Panchayat Season 2 best dialogues
Panchayat Season 2 best dialogues इन दिनों वेब सीरीज 'पंचायत' का दूसरा (Panchayat Season 2) सीजन काफी सुर्खियों में है. इस सीजन में भी जितेंद्र कुमार, नीना गुप्ता, रघुवीर यादव , चंदन रॉय, फैसल मलिक जैसे कलाकारों ने दमदार काम किया है. पंचायत 2 में ऐसे कई छोटे छोटे डायलॉग्स हैं, जो आपको अंदर तक झकझोर कर रख देते हैं. अब बात करते हैं इस सीरीज के उन दमदार डायलॉग्स की जो इन दिनों बेहद चर्चा में हैं...
हम सब कहीं ना कहीं नाच ही तो रहे हैं सचिव जी...
अरे आप लोगों के लिए ऑफिस है, मेरे लिए तो घर ही है...
जब शादी होगा, बच्चा होगा और 20 हजार में घर चलाना पड़ेगा तब आप भी शराबी बन जाइएगा...
ये जो शहीद हुए हैं राहुल पांडे, इनके पिता जब बाहर निकलेंगे तो इज्जत मिलेगा, खूब मिलेगा. लेकिन कब तक बाहर रहेंगे. अंतत: तो घर में ही आना पड़ेगा न. जहां परिवार का एक सदस्य कम हो गया है. वो भी हमेशा के लिए.
एक बात बताएं सर, बचपन में हम भी सोचते थे बड़ा होकर फौज में जाएंगे लेकिन कभी अम्मा से कहने का हिम्मते नहीं हुआ..इकलौते थे ना.. सिपाही रैंक में ज्यादातर लड़के तो गांव देहात के ही रहते हैं. 20-30 हजार सैलरी में जान देने वाले और कहां मिलेंगे.
देश के लिए जान देने का फीलिंग ही अलग होता है...
दोस्त यार कह देने से दोस्त यार नहीं हो जाता प्रधान जी, निभाना भी पड़ता है, मै तो निभा रहा हूं आपका पता नहीं.
नशा बढ़िया से बढ़िया आदमी को बर्बाद करके छोड़ता है...आज के बाद कंट्रोल में पिया करेंगे.