scorecardresearch
गुड न्यूज़

GOOD PHOTOS: 9वीं के छात्र ने कबाड़ से खरीदी रॉयल इनफील्ड बना डाली ई-बाइक, एक बार चार्ज होकर चलेगी 100 KM

जुगाड़ की ई-बाइक के साथ छात्र
1/8

दिल्ली के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले एक छात्र ने कबाड़ के कलपुर्जों के साथ कलाकारी कर E-बुलेट बना डाली है. महज 15 साल की उम्र में उसने यह कमाल कर सभी को हैरान कर दिया है. करीब 45 हजार रुपये खर्च कर छात्र ने रॉयल इनफील्ड बाइक को ई-बाइक में बदला है जो एक बार चार्ज करने पर 100 किलोमीटर तक चलेगी.  

जुगाड़ की ई-बाइक के साथ छात्र
2/8

सुभाष नगर स्थित सर्वोदय बाल विद्यालय के छात्र 15 साल के राजन को कबाड़ से चीजें बनाने का शौक है. राजन ने सबसे पहले लॉकडाउन में ई-साइकिल पर प्रयोग शुरू किया था जो असफल रहा था.  

जुगाड़ की ई-बाइक के साथ छात्र
3/8

ई-साइकिल की सवारी करते समय वह गिरकर बेहोश हो गया था और चोट भी लगी थी. तब राजन के पिता दशरथ शर्मा ने डांट भी लगाई और ऐसा करने से मना भी कर दिया.  कुछ दिन के लिए राजन ने ई-बाइक बनाने की रुचि को मन में दबा लिया.  

जुगाड़ की ई-बाइक के साथ छात्र
4/8

राजन ने बताया कि लुक लगभग सेम रखा है. हेड लाइट और आगे का लुक सब सेम है. नीचे इंजन हटा दिया और उसकी जगह बैटरी लगा दी और उसका कनेक्शन डायरेक्ट कर दिया.  ई-बुलेट बनाने वाले छात्र के मुताबिक उसने अपने पिता से कहा कि कोई पुरानी रॉयल इनफील्ड चाहिए. इसके बाद खोज शुरू हुई लेकिन चेचिस नंबर के कारण इनफील्ड मिलने में परेशानी आ रही थी.

जुगाड़ की ई-बाइक के साथ छात्र
5/8

काफी तलाश करने के बाद मायापुरी कबाड़ मार्केट से वह उन्हें 10 हजार रुपये में मिल गई. राजन ने बाइक तीन दिन में बनाई लेकिन सामान एकत्र करने में उन्हें करीब 3 महीने का समय लग गया.

जुगाड़ की ई-बाइक के साथ छात्र
6/8

राजन ने इस दौरान गूगल और यूट्यूब से ई-बाइक के बारे में जानकारी जुटाई. राजन के पिता दशरथ शर्मा कहते हैं कि राजन ने जब मुझसे ये कहा तो यकीन नहीं हुआ कि इतना छोटा बच्चा कैसे ये कर लेगा. हालांकि इस तरह की चीजों में इसकी रुचि है पर बाइक बनाने के बारे में कोई सोच भी नहीं सकता. 

जुगाड़ की ई-बाइक के साथ छात्र
7/8

इस ई-बाइक की स्पीड 50  किलोमीटर प्रतिघंटा है और हाइवे पर इसकी अधिकतम स्पीड 80 किलोमीटर प्रतिघंटा तक जा सकती है. बाइक चलाने पर बैटरी गिर ना जाए, इसके लिए उसके बाहर लकड़ी का का बॉक्स लगाया गया है. 

जुगाड़ की ई-बाइक के साथ छात्र
8/8

राजन ने ई-बाइक के बाद ई-कार के निर्माण को अपना लक्ष्य बताया. राजन ने बताया कि ई-कार का मॉडल भी तैयार कर लिया है. राजन का मानना है कि पुरानी गाड़ियों को इलेक्ट्रॉनिक वाहन में बदला जाए तो स्क्रैप की टेंशन खत्म हो जाएगी और गाड़ियों की लाइफ भी बढ़ जाएगी. इससे पॉल्युशन की टेंशन भी नहीं रहेगी.