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कहानी सैम मानेकशॉ की, जिनपर बन रही फिल्म में फील्ड मार्शल का किरदार निभा रहे हैं विक्की कौशल

1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के महानायक रहे सैम मानेकशॉ पर एक फिल्म बन रही है जिसमें विक्की कौशल नजर आएंगे. इस फिल्म को मेघना गुलजार डॉयरेक्ट करेंगी. सैम मानेकशॉ ने अपने सैन्य करियर में 4 दशक और 5 लड़ाइयों लड़ीं.

Who is Sam Manekshaw Who is Sam Manekshaw
हाइलाइट्स
  • इंदिरा गांधी को कहा था स्वीटी

  • तख्तापलट की उड़ी थी अफवाह

बॉलीवुड एक्टर विक्की कौशल ने अपनी आने वाली फिल्म सैम बहादुर (Sam Bahadur) की शूटिंग शुरू कर दी है. यह एक बायोपिक फिल्म है जिसकी कहनी फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ पर आधारित है. इस फिल्म में विक्की कौशल वॉर हीरो बने नजर आएंगे जिसे मेघना गुलजार डॉयरेक्ट करेंगी. फिल्म को रॉनी स्क्रूवाला की RSVP मूवीज प्रोड्यूस करेगी. फिल्म में सान्या मल्होत्रा ​​मानेकशॉ की पत्नी सिल्लू का किरदार निभाएंगी जबकि फातिमा सना शेख पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका में दिखाई देंगी. 

कौन हैं सैम मानेकशॉ
मानेकशॉ 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भारतीय सेना के सेनाध्यक्ष थे और फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत होने वाले पहले भारतीय सेना अधिकारी हैं. 1971 की जंग में पाकिस्तान को हराने और नया मुल्क बांग्लादेश बनाने का पूरा श्रेय सिर्फ फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ को जाता है. सैम मानेकशॉ का जन्म एक पारसी परिवार में हुआ था. उनका पूरा नाम होरमुजजी फ्रामदी जमशेदजी मानेकशॉ था. उनके पिता को उनका सेना में शामिल होना पसंद नहीं था और वो लगातार इसका विरोध कर रहे थे. उन्होंने यह कहते हुए इस बात का विद्रोह कर दिया कि उनके पिता को उन्हें लंदन भेज देना चाहिए ताकि वे स्त्री रोग विशेषज्ञ बन सकें. उनके पिता ने इसके लिए भी मना कर दिया. उसके बाद, मानेकशॉ ने भारतीय सैन्य अकादमी की प्रवेश परीक्षा दी और बाकी इतिहास है.

मानेकशॉ ने 40 वर्षों तक सेना की सेवा की और पांच युद्धों में भाग लिया. उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध, 1947 का भारत-पाकिस्तान युद्ध, 1962 का भारत-चीन युद्ध, 1965 का भारत-पाकिस्तान युद्ध और 1971 का बांग्लादेश मुक्ति युद्ध देखा. 

इंदिरा गांधी को कहा था स्वीटी
साल 1971 में तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सैम मानेकशॉ से लड़ाई के लिए तैयार रहने पर सवाल किया था. इस बात के जवाब में सैम मानेकशॉ ने कहा था‘आई एम ऑलवेज रेडी, स्वीटी.’सैम मानेकशॉ द्वारा कही गई ये बात बहुत फेमस हुई थी.

तख्तापलट की बात पर क्या कहा
1971 के भारत-पाकिस्तान की लड़ाई के बीच में ही प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के दिमाग में ये बात बैठ गई थी कि मानेकशॉ आर्मी की मदद से तख्तापलट की कोशिश करने वाले हैं. इस पर मानेकशॉ ने सीधे जाकर इंदिरा गांधी से कहा, "आप जानती हैं कि मुझे राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है. मेरा काम है अपनी सेना को देखना और आपका काम है देश को देखना." 1972 में राष्ट्रपति के विशेष आदेश पर उनकी सेवा छह महीने के लिए बढ़ा दी गई थी. हालांकि वो इसे करना नहीं चाहते थे लेकिन राष्ट्रपति के सम्मान के लिए उन्होंने इसे जारी रखा. उन्हें 1942 में मिलिट्री क्रॉस, 1968 में पद्म भूषण और 1972 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था.