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GNT स्पेशल

बप्पा के अद्भुत रूप, डिजिटल दुनिया में भी धूम, गणेश पंडालों में दिख रहा 'शौर्य का सिंदूरी रंग'... देखिए रिपोर्ट

01 सितंबर 2025

गणेश उत्सव के अवसर पर देशभर में बप्पा के विविध रूप देखने को मिल रहे हैं। भौतिक दुनिया के साथ-साथ डिजिटल माध्यम पर भी गणपति के अनेक अवतार वायरल हो रहे हैं। इंटरनेट पर बप्पा कभी डीजीपी, कभी कृष्ण, कभी तिरुपति, तो कभी पलकें झपकाते हुए या लेजर लाइट से आकार लेते दिख रहे हैं। पुष्पा अवतार, वन लोक, शेष शैया और प्रयागराज कुंभ जैसे रूप भी सोशल मीडिया पर छाए हैं। इसके अलावा, इको-फ्रेंडली मूर्तियों का चलन भी बढ़ा है, जैसे सूरत में 350 किलो टिश्यू पेपर से बनी 16 फीट ऊंची प्रतिमा और वाशिम में दालों से तैयार की गई मूर्ति। सामाजिक संदेशों के साथ भी बप्पा विराजमान हैं.

भगवान गणेश की भक्ति में सराबोर है देश, हर शहर.. हर गली मोहल्ले में आरती की गूंज..देखिए स्पेशल रिपोर्ट

01 सितंबर 2025

देशभर में गणपति महोत्सव की रौनक है. देश का कोना कोना भक्ति और उल्लास से भरा है। हर शहर हर गली मोहल्ले में आरती की गूंज, फूलों की महक और मोदक का स्वाद है, तो कहीं बाप्पा को विदाई दी जा रही है. अगले बरस फिर आने की कामना की जा रही है. मुंबई का कोना कोना गणपति के रंग में रंगा है..क्योंकि यहां गणेशोत्सव का मतलब उत्सव होता है महोत्सव होता है.. जश्न होता है... जिसका इतंजार पूरे साल किया जाता है.. यहां क्या आम क्या खास हर कोई इस पर्व में शामिल होता है.. जिसकी तस्वीरें आप देख रहे हैं....मुंबई के गणेश महोत्सव में शामिल होने के लिए लोग देश ही नहीं विदेश से भी पहुंचते हैं. इतना ही नहीं बॉलीवुड के सितारे भी गणेश उत्सव के रंग में रंगे हुए नज़र आ रहे हैं.

बरसाना में राधा अष्टमी की धूम, 5253वां जन्मोत्सव, राधा-कृष्ण का अटूट प्रेम

31 अगस्त 2025

बरसाना में राधा अष्टमी का उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस वर्ष राधा रानी का 5253वां जन्मोत्सव है. भाद्रपद शुक्ल पक्ष की अष्टमी को भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के 15 दिन बाद राधा रानी का जन्मोत्सव मनाया जाता है. बरसाना के ब्रह्मांचल पर्वत पर स्थित राधा रानी मंदिर में प्रमुख आयोजन हो रहा है. सुबह 4 बजे से 1 घंटे तक राधा रानी का विशेष महाभिषेक किया गया, जिसमें 27 कुओं से लाए गए जल और 11 क्विंटल पंचामृत का उपयोग हुआ. बरसाना को आकर्षक लाइटिंग और 51 भव्य द्वारों से सजाया गया है. लाखों श्रद्धालु इस उत्सव में भाग लेने के लिए बरसाना, मथुरा और वृंदावन पहुंचे हैं. श्री कृष्ण जन्म स्थान पर भी राधा रानी का जन्मोत्सव दिव्य और भव्य तरीके से मनाया गया. शास्त्रों के अनुसार, श्री कृष्ण और राधा में कोई अंतर नहीं है. श्री कृष्ण कहते हैं, "अहम् सर्वस्य प्रभो मत्त सर्वम प्रवर्तते इति मतवा भजनते माँ बुद्धा भाव समन्वितः". राधा को श्री कृष्ण की अहलादिनी शक्ति माना जाता है. राधा अष्टमी का व्रत जन्माष्टमी की पूजा का पूर्ण फल प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन राधा रानी के चरणों के दर्शन होते हैं.

