
साउथ इंडिया में फिल्म हो या राजनीति नंदमुरी तारका रामाराव (एनटीआर) का नाम बहुत ही सम्मान से लिया जाता है. एनटी रामाराव का जन्म 28 मई 1923 को आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के निम्माकुरु गांव में हुआ था. आइए इस महान एक्टर के जन्मदिन पर उनके जीवन से जुड़ी अनजानी बातों के बारे में जानते हैं.
विजयवाड़ा में मामा के यहां रह की पढ़ाई
एनटीआर का बचपन कठिनाइयों भरा था. परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण वे पढ़ाई के दिनों में होटलों में दूध सप्लाई किया करते थे. गांव में पढ़ाई की अच्छी व्यवस्था न होने के कारण वह विजयवाड़ा में अपने मामा के यहां आ गए. उनके मामा ने उन्हें गोद लिया था. वहीं से ग्रेजुएशन किया. उसके बाद मद्रास सिविल सेवा की परीक्षा पास की. कुछ दिनों तक सब-रजिस्ट्रार के रूप में भी काम किया. लेकिन उनका मन नौकरी में नहीं लग रहा था. उन्होंने नौकरी छोड़ दी और फिल्मों में काम करने लगे.
स्कूल में अपने पहले प्ले में महिला का निभाया था किरदार
एनटीआर का स्कूल के दिनों से ही एक्टिंग के प्रति रुझान था. स्कूल में अपने पहले प्ले में उन्होंने एक महिला का किरदार निभाया था. 1949 मे उनकी पहली फिल्म मना देसम रिलीज हुई. इस फिल्म में उन्होंने पुलिस इंस्पेक्टर की भूमिका निभाई थी. इसके कुछ दिनों के बाद वह अंग्रेजी नाटक पिजारो पर आधारित एक फिल्म पल्लेतुरी पिल्ला में लीड एक्टर के तौर पर सामने आए. यह फिल्म तेलगु भाषियों के बीच सुपरहिट साबित हुई. इसके बाद एनटीआर पूरे राज्य में फेमस हो गए. एनटीआर ने अपने शानदार फिल्मी करियर के दौरान करीब 300 से भी ज्यादा मूवी में काम किया था.
17 फिल्मों में किया था भगवान श्रीकृष्ण का रोल प्ले
एनटीआर ने कई सारी धर्म पर आधारित फिल्मों में काम किया है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने करीब 17 फिल्मों में भगवान श्रीकृष्ण का रोल प्ले किया था. एनटीआर के धार्मिक किरदार बहुत ही लोकप्रिय रहे. लेकिन उन्होंने अपने हर किरदार पर पूरी प्रतिबद्धता से काम किया. अपने फिल्मी जीवन में वे एक ही तरह के किरदार में खुद को ढलने से बचाते भी दिखते हैं और कई बार अपनी स्थापित इमेजद को भी तोड़ते दिखते हैं. उन्होंने अपने नाट्यशाला फिल्म के किरदार की खातिर ही 40 साल की उम्र में मशहूर कुचिपुड़ी नृतक वेमपति चिन्ना सत्यम से नृत्य सीखा.
कई सारी फिल्मों के लिखे हैं स्क्रीनप्ले
एनटीआर अपने फिल्मी सफर के उत्तरार्ध में जननायक के तौर पर दिखने लगे थे. इसी दौरान उन्होंने अनुभव या प्रशिक्षण के फिल्मों में पटकथा लिखना भी शुरू किया और इस भूमिका में भी पूरी तरह से सफल हुए. निर्माता के तौर पर उनकी वित्तीय कार्यकुशलता के खासे चर्चे हुआ करते हैं. एनटीआर ने कई सारी फिल्मों के स्क्रीनप्ले लिखे. एनटीआर मशहूर अभिनेत्री श्रीदेवी के साथ भी काम कर चुके हैं. एनटीआर इतने लोकप्रिय थे कि लोग उन्हें देवता की तरह मानते थे.
ऐसे आए राजनीति के क्षेत्र में
1982 में एक बार एनटीआर नेलार के एक सरकारी गेस्ट हाउस में गए तो उन्हें कमरा नहीं मिल रहा था. उस गेस्ट हाउस में एक ही कमरा खाली था जो पहले से किसी नेता के लिए बुक था. वे नेता उस समय तक गेस्ट हाउस पहुंचे नहीं थे. एनटीआर ने अपनी जिद से गेस्ट हाउस का वह कमरा खुलवा लिया लेकिन लेकिन इसी बीच मंत्री महोदय आ पहुंचे और रामाराव को कथित तौर पर अपमानित होकर कमरा छोड़ना पड़ा था. कहा जाता है कि एनटीआर ने इस अपमान के बाद ही राजनीति में आने का फैसला किया.1983 से 1994 के बीच वह तीन बार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. एनटी रामा राव लोकप्रियता का आलम यह था कि इंदिरा गांधी की हत्या के बाद जब पूरे देश में कांग्रेस की लहर थी तब बस आंध्र प्रदेश में कांग्रेस नहीं जीत पाई थी.