साल 1998 की बात है जब मेडिकल छात्रों के एक ग्रुप ने एक रॉक बैंड, 'यूफोरिया' बनाया. इस बैंड ने हमें माएरी, धूम पिचक धूम, और गल्ली जैसे कुछ बेहद यादगार गाने दिए जो आज भी हमारे चेहरे पर मुस्कान ला देते हैं.
इस बैंड को सिंगर पलाश सेन लीड करते हैं. इस ग्रुप ने हमें हिंदी रॉक संगीत के कुछ बेहतरीन गाने दिए. इस बैंड के मेंबर्स चाहते तो आसानी से बॉलीवुड में करियर बना सकते थे लेकिन इन्होंने उसे उचित नहीं समझा. तो ये तो हुई उनके बैंड की बात अब आ जाते हैं पलाश सेन पर.
क्यों पहनते हैं मंगलसूत्र?
अगर आप सोशल मीडिया पर हैं तो आपने जरूर देखा होगा कि पलाश हर समय अपने गले में एक मंगलसूत्र पहने रहते हैं. पलाश ने एक बार अपने किसी फैन से ये बात शेयर की थी कि वो हमेशा मगलसूत्र क्यों पहनते हैं. उन्होंने कहा, 'यह मेरी मां का मंगलसूत्र है, पापा के जाने के बाद उन्होंने इसे पहनना छोड़ दिया. तो, इसे अब मैं पहनता हूं और चूंकि मेरी शादी हो चुकी है, तो यह सही भी है. शादी के इन चिन्हों को यदि कोई पुरुष पहनता है, तो इसमें कोई गलती नहीं है.'
कभी पैसे के पीछे नहीं भागा
अब आप सोच रहे होंगे कि पलाश इतने पॉपुलर हैं तो वो बॉलीवुड के लिए गाने क्यों नहीं बनाते. इस बारे में बात करते हुए उन्होंने एक बार कहा था, "फिल्म इंडस्ट्री के बड़े लोगों की जी हज़ूरी करने में मेरी कोई दिलचस्पी नहीं थी." उनका कहना है कि वह एक ऐसे कलाकार हैं जो अच्छा संगीत बनाना चाहते हैं और कभी पैसे और शोहरत के पीछे नहीं भागे."
टाइम्स नाउ डिजिटल से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, "मैंने हमेशा ऐसे गाने लिखे और बनाए जो मैं बनाना चाहता था. मैंने उन कहानियों को बताया जो मैं बताना चाहता था. मैं गर्व से कह सकता हूं कि हमने हमेशा ईमानदार संगीत बनाया है जो लोगों के जीवन को छूता है. इंडस्ट्री से दूर रहकर और इसके ट्रैपिंग को मिला. मैं लोगों के करीब हूं और लोगों ने हमें आज तक बनाए रखा है. दुख की बात है कि हमारे देश में संगीत इंडस्ट्री नहीं है. हमारे पास एक फिल्म उद्योग है जिसमें संगीत एक हिस्सा है. मैंने कभी प्रसिद्धि और धन का पीछा नहीं किया है. मैं हमेशा एक बैंड का फ्रंटमैन और लीडर बनकर खुश था."