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CBSE के छात्रों के लिए गुड न्यूज: 1975 से लेकर 2004 तक के सभी रिकार्ड का होगा डिजिटलाइजेशन

सीबीएसई जल्द ही परीक्षा संबंधी रिकॉर्ड को डिजिटल करने जा रहा है. इसमें 1975 से 2004 तक के सभी परीक्षा संबंधी रिकॉर्ड का डिजिटलाइजेशन होगा. अभी तक साल 2004 से 2021 तक का दसवीं-बारहवीं का रिजल्ट डाटा ऑनलाइन मौजूद है.

1975 से साल 2004 तक के सभी cbse दस्तावेजों का होगा डिजिटलाइजेशन 1975 से साल 2004 तक के सभी cbse दस्तावेजों का होगा डिजिटलाइजेशन
हाइलाइट्स
  • अब एक क्लिक पर घर बैठे मिल जाएगा रिजल्ट

  • मार्कशीट और दस्तावेज हासिल करने में नहीं होगा वक्त बर्बाद

10वीं और 12वीं की परीक्षा दे चुके छात्रों के लिए एक गुड न्यूज आई है. अब केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से साल 2004 से पहले दसवीं व बारहवीं की परीक्षा दे चुके पूर्व छात्रों को मार्कशीट, माइग्रेशन सर्टिफिकेट व पास सर्टिफिकेट के लिए बोर्ड के चक्कर नहीं लगाने होंगे. अब छात्रों को सब एक क्लिक पर ही घर बैठे मिल जाएगा. 

1975 से 2004 तक के सभी रिकॉर्ड का होगा डिजिटलाइजेशन

सीबीएसई जल्द ही परीक्षा संबंधी रिकॉर्ड को डिजिटल करने जा रहा है. इसमें 1975 से 2004 तक के सभी परीक्षा संबंधी रिकॉर्ड का डिजिटलाइजेशन होगा. अभी तक साल 2004 से 2021 तक का दसवीं-बारहवीं का रिजल्ट डाटा ऑनलाइन मौजूद है. 


मार्कशीट और दस्तावेज हासिल करने में नहीं होगा वक्त बर्बाद

नौकरी के समय मार्कशीट तो दिखानी ही पड़ती है. लेकिन कुछ मामलों में छात्रों के पास स्कूली मार्कशीट नहीं रहते, या यूं कहें कि वो खो जाते हैं. ऐसे में उन्हें बोर्ड से डुप्लीकेट दस्तावेज निकलवाने पड़ते हैं. ऐसे में डुप्लीकेट दस्तावेज लेने में समय की खूब बर्बादी होती है. बोर्ड के इस कदम से वक्त की बचत होगी.  यह सब डिजिलॉकर में उपलब्ध करा दिए जाएंगे. साथ ही परीक्षा परिणाम संबंधी दस्तावेज सुरक्षित रहें, इसके लिए बोर्ड की तरफ से एकेडेमिक ब्लॉक चेन तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा.

2004 से 2021 तक का रिजल्ट का डाटा ऑनलाइन मौजूद

सीबीएसई के आईटी व प्रोजेक्ट निदेशक अंतरिक्ष जौहरी के मुताबिक 2004 से 2021 तक का रिजल्ट का डाटा ऑनलाइन उपलब्ध करा दिया गया है. अब 2004 से पहले के डेटा को ऑनलाइन करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दिया गयी है. अब जल्द से जल्द यह सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी. साल 1975 के रिकॉर्ड डिजिलॉकर में उपलब्ध करा दिए जाएंगे. 

बोर्ड ने 2004 में डिजिटल अकादमिक रिपोजिटरी तैयार की थी. जिसमें दसवीं से बारहवीं तक के रिजल्ट डिजिटल रूप में हैं. अब 1975 के बाद दस्तावेज को डिजिटल करने का काम जोरों पर है और एक साल के समय में इसे रिपोजिटरी में जोड़ दिया जाएगा.