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Panchayat 2 Review: दिल को छू जाती है फुलेरा गांव की 'पंचायत', देहाती अंदाज में खूब जंचे चंदन रॉय और फैसल मलिक

Panchayat Season 2 Review: पंचायत का सीजन 2 आपको हंसाने के साथ-साथ भावुक भी कर जाता है. एक शब्द में अगर इसकी तारीफ करनी हो तो इसे बेजोड़ कहा जा सकता है. वेब सीरीज के निर्माता आखिरी एपिसोड तक दर्शकों को बांधे रखने में कामयाब होते हैं.

Panchayat 2 Review Panchayat 2 Review

वेब सीरीज- पंचायत 2
कलाकार- जितेंद्र कुमार, नीना गुप्ता , रघुवीर यादव , चंदन रॉय, फैसल मलिक, सानविका, सुनीता राजवर अशोक पाठक, आदि
लेखक- चंदन कुमार
निर्देशक-दीपक कुमार मिश्रा
कहां देखें- अमेजन प्राइम वीडियो
रेटिंग- 4/5

क्या है कहानी? 
पंचायत सीजन 2 (Panchayat Season 2) की कहानी भी यूपी के बलिया में पड़ने वाले फुलेरा गांव की है. जिसकी पंचायत के सचिव अभिषेक त्र‍िपाठी हैं, ना चाहते हुए भी अभिषेक को गांव में रहकर 20 हजार महीने की नौकरी करनी पड़ रही है ताकि बेरोजगार न कहलाएं. साथ में एमबीए की तैयारी भी चल रही है क्योंकि सपना है प्राइवेट नौकरी में अच्छा पैकेज लेने का. दूसरे सीजन की कहानी उसी पानी की टंकी से शुरू होती है जहां पहला सीजन खत्म हुआ था. थर्मस लेकर उतरते सचिव जी को इतना खुश देख विकास (ग्राम सहायक) और उप प्रधान प्रह्लाद पांडे बतियाते हैं कि कहीं उनका रिंकी (प्रधान जी की बेटी) से चक्कर तो नहीं चल रहा. गांव में चुनाव फिर से होने वाले हैं. लेकिन चुनाव जीतने के लिए गांव की सड़क बनवाना जरूरी हो गया है. आठ एपिसोड की इस सीरीज में गुस्सा होने पर ऑस्क्रेस्टा देखने जाना हो, चप्पल चोरी पर एफआईआर करवाना हो, चदंन की बीवी का पेट खराब होना हो, डीएम की रेड के वक्त विनोद यानी अशोक पाठक का खुले में शौच करने की जिद करना हो... या शराब पीने के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाना... पंचायत 2 में ऐसे छोटे-छोटे कई किस्से हैं जो गुदगुदाने के साथ ही आपके दिलों को छू जाते हैं. पंचायत 2 का आखिरी एपिसोड इसकी जान है, और इसके लिए तो आपको सीरीज देखनी होगी.

सीरीज में गांव की सड़क से लेकर, नशा मुक्ति अभियान और खुले में शौच तक का मुद्दा उठा है. इसमें ग्रामीण सियासत को भी घटनाक्रमों के जरिए रेखांकित किया गया है. यह सीरीज दिखाती है कि गांवों में बेशक कितनी भी कमियां है लेकिन इन सब कमियों के बावजूद जो सुकून यहां मिलता है वो कहीं नहीं. 

फुलेरा गांव के उप प्रधान और सहायक के क्या कहने
फुलेरा के उप प्रधान प्रह्लाद पांडे उर्फ फैसल मलिक ने कमाल का काम किया है. उनके किरदार को दीपक कुमार ने पूरी तबीयत से पेश किया है. वहीं चंदन रॉय हर सीन में परफेक्ट हैं. उनका अभिनय इतना सहज है कि लगता ही नहीं वह अभिनय कर रहे हैं. पंचायत 2 के बाद उनके पास कई ऑफर्स आने वाले हैं. सीरीज में नीना गुप्ता और रघुवीर यादव की एक्टिंग और नोकझोंक अव्वल दर्जे की है. पहले की तरह इस बार भी जीतेंद्र कुमार सचिव के किरदार में कमाल के लगे हैं. अब सचिव जी के चेहरे पर चिड़चिड़ापन नहीं है, उन्होंने खुद को फुलेरा में कहीं फिट कर लिया है. अब वो हर बात का जवाब मुस्कुरा कर देते हैं. उनका दिल अब इतना बड़ा हो चुका है कि राह चलते शराबी को भी अपने बिस्तर पर सोने की इजाजत दे सकते हैं. भूषण के रोल में दुर्गेश कुमार ने बेहतरीन अभिनय किया है. यहां एक एंट्री विधायक चंद्र किशोर सिंह (पंकज झा) की भी है, जिससे कहानी में और ट्विस्ट आता है. कई एपिसोड आपको खूब हंसाते हैं तो कई एपिसोड आपको भावुक भी कर देते हैं.

क्यों देखें पंचायत 2
कहते हैं इंतजार का फल मीठा होता है...2020 की गर्मियों में पंचायत का पहला सीजन आया था और ठीक दो साल बाद इसका दूसरा सीजन रिलीज हुआ है. दरअसल ऑनलाइन लीक होने की वजह से निर्देशक दीपक कुमार मिश्रा की ‘पंचायत’ का दूसरा सीजन अपनी तय तारीख से दो दिन पहले ही रिलीज हो गया. पहले सीजन की तरह दूसरा भी लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरा है. कुल मिलाकर सीरीज इतनी उम्दा है कि आप एक बार में ही इसे खत्म कर देंगे. पंचायत 2 में करीब 35-35 मिनट के आठ एपिसोड हैं. जाइए प्राइम वीडियो ‘पंचायत’ देखिए. चंदन रॉय और फैसल मलिक के लिए तो जरूर देखिए.