यूपी का जादुई नंबर 112, राज्य के 24 करोड़ लोगों की हर मुसीबत का हल! जानिए इसके बारे में

31 अगस्त 2025

उत्तर प्रदेश की आबादी 24 करोड़ है, जिसमें अपराध और आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए डायल 112 एक एकीकृत सेवा के रूप में कार्य करता है. पहले डायल 100 के नाम से जानी जाने वाली यह सेवा नवंबर 2016 से डायल 112 के नाम से उपलब्ध है. डायल 112 पुलिस, मेडिकल और फायर जैसी सभी आपातकालीन जरूरतों के लिए एक ही नंबर प्रदान करता है. यह सेवा 24 घंटे उपलब्ध रहती है और प्रतिदिन 80,000 से 1,00,000 कॉल प्राप्त करती है, जिनमें से 40,000 से 45,000 शिकायतें दर्ज की जाती हैं. सेवा के तहत 6278 वाहन तैनात हैं, जिनमें 4278 चार पहिया वैन और 2000 बाइक शामिल हैं. डायल 112 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे WhatsApp, Facebook, X और Instagram के माध्यम से भी सहायता प्रदान करता है. यह सेवा सटीक स्थान का पता लगाकर डेढ़ मिनट में वाहन रवाना करती है और 7 मिनट के भीतर शिकायतकर्ता तक पहुँच जाती है. डायल 112 ने आत्महत्या रोकने, सड़क पर गाड़ी खराब होने, परीक्षार्थियों की मदद, कोविड राहत कार्यों और बड़ी घटनाओं की निगरानी जैसे कार्य किए हैं. प्रतिदिन 10,000 से 15,000 न्यूसेंस कॉल भी आती हैं, जिन पर कार्रवाई की जाती है. यह सेवा उत्तर प्रदेश के लिए एक सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करती है.

बरसाना में राधाष्टमी की धूम, 5253वां जन्मोत्सव और राधा-कृष्ण का रहस्य!

31 अगस्त 2025

देशभर में गणेश उत्सव के बीच, बरसाना में राधा रानी का 5253वां जन्मोत्सव राधाष्टमी के अवसर पर धूमधाम से मनाया जा रहा है. सुबह 5:00 बजे राधा रानी का विशेष महाभिषेक किया गया, जिसमें 27 कुओं से जल और 11 क्विंटल पंचामृत का उपयोग हुआ. इस भव्य उत्सव में लाखों श्रद्धालु बरसाना पहुंचे हैं. राधा रानी के गांव बरसाना को आकर्षक लाइटिंग और 51 भव्य द्वारों से सजाया गया है. मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन के 15 दिन बाद भाद्रपद शुक्ल पक्ष की अष्टमी को राधा रानी का जन्मोत्सव मनाया जाता है. तत्व ज्ञानियों के अनुसार, "राधा बिना श्याम है आधा और जहां कृष्ण वहां राधा". राधा को श्री कृष्ण की अहलादिनी शक्ति माना जाता है, जो उनकी ऊर्जा और आत्मा हैं. राधा रानी की पूजा के बिना श्री कृष्ण की जन्माष्टमी की पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती है. इस अवसर पर पूरे ब्रजमंडल में भक्ति का माहौल है, जहां लोग एक-दूसरे को जन्मोत्सव की बधाई दे रहे हैं.

राधा अष्टमी 2025 : कृष्ण की आत्मा क्यों कहलाती हैं राधा?

31 अगस्त 2025

ब्रज मंडल में राधा अष्टमी का उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है. मान्यता है कि राधा के बिना कृष्ण अधूरे हैं. गीता के दसवें अध्याय में भगवान कृष्ण ने स्वयं को समस्त सृष्टि का उद्गम बताया है. इसके बावजूद, ब्रज में कृष्ण से अधिक राधा नाम की महिमा गाई जाती है. तत्व ज्ञानी महात्माओं के अनुसार, राधा कृष्ण की अहलादिनी शक्ति हैं. कृष्ण शरीर हैं तो राधा आत्मा हैं, कृष्ण पुष्प हैं तो राधा सुगंध हैं.

बरसाना में राधा अष्टमी की धूम, क्या है राधा-कृष्ण के प्रेम का रहस्य?

31 अगस्त 2025

बरसाना में राधा अष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. आज तड़के 5 बजे राधा रानी का विशिष्ट महा अभिषेक किया गया. यह राधा रानी का 5253वां जन्मोत्सव है, जो भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के 15 दिन बाद भाद्रपद शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है. बरसाना स्थित ब्रह्मांचल पर्वत पर राधा रानी के मंदिर में प्रमुख आयोजन हो रहा है. हजारों श्रद्धालु इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए बरसाना पहुंचे हैं.

बड़ों की सलाह क्यों होती है ज़रूरी? जानिए बागेश्वर धाम से

31 अगस्त 2025

जीवन में बड़े-बुजुर्गों की सलाह का महत्व बताया गया है. हनुमान जी ने भी जामवंत जी की बात मानी थी. गांधीधाम में एक लड़के की शादी में बारात में बूढ़ों के शामिल न होने की शर्त रखी गई. लड़के के नाना को सामान में छिपाकर ले जाया गया. लड़की के पिता ने शुद्ध दूध की नदी बहाने की शर्त रखी, जिस पर नाना ने पानी खाली करने की शर्त रखकर समाधान दिया.

