scorecardresearch

शौर्य के शिखर पर महिला सैन्य शक्ति, जल-थल और वायु सेना में तैनात बेटियां! देशें देश की बात Sonu Sood के साथ

यूं तो दुनिया की कई सेनाओं में अलग अलग समय पर महिलाओं को कुछ विभागों में भर्ती किया गया. जैसे डॉकटर या नर्स के तौर पर. लेकिन आपको सुनकर गर्व होगा कि कॉम्बैट के लिहाज से भारत सबसे आगे था. कॉम्बैट यानि सरल तरीके से कहें तो युद्ध. सुभाष चंद्र बोस की इंडियन नैश्नल आर्मी में एक रानी झांसी रेजिमेंट था. ये आजादी से पहले की बात है. 1942 की. उस समय ये रेजिमेंट दुनिया का इकलौता कॉम्बैट रेजिमेंट था जिसने वर्ल्ड वॉर 2 में हिस्सा लिया था. इसको लीड करती थीं कैप्टन लक्षमी सहगल. हालांकि युद्ध की दिशा बदलने के साथ, इस रेजिमेंट को लड़ने का मौका तो नहीं मिला पर ये युद्ध के लिए पूरी तरह प्रशिक्षित रेजिमेंट थी. आजादी के बाद चीजें धीरे धीरे बदलीं. महिलाओं को सेना में प्रतिनिधित्व मिलने में समय लगा. लेकिन आज 18000 फीट की ऊंचाई से लेकर लाइन ऑफ कंट्रोल तक बंदूकें थामें भारत की विमेन वॉरियर तैनात हैं. देखें देश की बात सुनाता हूं, सोनू सूद के साथ.