scorecardresearch

गुजरात का यह स्कूल कैसे बन गया कवि और लेखकों का स्कूल? देखें GNT स्पेशल

स्वतंत्रता संग्राम से लेकर हमारे दौर की वैश्विक राजनीति तक हिंदी ने हर दौर और हर मंच पर, हिंदुस्तान को एक अलग पहचान दी है. एक ऐसी पहचान जिस पर हर हिंदुस्तानी को गर्व है. जिस देश की धरती पर साहित्य के ऐसे रत्न हुए, आज वहीं हिंदी की मशाल थामकर भविष्य का अंधकार मिटाने वाले नन्हे साहित्यकारों की पौध पनप रही है. गुजरात के बनासकांठा जिले में मौजूद एक छोटे से गांव जोरावरगढ़ में कवियों और साहित्यकारों की एक नई पौध तैयार हो रही है. भारत पाकिस्तान बॉर्डर से बस कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर मौजूद इस गांव का प्राइमरी स्कूल कवि और लेखकों का स्कूल कहलाने लगा है. आखिर क्यों, देखें जीएनटी स्पेशल.

Hindi is the soul of India. From the Freedom movement to India's global recognition, Hindi is creating history day by day. Hindi literature is widely appreciated in the world. A school in Gujarat's Banaskantha has become the school of Poets and Writers. Watch the video for more information.