राधाष्टमी: कृष्ण की आत्मा हैं राधा, ब्रज में राधा नाम की धूम! देखिए

31 अगस्त 2025

देश भर में राधाष्टमी का पावन अवसर आ गया है. ब्रज मंडल में राधा रानी जी का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, राधिका जी का प्राकट्य मथुरा जिले के गोकुल महावन कस्बे के नजदीक रावल गांव में हुआ था. वृषभानु और कीर्ति दा को यमुना महारानी की घोर तपस्या के बाद राधा रानी की प्राप्ति हुई थी. तत्व ज्ञानियों के मुताबिक, राधा की कृपा के बिना कृष्ण की महिमा को जान लेना असंभव है. कृष्ण अगर सृष्टि के रचयिता हैं तो राधा उनकी ऊर्जा हैं, कृष्ण शरीर हैं तो राधा आत्मा हैं. कृष्ण पुष्प हैं तो राधा सुगंध हैं. कृष्ण जल हैं तो राधा तरंग हैं. कृष्ण शब्द हैं तो राधा अर्थ हैं. कृष्ण गीत हैं तो राधा संगीत हैं. कृष्ण मुरली हैं तो राधा स्वर हैं. तत्वतः कृष्ण और राधा में कोई भेद नहीं है.

भारतीय सेना के बेजोड़ स्नाइपर्स का दम, पूर्व NSG कमांडो लकी बिष्ट से जानिए शौर्य की कहानी

30 अगस्त 2025

भारतीय सेना के स्नाइपर्स को 'एक गोली, एक कमांडर' के आदर्श वाक्य के साथ प्रशिक्षित किया जाता है, जो अकेले ही पूरी बटालियन का सामना करने की क्षमता रखते हैं. LOC से लेकर LAC तक, इन योद्धाओं को मध्य प्रदेश के महू, गुलमर्ग और मिजोरम में 48 से 72 घंटे की कठोर ट्रेनिंग दी जाती है, जिसमें 500 से 1100 मीटर तक की रेंज में फायरिंग शामिल है. आधुनिक युद्ध की जरूरतों को देखते हुए, स्नाइपर ट्रेनिंग को बेसिक और एडवांस स्तरों में बांटा गया है. सेना की मारक क्षमता को अत्याधुनिक हथियारों से और बढ़ाया जा रहा है. इसमें SVD 7.62/54 MM R जैसी स्नाइपर राइफलें और इजराइल की Tavor असॉल्ट राइफलें शामिल हैं. एक बड़ा बदलाव INSAS राइफल को हटाकर AK-203 असॉल्ट राइफल को लाना है, जो हल्की और अधिक घातक है. 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत, भारत अब SIG Sauer 716i जैसी राइफलों के साथ-साथ स्वदेशी स्नाइपर राइफलों का निर्माण और निर्यात भी कर रहा है.

गणपति की पूजा से कैसे जागृत होती है कुंडलिनी? जानें मूलाधार चक्र और मोक्ष का रहस्य

30 अगस्त 2025

भगवान गणेश को प्रथम पूज्य क्यों माना जाता है, इसका एक गूढ़ और अलौकिक रहस्य है जिसका संबंध मानव शरीर में मौजूद ऊर्जा के सात चक्रों से है. योग शास्त्र के अनुसार, गणपति मूलाधार चक्र के स्वामी हैं, जो रीढ़ के सबसे निचले हिस्से में स्थित पहला चक्र है. किसी भी आध्यात्मिक यात्रा या मोक्ष के मार्ग पर चलने के लिए सबसे पहले मूलाधार चक्र को जागृत करना अनिवार्य है. इसी चक्र में कुंडलिनी शक्ति गुप्त रूप में विद्यमान है. गणपति की आराधना और उनके स्वरूप का ध्यान करने से यह चक्र संतुलित और जागृत होता है, जिससे कुंडलिनी शक्ति का ब्रह्मांड की ऊर्जा से संबंध स्थापित होता है. एक वक्ता के अनुसार, "मोक्ष का जो पहला द्वार है, मोक्ष का जो पहला द्वार बताया गया है, वह बताया गया है भगवान गणेश जी को" इसी कारण किसी भी अनुष्ठान से पहले गणपति की वंदना की जाती है, क्योंकि उनकी कृपा के बिना आध्यात्मिक यात्रा का आरंभ संभव नहीं है.