दिल्ली में जानलेवा प्रदूषण से निपटने के लिए केजरीवाल सरकार ने एक ऐतिहासिक और क्रांतिकारी योजना तैयार की है. राजधानी में पहली बार क्लाउड सीडिंग के जरिए कृत्रिम बारिश कराने की तैयारी पूरी हो गई है, जिसका पहला ट्रायल भी सफल रहा है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने योजना की पुष्टि करते हुए कहा, 'अब अगली क्लाउड सीडिंग होगी...केवल बादलों का इंतजार है और 29 तारीख 30 तारीख के आसपास जैसे ही बादल आएंगे, दिल्ली के अंदर एक बार बरसात कराके दिल्ली के मौसम को बेहतर करने की कोशिश की जाएगी' इस तकनीक में एयरक्राफ्ट की मदद से बादलों पर रसायनों का छिड़काव कर बारिश कराई जाती है. सरकार का मानना है कि यह कदम सफल होने पर दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में सुधार होगा और लोगों को जहरीली धुंध से बड़ी राहत मिलेगी. इसके अलावा, प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए एंटी-स्मॉग गन और सड़कों पर पानी के छिड़काव जैसे अन्य उपाय भी किए जा रहे हैं.
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने एक विशेष आयोजन में सामूहिक सुंदरकांड पाठ का नेतृत्व किया. इस दौरान उन्होंने विश्व भर के सनातनी हिंदुओं की रक्षा और शिक्षा के लिए एक संकल्प भी लिया. आयोजन में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, 'हे हनुमान जी, हे बागेश्वर बालाजी... सम्पूर्ण विश्व में व्याप्त सनातनीय हिन्दुओं की रक्षा के लिए इस सुंदरकांड का फल सभी हिंदुओं को प्राप्त हो' उन्होंने वहां मौजूद भक्तों को अपने हाथ में जल लेकर (या मानसिक रूप से) हनुमान जी, बागेश्वर बालाजी और सन्यासी बाबा का स्मरण करते हुए यह संकल्प लेने का निर्देश दिया. इस पाठ का मुख्य उद्देश्य सनातन धर्म की रक्षा और वैश्विक हिंदू समुदाय का कल्याण बताया गया.
जीएनटी स्पेशल में आज बात चार धाम यात्रा के समापन की, जिसमें इस वर्ष रिकॉर्ड 50 लाख से ज़्यादा श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में भाई दूज के अवसर पर केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। मुख्यमंत्री धामी ने कहा, 'इस वर्ष चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड तीर्थयात्री पहुंचे, बाबा केदार के धाम की यात्रा अब सकुशल सम्पन्न हो चुकी है.
GNT स्पेशल के इस अंक में भाई दूज पर्व के महत्व पर विस्तार से चर्चा की गई है। इस रिपोर्ट में यमराज, उनकी बहन यमुना और चित्रगुप्त से जुड़ी पौराणिक कथाओं को उजागर किया गया है। मान्यता है कि यमराज ने अपनी बहन को वचन दिया था कि, 'आज के दिन मैं हमेशा आपके पास आऊंगा। अब मैं अपने दिन में नागा नहीं करूँगा।' इसी मान्यता के चलते भाई दूज का पर्व मनाया जाता है.
इस प्रवचन में मन के अंतहीन इच्छाओं पर नियंत्रण और ईश्वर-भक्ति के महत्व पर प्रकाश डाला गया है. धीरेंद्र शास्त्री ने संत तुकाराम और गुजरात के डब्बू महाराज व उनके गुरु अवधूतानंद की कथाओं के माध्यम से अपनी बात रखी. प्रवचन का एक महत्वपूर्ण सूत्र है, 'गुरु शिष्य का गुरुनाश करता है', जिसका अर्थ है कि सच्चा गुरु शिष्य के अहंकार का नाश करता है. कथा के अनुसार, गुरु अवधूतानंद ने क्रोध में अपने शिष्य डब्बू को 'मरिहो लोटा सु खपड़िया फूट जइयो' का श्राप रूपी मंत्र दिया। शिष्य ने इसी वाक्य को गुरुमंत्र मानकर इतनी श्रद्धा से जपा कि उसमें चमत्कार करने की शक्ति आ गई और उसने एक राजकुमार को ठीक कर दिया. यह कथा गुरु के वाक्यों में अटूट विश्वास के फल को दर्शाती है और बताती है कि नकारात्मकता में भी सकारात्मकता कैसे खोजी जा सकती है.
गोवर्धन पूजा के अवसर पर पूरे देश में धूम है, विशेषकर दिल्ली के स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर में जहाँ भगवान को 1232 प्रकार के व्यंजनों का भव्य अन्नकूट भोग लगाया गया। हमारी संवाददाता श्वेता झा की रिपोर्ट में इस उत्सव के अनूठे रंग दिखाए गए, जिसमें आधुनिक व्यंजन जैसे पिज्जा, बर्गर और केक भी शामिल थे। जैसा कि एक ज्योतिषाचार्य ने बताया, 'अन्नम ब्रह्म रसो विष्णु भुक्त देवो महेश्वर अर्थात इस अन्न में ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों का वास होता है.
