं उसके लिए सिलाई कर सकता हूं और कपड़े बिल्कुल फिट होंगे."

नए जमाने के साथ मिलाया कदम

साल 2012 में, उन्होंने माधव मेन्स मोड्स का नाम बदलकर 'एमएमएम' कर दिया ताकि वह आज की पीढ़ी के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकें. माधव को कस्टमाइज़्ड मेन्सवियर के लिए जाना जाता है, जो सितारों, राजनेताओं, और उद्योगपतियों को समान रूप से आकर्षित करता है. इन सबके बावजूद, उनका मिशन एक ही है: परफेक्ट फिटिंग देना.