आज देशभर में गोवर्धन और अन्नकूट का महापर्व मनाया जा रहा है. GNT के खास शो 'महा उत्सव' में मथुरा, काशी से लेकर दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर तक की तस्वीरें प्रस्तुत की गईं. इस अवसर पर अक्षरधाम मंदिर में भगवान कृष्ण को 1232 व्यंजनों का भोग लगाया गया, जिसमें केक, बर्गर और पिज्जा जैसे आधुनिक व्यंजन भी शामिल थे. रिपोर्ट में बताया गया कि कैसे भगवान कृष्ण ने इंद्र के प्रकोप से गोकुलवासियों की रक्षा के लिए अपनी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाया था. इसी परंपरा के तहत आज मंदिरों और घरों में गोबर से पर्वत बनाकर और गौ माता की पूजा कर प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त किया जा रहा है. गौ पूजन का विशेष महत्व है क्योंकि गाय को लक्ष्मी का स्वरूप और 33 कोटि देवी-देवताओं का वास स्थान माना जाता है. दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर और मथुरा में श्रद्धालु भगवान कृष्ण और गोवर्धन पर्वत की पूजा-अर्चना कर रहे हैं. विशेषज्ञों ने पूजा की विधि और शुभ मुहूर्त की जानकारी भी दी. इसके साथ ही, कल मनाए जाने वाले भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक, भाई दूज की तैयारियों पर भी चर्चा की गई.
देशभर में गोवर्धन पूजा का पर्व धूमधाम से मनाया गया. दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर में 1232 व्यंजनों का भव्य अन्नकूट महोत्सव आकर्षण का केंद्र रहा, जिसमें भगवान को पारंपरिक और आधुनिक पकवानों का भोग लगाया गया. गुड न्यूज़ टुडे की विशेष कवरेज में अक्षरधाम मंदिर से इस उत्सव का आंखों देखा हाल प्रस्तुत किया गया. पंडित संजय शर्मा, अरविंद जी और नितीशा मल्होत्रा जैसे विशेषज्ञों ने गोवर्धन पूजा के महत्व और विधि पर प्रकाश डाला. पंडित संजय शर्मा ने अन्न को व्यर्थ न करने का संदेश दिया, जबकि नितीशा मल्होत्रा ने घर में गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाने की सही दिशा बताई.
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपनी हनुमंत कथा में अहंकार त्यागकर भक्ति के मार्ग पर चलने का आह्वान किया. उन्होंने श्रोताओं को अभिमान से बचने की सलाह देते हुए कहा, 'जिसे मैं की हवा लगी, उसे ना कभी दुआ लगी, ना दवा लगी'. अपनी बात को समझाने के लिए शास्त्री ने चंगीलाल और मंगीलाल नाम के दो मित्रों की कहानी सुनाई, जिसमें बताया गया कि कैसे लोग अपने छोटे से काम का भी बार-बार बखान कर दुनिया को जताना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि जो बताने में कम और करने में ज़्यादा समय लगाता है, उसी का प्रताप चारों युग में होता है. शास्त्री ने हनुमान जी का उदाहरण देते हुए कहा कि हमें अपनी प्रशंसा सुनने के बजाय भगवान की कथा सुननी चाहिए, क्योंकि कथा सुनने से अभिमान नष्ट होता है और हृदय में भक्ति का संचार होता है.
भारत में दिवाली सिर्फ एक त्यौहार नहीं, बल्कि कई संस्कृतियों और परंपराओं का संगम है। गुड न्यूज़ टुडे की इस खास रिपोर्ट में देखिए देश के कोने-कोने से दिवाली के अद्भुत रंग। गुजरात के सावरकुंडला में जहां पटाखे फेंककर 'इंगोरिया युद्ध' की परंपरा निभाई गई, वहीं तमिलनाडु के शिवकाशी में ड्रोन शो ने आसमान को रोशन कर दिया। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में भी ड्रोन से रामायण के दृश्य दिखाए गए.
एक आध्यात्मिक प्रवचन में, एक कथावाचक ने सत्संग के सात प्रमुख लाभों पर विस्तार से चर्चा की, जिसमें विचार शुद्धि, इंद्रिय निग्रह और बुद्धि शुद्धि शामिल हैं. उन्होंने कहा, 'धन कितना भी तुम धन, धन, धन कर लो, जब मरोगे तो कार्ड में निधन ही लिखेगा.' कथावाचक ने मोबाइल फोन के अत्यधिक उपयोग की कड़ी आलोचना करते हुए इसे आधुनिक जीवन का सबसे बड़ा भटकाव बताया और इसकी तुलना एक ऐसे व्यसन से की जिसमें व्यक्ति पूरी तरह फंस चुका है. उन्होंने रामचरितमानस का उदाहरण देते हुए श्रोताओं को रोज थोड़ा समय सत्संग और भगवत कथा के लिए निकालने की प्रेरणा दी. प्रवचन में इस बात पर भी जोर दिया गया कि धन का सही उपयोग गरीबों की सेवा और जरूरतमंद बेटियों के विवाह जैसे सत्कार्यों में करना चाहिए, क्योंकि अंत में केवल पुण्य कर्म ही साथ जाते हैं.